ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रसांगली महाराष्ट्र के सांगली में साधुओं की पिटाई के बाद पुलिस ने 6 लोगों को हिरासत में लिया 14th September 2022 Network Mahanagar 🔊 Listen to this सांगली,(राजेश जायसवाल): महाराष्ट्र के सांगली जिले में उत्तर प्रदेश के मथुरा से आये चार साधुओं की पिटाई का मामला सामने आया है। एक कार में सवार साधुओं ने स्थानीय लोगों से रास्ता पूछ लिया था और ग्रामीणों ने उन्हें ‘बच्चा चोर’ समझा। यह अफवाह तेजी से इलाके में फैल गई और मौके पर जुटी भारी भीड़ ने उन्हें बुरी तरह पीट डाला। घटना मंगलवार की है। उमदी पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक पंकज पवार के अनुसार, चारों साधु उत्तर प्रदेश के मथुरा के रहने वाले हैं और कर्नाटक के बीजापुर से पंढरपुर दर्शन के लिए जा रहे थे। पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पुलिस का कहना है कि साधुओं की ओर से इस मामले में शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। उन्होंने कहा कि यूपी के रहने वाले चार साधु सांगली जिले के लवांगा गांव में पहुंचे थे और उन्हें पंढरपुर जाना था। तभी वह सोमवार को एक मंदिर में रात्रि विश्राम के लिए रुक गए थे। मंगलवार को वह जब आगे की यात्रा पर निकले तो एक लड़के से रास्ता पूछ लिया था। इस दौरान कुछ स्थानीय लोगों को संदेह हुआ कि ये लोग ‘बच्चा चोर’ गैंग के हैं। इस पर भीड़ जुट गई और कुछ लोगों ने साधुओं की जमकर पिटाई कर दी। मौके पर पुलिस ने पहुंचकर जांच की तो पता चला कि वे बच्चा चोर नहीं बल्कि मथुरा के पंचदशनाम जूना अखाड़ा के साधु थे। सांगली के एसपी दीक्षित गेदाम ने कहा कि सांगली में ग्रामीणों द्वारा 4 साधुओं की पिटाई का मामला सामने आया है। स्थानीय लोगों को संदेह था कि वे बच्चा चुराने वाले गैंग के सदस्य हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में अब तक हमें कोई शिकायत नहीं मिली है। लेकिन हमारी तरफ से वायरल वीडियोज और तथ्यों की पड़ताल की जा रही है। हम इस केस में जल्द ही जरूरी कार्रवाई करेंगे। आखिर क्या है पूरा मामला? घटना जाट तहसील के लवंगा गांव में उस समय हुई, जब उत्तर प्रदेश के रहने वाले चार लोग एक कार में कर्नाटक के बीजापुर से पंढरपुर शहर की ओर जा रहे थे। अधिकारी ने बताया कि चारों साधु एक महिंद्रा बोलेरो गाड़ी से सोलापुर जिले के पंढरपुर जा रहे थे। रास्ता भटकने के कारण वे लवंगा गाँव के पास एक बिजलीघर स्टेशन पर एक लड़के के पास पहुँचे और उससे रास्ता पूछने लगे। वह लड़का, जो कन्नड़ के अलावा और कोई भाषा नहीं जानता था, वो उनकी शक्ल देखकर डर गया और ‘चोर-चोर’ चिल्लाने लगा। इससे कुछ स्थानीय लोगों को संदेह हुआ कि वे बच्चों का अपहरण करने वाले आपराधिक गिरोह का हिस्सा हैं। इतने में गांव के लोग वहां जमा हो गए और साधुओं को पकड़ लिया। उनके आधार कार्ड देखे, फिर थोड़ी देर बहस हुई। बहस तेजी से बढ़ गया और स्थानीय लोगों ने साधुओं को पत्ते बेल्ट और लाठियों से पीटना शुरू कर दिया। साधुओं ने मामले का पीछा नहीं किया और वहां से चले गए। पुलिस ने घटना के वीडियो के आधार पर संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 323 और 324 के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस ने 5 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया था, जबकि 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, पुलिस का अब तक साधुओं से दोबारा संपर्क नहीं हो पाया है। पुलिस की जाँच में पाया गया कि साधु वास्तव में उत्तर प्रदेश में एक ‘अखाड़े’ के सदस्य थे और यह घटना एक गलतफहमी और दुर्भाग्यवश घटित हुई। बता दें कि भाजपा के समर्थन वाली एकनाथ शिंदे सरकार में इस तरह की घटना पर विपक्ष हमलावर हो सकता है। दरअसल, उद्धव सरकार के कार्यकाल में पालघर जिले में एक साधु की हत्या पर काफी बवाल हुआ था और भाजपा ने इसे लेकर शिवसेना पर हमला बोला था। भाजपा ने कहा था कि साधु पर हमला होना हिंदुत्व पर अटैक की तरह है और शिवसेना ने हिंदुत्व से समझौता कर लिया है। Post Views: 283