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महाराष्ट्र: संकट के इस दौर में सेवा में लगा हर शख्स ‘भगवान’ है: उद्धव

मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते संक्रमण के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बताया कि राज्य के कोरोना मरीजों में से 80 प्रतिशत मामले ऐसे मिले, जिनमें बीमारी का कोई लक्षण नहीं मिला। बाकी के 20 प्रतिशत ऐसे थे, जिनमें हल्का या गंभीर लक्षण दिख रहा था। हमें देखना है कि इन लोगों को भी कैसे बचाया जाए। अगर किसी को भी लक्षण दिख रहे हैं तो उसे छिपाइए मत, जाकर टेस्ट कराइए।
मुख्यमंत्री ने कोरोना से संक्रमित होकर जान गंवाने वाले दो पुलिसकर्मियों के बारे में कहा, यह काफी तकलीफदेह है कि हमारे 2 पुलिसकर्मियों को अपनी जिंदगी कुर्बान करनी पड़ी। मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं। सरकार की नीतियों के अनुसार ही उनके परिवार का सहयोग किया जाएगा।
गौरतलब है कि कोरोना की जांच के मामले में महाराष्ट्र ने देश के सभी राज्यों को पछाड़ दिया है। महाराष्ट्र में एक लाख से भी अधिक लोगों का टेस्ट किया जा चुका है। यहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 7 हजार के पार जा चुका है।

प्रवासी मजदूरों के लिए हर संभव प्रयास
उद्धव ने इसके साथ ही प्रवासी मजदूरों की वापसी के मसले पर कहा, मैं सभी प्रवासी मजदूरों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि केंद्र सरकार से बात चल रही है। जो भी संभव होगा, वह किया जाएगा। लेकिन एक चीज तय है कि ट्रेन अभी नहीं चलेगी क्योंकि इससे भीड़ बढ़ने का खतरा रहेगा। नहीं तो लॉकडाउन को फिर से आगे बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी।

संकट के इस दौर में सेवा में लगा हर शख्स ‘भगवान’ है: उद्धव
उद्धव ने कहा, आज अक्षय तृतीया है लेकिन किसी तरह का सेलिब्रेशन नहीं हो रहा। मैं इसके लिए शुक्रगुजार हूं। मैं यह भी अपील करना चाहता हूं कि रमजान के इस वक्त में बाहर मत निकलिए। हर कोई पूछ रहा है कि भगवान कहां है? इस संकट के वक्त में हमारी सेवा में लगा हर कोई भगवान ही है। पुलिस, डॉक्टर, सफाईकर्मी और बाकी सभी लोग।

महाराष्ट्र में कोरोना की वजह से 323 की मौत
बता दें कि महाराष्ट्र में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 7628 पहुंच गया है। यहां अभी तक 323 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में करीब 40 निजी और सरकारी लैब में वायरस की जांच हो रही है। लक्षण न दिखने वाले मरीजों को रखने के लिए बीएमसी ने अलग व्यवस्था की है।

लक्षण न दिखना चिंता का विषय
जेजे अस्पताल के डॉक्टर अमोल वाघ के अनुसार, मरीजों में लक्षण नहीं दिखना बेहद चिंता का विषय है। मौजूदा समय में हम अधिकतर पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए लोगों की जांच कर रहे हैं। वहीं, लक्षण नहीं दिखने की वजह से मरीजों की पहचान करने में परेशानी हो रही है। भारतीय लोगों की अन्य देशों के नागरिकों की तुलना में रोग प्रतिकारक क्षमता अधिक है। मरीजों में जल्द लक्षण नजर नहीं आने का यह भी मुख्य कारण हो सकता है।