दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य महाराष्ट्र में रेमडेसिविर की ब्लैक मार्केटिंग: फार्मा कंपनी के डायरेक्टर से पूछताछ पर भड़के फडणवीस; आधी रात पहुंचे थाने, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप 18th April 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल हो रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन पर महाराष्ट्र में शनिवार रात करीब 12 बजे सियासी बवाल हो गया। दरअसल, हुआ ये कि पुलिस को रेमडेसिविर की कालाबाजारी की जानकारी मिली थी। इसकी जांच में Bruck Pharma के डायरेक्टर राजेश डोकानिया का नाम सामने आने पर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इस बात से पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भड़क गए।फडणवीस और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर अपने कुछ समर्थकों के साथ रात में ही विलेपार्ले पुलिस स्टेशन पहुंच गए। यहां से उन्हें पता चला कि डोकानिया को पूछताछ के लिए BKC स्थित जोन-8 के DCP मंजुनाथ शिंगे के ऑफिस में ले जाया गया है। दोनों नेता वहां पहुंचे और पुलिस अफसरों से जमकर इनकी बहस हुई। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने इस मामले में 4.75 करोड़ की रेमडेसिविर को सीज भी किया है, लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की गई है। सोशल एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने सोशल मीडिया में इस बात को लिखा है।करीब एक घंटे तक पुलिस स्टेशन में रहने के बाद बाहर निकले फडणवीस ने कहा, महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार ने अचानक रात 9 बजे Bruck Pharma के एक अधिकारी को हिरासत में ले लिया। यह बहुत ही शर्मनाक घटना है। Bruck Pharma के अधिकारी को एक मंत्री के OSD ने दोपहर में कॉल कर धमकी दी थी कि तुम विपक्षी पार्टी को रेमडेसिविर कैसे सप्लाई कर सकते हो? इसके बाद देर रात 10 बजे पुलिसकर्मी उन्हें पकड़कर यहां ले आए। फडणवीस का आरोप- महाराष्ट्र सरकार गंदी राजनीति कर रहीफडवणीस ने कहा, इस घटना की सूचना मिलने पर हमने स्थानीय पुलिस स्टेशन और पुलिस उपायुक्त कार्यालय जाकर Bruck Pharma का अपराध जानने की कोशिश की है। Bruck Pharma ने महाराष्ट्र सरकार और दमन एडमिनिस्ट्रेशन से सारी अनुमति ली हुई है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने भी Bruck Pharma को ज्यादा से ज्यादा रेमडेसिविर की आपूर्ति महाराष्ट्र को करने को कहा हुआ है। इसके बावजूद महाराष्ट्र सरकार इस तरह की गंदी राजनीति कर रही है जो शर्मनाक है। रात में एक व्यापारी को बचाने क्यों गए फड़नवीस : नवाब मलिकइस मामले पर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने कहा, रात 11 बजे देवेंद्र फड़नवीस और प्रवीण दरेकर और भाजपा के नेता राजेश डोकानिया की वकालत क्यों कर रहे हैं? इसका खुलासा भाजपा को करना चाहिए। पुलिस महाराष्ट्र के हित के लिए काम कर रही है, उसे रेमडेसिविर के स्टॉक की जानकारी मिली थी, इसी वजह से राजेश को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। उद्धव के मंत्री का आरोप- केंद्र सरकार कंपनियों को धमकी दे रहीइससे पहले शनिवार को महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने आरोप लगाया था कि रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई करने वाली 16 कंपनियों को केंद्र सरकार ने धमकी दी है कि अगर उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को रेमडेसिविर की सप्लाई की, तो उनकी कंपनी का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। एक्सपोर्ट पर बैन, लेकिन देश में बेचने की इजाजत नहींनवाब मलिक ने कहा, भारत में 16 निर्यातकों को 20 लाख रेमडेसिविर के इंजेक्शन बेचने की अनुमति नहीं है। अब जबकि केंद्र सरकार ने इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, तो इसे देश में बेचने की अनुमति मांग रहे हैं, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी जा रही है। इस स्थिति में महाराष्ट्र सरकार के पास इन 16 निर्यातकों से रेमडेसिविर के स्टॉक को जब्त करने और जरूरतमंदों को आपूर्ति करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा, केंद्र सरकार ने कहा है कि रेमेडिसिविर को केवल 7 कंपनियों के माध्यम से बेचा जाना चाहिए, जो इसका उत्पादन कर रही हैं। अब ये 7 कंपनियां भी केंद्र के दबाव में मना कर रही हैं। इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है और राज्य के सभी सरकारी हॉस्पिटल्स में इसे उपलब्ध कराया जाना चाहिए।मलिक ने केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला तो बचाव में केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया को सामने आना पड़ा। मांडविया ने महाराष्ट्र सरकार के आरोप को बेबुनियाद बताते हुए मलिक को ऐसी जानकारी देने वाली 16 कंपनियों की सूची देने को कहा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों को रेमडेसिविर की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है।मांडविया ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार रेमडेसिविर के सभी निर्माताओं के संपर्क में है। रेमडेसिविर की कोई भी कोई खेप कहीं भी फंसी हुई नहीं है। केंद्र सरकार ने देश में रेमडेसिविर के उत्पादन को दोगुना कर निर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए 12 अप्रैल के बाद से 20 और प्लांट्स शुरू करने इजाजत दी है।इसी मुद्दे पर शिवसेना प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है, ‘बेशर्म और क्षुद्र राजनीति की बात करने वाले रेल मंत्री थोड़े अमीर हैं। उनके लिए पाखंड सबसे ऊपर है। देश जानना चाहेगा कि पिछले साल रेलवे के कोचों में दिए गए 1 लाख कोविड बेड का क्या हुआ? क्या महाराष्ट्र के लिए जामनगर से आने वाली ऑक्सीजन सीमा पर नहीं रुकती थी? Post Views: 158