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महाराष्ट्र: CM ठाकरे ने चक्रवात प्रभावित रायगढ़ का दौरा किया, 100 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चक्रवात निसर्ग से प्रभावित रायगढ़ जिले के लिये 100 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की। जिले में बुधवार को चक्रवात आया था, जिस दौरान तेज हवाओं के साथ बारिश ने बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया। शुक्रवार को सीएम ने रायगढ़ जिले के अलीबाग तालुका के दौरे पर यह घोषणा की। उन्होंने स्थिति का जायजा लेने के लिये इलाके का दौरा किया।
मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि उन्होंने तटीय जिले में चक्रवात से हुए नुकसान का शीघ्रता से आकलन करने के लिये निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा, यह सहायता (100 करोड़ रुपये की) आपात राहत के लिये दी जाएगी। यह महज एक शुरूआत है। इसे पैकेज ना कहें। सीएम ने कहा कि बारिश के चलते कोरोना वायरस से खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने कहा, हमें बारिश से जुड़ी बीमारियां भी रोकनी होंगी। हम किसी को असहाय नहीं छोड़ सकते। बिजली आपूर्ति, संचार सेवाएं बहाल करवाना और मकानों की मरम्मत करवाना हमारी प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मुंबई से अलीबाग पहुंचे थे। उनके साथ मुंबई के उपनगरीय इलाकों और शहर के प्रभारी मंत्री आदित्य ठाकरे और असलम शेख भी थे। रायगढ़ की प्रभारी मंत्री अदिति तटकरे और जिले की कलेक्टर निधि चौधरी ने मुख्यमंत्री को चक्रवात बाद की स्थिति से अवगत कराया।

चक्रवात से राज्य में चार लोगों की मौत
चक्रवात निसर्ग राज्य में चार लोगों की जान लेने के 18 घंटे बाद पूर्व में विदर्भ क्षेत्र की ओर चला गया। अधिकारियों ने गुरुवार इस बात की जानकारी दी थी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अपने नवीनतम बुलेटिन में कहा, पूर्व में उत्तर-पूर्व की ओर जाने और एक अच्छी तरह से चिह्न्ति निम्न दबाव क्षेत्र में कमजोर होकर, वह विदर्भ क्षेत्री की ओर चला गया।
रायगढ़ जिले के श्रीवर्धन में टकराने के बाद चक्रवात पुणे की ओर चला गया और गुरुवार सुबह तक नासिक क्षेत्र से पूर्व की ओर विदर्भ क्षेत्र में आगे बढ़ा।
अब तक कम से कम 10 लोगों के घायल होने के साथ ही रायगढ़ और पुणे दोनों में ही जिलों में चक्रवात से संबंधित दो मौतें दर्ज की गई हैं।
रायगढ़ जिले के पीड़ितों में 53 वर्षीय एक दुकानदार शामिल है। वह उमेट गांव में एक बिजली के खंभे की चपेट में आ गया था, जबकि अन्य मामले में श्रीवर्धन में एक पेड़ के गिरने से उसके नीचे आकर एक 15 वर्षीय लड़के की मौत हो गई।
पुणे की बात करें तो छत से एक टिन की चादर के उड़ जाने से एक 55 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई और अन्य मामले में घर के नीचे दबने से एक 65 वर्षीय व्यक्ति की मृत्यु हो गई।
मुंबई चक्रवात की चपेट में आने से बच गई और किसी भी अन्य तटीय कोंकण जिलों में कोई जानलेवा हादसा नहीं हुआ। हालांकि, यहां जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है लेकिन घरों, इमारतों, तटीय गांव की कॉलोनियों, वाहनों, सैकड़ों पेड़ों और खेती की खड़ी फसलों आदि को भारी नुकसान पहुंचा है।