नागपुरब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य महाराष्ट्र: दुष्यंत चतुर्वेदी ने विधान परिषद की बाजी मारी 4th February 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this नागपुर: विधान परिषद की यवतमाल स्थानीय निकाय सीट के लिए उपचुनाव में दुष्यंत चतुर्वेदी ने बाजी मार ली है। कांग्रेस नेता सतीश चतुर्वेदी के पुत्र दुष्यंत ने 6 माह पहले ही शिवसेना के साथ राजनीति में प्रवेश लिया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व कांग्रेस के नेताओं से करीबी संबंध का लाभ उठाते हुए वे सत्ता में सहभागी हो सकते हैं। यवतमाल सीट से विधानपरिषद सदस्य रहते हुए तानाजी सावंत ने विधानसभा चुनाव जीता था। लिहाजा उनके इस्तीफे के बाद रिक्त हुई विधानपरिषद की सीट के लिए उपचुनाव हुआ। इस चुनाव में जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, नगरसेवक ने मतदान किए। 483 मतों में से 8 मतदान अवैध हुए।विजेता दुष्यंत चतुर्वेदी को 290 मत मिले। सुमित बाजोरिया को 185 मत मिले। शेष 4 उम्मीदवारों को एक भी मत नहीं मिले। शून्य मत वाले उम्मीदवारों में दीपक नीलावार, संजय देवकर, शंकर बडे, श्रीकांत मुनगिनवार शामिल है। दुष्यंत को उम्मीदवार बनाये जाने को लेकर आरंभ में विरोध चल रहा था। शिवसेना के ही कुछ स्थानीय नेता असहमत थे। यवतमाल की शिवसेना सांसद भावना गवली व मंत्री संजय राठौड के बारे में भी चर्चा थी कि वे उम्मीदवार चयन को लेकर असंतुष्ट है। लेकिन मतदान आने तक सहमति बना ली गई। दुष्यंत भले ही राजनीति में नए हैं लेकिन उनके पिता सतीश चतुर्वेदी राज्य की राजनीति में प्रभावशाली स्थान रखते रहे हैं। चतुर्वेदी 6 बार विधायक रहे हैं। 18 साल तक मंत्री रहे हैं। पिछले कुछ समय से चतुर्वेदी कांग्रेस में ही चर्चा में रहे। 2017 में नागपुर महानगरपालिका के चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों के विरोध में प्रचार के आरोप में उन्हें निलंबित किया गया। कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण के साथ वर्चस्व की राजनीति चलती रही। बाद में बालासाहब थोरात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बने तो चतुर्वेेदी की कांग्रेस में वापसी हुई। इस बीच दुष्यंत चतुर्वेदी शिवसेना में प्रवेश ले चुके थे। विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता परिवर्तन हुआ। शिवसेना ने भाजपा को छोड़कर कांग्रेस व राकांपा के साथ सरकार बना ली। तब शिवसेना व कांग्रेस के नेता के तौर पर चतुर्वेदी परिवार का महत्व बढ़ गया। दुष्यंत चतुर्वेदी वाणिज्य में स्नातक हैं। नागपुर में लोकमान्य तिलक जनकल्याण शिक्षण संस्था के विश्वस्त हैं। मुंबई व नागपुर में इनकी 28 से अधिक शिक्षण संस्थाएं हैं। Post Views: 203