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महाराष्‍ट्र: राज्‍यपाल के पास कंगना से मिलने का समय है, पर किसानों से मिलने का नहीं: शरद पवार

मुंबई: पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने कहा है कि महाराष्‍ट्र के राज्‍यपाल के पास किसानों से मिलने का समय नहीं है जबकि वे अभिनेत्री कंगना रनौत से मिल सकते हैं। उन्‍होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि 60 दिनों से जो किसान आंदोलन कर रहे हैं, वे भारतीय हैं न कि पाकिस्‍तानी। सरकार ने कृषि कानूनों पर संसद में न तो व्‍यापक चर्चा कराई और न ही विपक्ष के बहस कराने की बात मानी। वे मुंबई के आजाद मैदान में जुटे किसानों को संबोधित कर रहे थे। इसमें अखिल भारतीय किसान सभा और अन्य संगठनों से जुड़े नासिक के सैकड़ों किसान शामिल हुए।
शरद पवार ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को तबाह करने की कोशिश कर रही है। केंद्र सरकार पर बरसते हुए उन्‍होंने कहा कि हम पिछले 60 दिनों से देख रहे हैं कि ठंड, धूप और बारिश की परवाह किए बिना उत्‍तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसान एक जुट होकर नए कृषि कानूनों के वापस लिए जाने को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इन किसानों को केंद्र सरकार पंजाब के किसान कह रही है। शरद पवार ने कहा ये किसान हमारे अपने हैं, ये पंजाब से हैं न कि पाकिस्‍तान से।

नए कृषि कानून संसद में बिना व्‍यापक चर्चा के पारित किए
उन्‍होंने कहा कि मुंबई में किसान एकजुट हुए हैं क्‍योंकि वे दिल्‍ली में आंदोलन कर रहे किसानों को अपना समर्थन दे रहे हैं, लेकिन राज्‍यपाल के पास किसानों से मिलने का समय नहीं है। राज्‍यपाल अभिनेत्री कंगना रनौत से मिल सकते हैं, लेकिन किसानों से मिलने वे यहां नहीं आए। पवार ने कहा कि ये नए कृषि कानून संसद में बिना व्‍यापक चर्चा के पारित किए गए हैं। विपक्ष ने इन कानूनों पर चर्चा और बहस की मांग की थी, उस पर शीर्ष नेता भी मौजूद थे लेकिन केंद्र सरकार ने इसे नहीं माना। हमने कहा था कि एक समिति गठित हो और उसमें सभी दलों के नेताओं को शामिल किया जाए, इसके बावजूद केंद्र सरकार ने इस पर चर्चा नहीं की।

बता दें कि दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए अखिल भारतीय किसान सभा की ओर से नाशिक से निकाले गए किसानों का वाहन मोर्चा रविवार देर शाम मुंबई पहुंच गया। सोमवार को इस मोर्चे को आजाद मैदान में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष तथा राजस्व मंत्री बाबासाहब थोरात, शिवसेना नेता तथा राज्य के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे समेत कई दलों के नेता संबोधित करेंगे। इसके बाद किसान मोर्चा लेकर राजभवन पर जाएंगे।
किसान सभा के प्रदेश महासचिव डॉ. अजित नवले ने कहा कि राज्य के 21 जिलों के 15 हजार से अधिक किसान आजाद मैदान पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि किसान अपने साथ 350 वाहन लेकर आए हैं। नवले ने बताया कि रविवार को सुबह 9 बजे किसान इगतपुरी तहसील से ढाई घंटे तक पैदल चलकर कसारा घाट को पार किया। इसके बाद किसान अपने वाहन में बैठकर मुंबई की ओर निकल पड़े।
इस दौरान कल्याण फाटा, ठाणे शहर और मुंबई शहर में किसानों का जनता की ओर से जमकर स्वागत किया गया। नवले ने कहा कि सोमवार को आजाद मैदान से मोर्चा यह मोर्चा राजभवन पर जाएगा। इसमें 50 हजार से अधिक किसान शामिल होंगे। किसान संगठनों की ओर से राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को ज्ञापन दिया जाएगा। इसमें केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून रद्द करने, चारों श्रम संहिता रद्द करने, बिजली विधेयक वापस लेने और किसानों को फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के लिए कानून बनाने की मांग की जाएगी। इसके बाद 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर मोर्चे का समापन होगा।