ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई उपनगरमुंबई शहरशहर और राज्य मां-बेटी को डसा जहरीला सांप, सांप को लेकर दोनों पहुंची अस्पताल…! 10th July 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this सायन अस्पताल में इलाज के दौरान मां-बेटी माँ की ममता के आगे भगवान ने मानी हार, दोनों की हालत खतरे से बाहर मुंबई, (राजेश जायसवाल): सांप के काटने की घटनाएं तो आपने बहुत सी सुनी, देखी या पढ़ी होंगी, लेकिन सर्पदंश की ये घटना आपको सोचने पर मजबूर कर देगी। बारिश से सराबोर मुंबई में केवल आम लोग ही नहीं, बल्कि जीव-जन्तु भी अपनी जान बचाने और सुरक्षित आसरे के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। ऐसे में जब एक जहरीला सांप आबादी वाले क्षेत्र में पहुंचा तो एक चौंकाने वाली घटना सामने आयी। जहरीले और बेहद खतरनाक सांप रैटल वाइपर ने एक घर में घुसकर मां-बेटी को डस लिया। इसके बाद जो हुआ उसने सबको चौंका कर रख दिया…!जी हाँ जहरीले सांप के काटने की ये घटना धारावी इलाके की है। धारावी बस डिपो के पास स्थित महाराष्ट्र नेचर पार्क के पास आबादी वाले एक इलाके में 18 साल की तैशीन सलीम खान अपनी मां सुल्ताना खान (34) के साथ रहती हैं। रविवार की सुबह बारिश के दौरान इनके घर में ये जहरीला रैटल वाइपर सांप घुस आया। इसकी लंबाई लगभग एक फुट थी। सांप जिस वक्त इनके घर में घुसा बेटी तैशीन दरवाजे पर खड़ी थी। सांप ने वहीं दरवाजे पर उसे काट लिया। वह जोर से चिल्लाई। उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर उसकी मां सुल्ताना खान भागकर उसकी मदद करने को पहुंची। उन्होंने सांप को पूंछ से पकड़ने का प्रयास किया। रैटल वाइपर जितना जहरीला होता है, उतना ही तेज और फुर्तीला भी होता है। पूंछ से पकड़ने जाने के दौरान सांप ने सुल्ताना को भी काट लिया। इसके बाद जो हुआ वह बेहद चौंकाने वाला था। सांप के काटे जाने के बाद मां-बेटी उस बेहद खतरनाक सांप को लेकर अस्पताल पहुंच गईं। सुल्ताना के पति सलीम खान, धारावी स्थित एक कंस्ट्रकशन कंपनी में काम करते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी और बेटी सांप को लेकर इसलिए अस्पताल पहुंच गईं, क्योंकि वो जानना चाहती थीं कि सांप कितना खतरनाक है। उसके कांटने से मौत हो सकती है या नहीं। साथ ही सांप को देखने के बाद डॉक्टरों को भी इलाज में आसानी हो। सलीम ने बताया कि जिस वक्त ये घटना हुई, वह अपने कंपनी में थे। सांप पकड़ने वाली टीम से डॉक्टरों ने ली सलाह…अस्पताल प्रबंधन के अनुसार सांप को लेकर अस्पताल पहुंची मां-बेटी को तुरंत आपातकालीन वार्ड में भर्ती कर लिया गया। वहां उन्हें तुरंत कुछ एंटीबॉयोटिक दवाइयां दी गई। साथ ही अस्पताल प्रबंधन ने सांप पकड़ने वाली टीम (Snake Catchers) को सांप के बारे में जानकारी दी। इसके बाद सांप के विशेषज्ञों ने अस्पताल के डॉक्टरों को सांप और उसके जहर के बारे में बताया। उसके आधार पर डॉक्टरों ने तुरंत मां-बेटी का इलाज शुरू कर दिया। सांप को देखकर इलाज में हुई आसानी…सायन अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार मां-बेटी, सांप को अपने साथ लायी थीं, इसलिए सांप और उसके जहर के बारे में तुरंत पता चल गया और उसी के अनुसार दोनों का तुरंत इलाज शुरू कर दिया गया। इससे इलाज में काफी आसानी हुई। रैटल वाइपर सांप इतना खतरनाक होता है कि जरा सी देरी होने पर ‘जान’ जाना तय माना जाता है। ये सांप बहुत जहरीला होता है। फिलहाल दोनों की हालत खतरे से बाहर है और मां-बेटी को वार्ड नंबर २० में शिफ्ट किया जा चुका है। उस पल को याद कर कांप जाती हूं…बेहद जहरीले सांप का शिकार होने की वजह से दोनों के हाथों में काफी सूजन है। तैशीन ने बताया कि सांप के काटने के थोड़ी देर बाद ही उसे बहुत तेज दर्द शुरू हो गया था। ऐसा लग रहा था मानों नसें फट जाएंगी। कोई हाथ में एक साथ हजारों सुई चुभा रहा हो। वह उस पल को याद कर भी कांप जाती हैं। सुल्ताना के अनुसार उनकी बेटी के हाथ में ज्यादा सूजन है। इस वजह से उसे काफी दर्द भी हो रहा है। हालांकि, डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं। सुल्ताना ने बताई पूरी दास्तान…सुल्ताना ने बताया कि सांप ने पहले बेटी को काटा। इसके बाद जब उन्होंने सांप को पूंछ से पकड़ने का प्रयास किया तो उसने उन्हें भी काट लिया। बावजूद वह हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने किसी तरह सांप के सिर को पकड़ लिया। इसके बाद वह सांप को हाथ में पकड़े हुए बेटी के साथ टैक्सी में बैठकर सायन अस्पताल पहुंच गईं। उस वक्त उन्हें कुछ नहीं सूझ रहा था। उन्हें बस एक बात पता था कि अपनी और बेटी की जान बचानी है। वह सांप को भी नुकसान नहीं पहुंचाना चाहती थीं। इसलिए उन्होंने उसे मारा नहीं, बल्कि जिंदा ही उसे पकड़कर अपने साथ अस्पताल लेती गईं। मां के हाथ में सांप देख अस्पताल में मचा हड़कंप…सुल्ताना ने बताया कि जब वह हाथ में एक बेहद जहरीला सांप लेकर अस्पताल पहुंची तो वहां भी हड़कंप मच गया। उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों को बताया कि सांप ने उन्हें और उनकी बेटी को काट लिया है। उन्होंने अस्पतालकर्मियों से कहा कि एक शीशे का जार लाकर सांप को उसमें रख दें। इसके बाद उन्होंने सांप को सुरक्षित उस जार में रख अपना इलाज करवाने में जुट गईं ! अपने बाएं हाथ को दिखाती हुई, तैशीन ने बताया कि सांप काटने के थोड़ी देर बाद ही उसे बहुत तेज दर्द शुरू हो गया, ऐसा लग रहा था मानों नसें फट जाएंगी। जानें- सांप के काटने के बाद कौन सी दवाइयां लेनी चाहिए…?सांप के दो दांत होतें हैं जो कि सांप के मुख में ऊपर की ओर होतें हैं। जब भी किसी को सांप काटता है तो वही ऊपर का दांत शरीर के मांस में धंस जाता है और सांप खून में अपना जहर छोड़ देता है। सांप आपके शरीर मे कही भी काटता है चाहे वह ऊपर की तरफ हो या फिर नीचे की तरफ। उसका जहर सबसे पहले हार्ट अर्थात दिल की तरफ सबसे पहले जाता है। उसके बाद खून के माध्यम से पूरे शरीर मे फैलता है। इस क्रिया को होने में तीन घण्टे का समय लगता है। मतलब यह है कि जहर को पूरे शरीर तक पहुंचने में तीन घण्टे का समय लगता है। अर्थात आदमी को तीन घण्टे तक कुछ नही होगा वह जीवित अवस्था मे रहेगा। जब जहर आदमी के पूरे शरीर मे फैलता है तभी आदमी की मौत होती है। दोस्तों आपके पास रोगी को बचाने के लिए तीन घण्टे का पर्याप्त समय होता है। आप इन तीन घण्टे में रोगी को बचा सकतें हैं। इसके लिए नीचे दिए गए उपचार को ध्यान से पढ़िए…एक मेडिसिन आती है आप उस मेडिसिन को होमियोपैथी की दुकान से खरीद सकतें हैं। होम्योपैथीक के दुकान पर यह आसानी से मिल जाएगी। इस मेडीसिन का नाम Naza है। आप होमियोपैथीक की दुकान पर जाएं और उससे कहिए कि मुझे नाजा-200 or Naza-200 दे दो। वह आपको तुरन्त दे देगा। इसकी 5 मिलीलीटर का दाम 50 रुपये होती है आप 50 रुपये में सैकड़ों लोगों की जान बचा सकतें हैं। कैसी बनी, नाजा-200 मेडिसिन…?नाजा मेडिसिन दुनिया के सबसे खतरनाक सांप का पॉयजन है। इस पॉयजन को दुनिया का सबसे खराब पॉयजन माना जाता है। जिस सांप से यह पॉयजन नाजा मेडिसिन बना हैं। अगर यह सांप किसी को काट ले तो भगवान भी उसे नही बचा सकतें तो आप सोच के देखिये की यह पॉयजन कितना जहरीला होगा। दोस्तों हम सब के बीच एक कहावत प्रचलित है कि लोहा को लोहा ही काटता है आयुर्वेद सिंद्धांत यह है कि जब एक सांप का जहर शरीर के अंदर चला जाता है तो दूसरे सांप जहर ही काम आता है। इसीलिए आप इस नाजा-200 को अपने घर मे रख लीजिए क्योकि यह दुनिया के सबसे खतरनाक सांप का जहर है। नाजा-200 लेने की विधि…नाजा-200 की एक बूंद हर 10 मिनट बाद रोगी के जीभ पर डालें। साधारण भाषा में- पहले 1 बूंद रोगी के जीभ पर डालें,10 मिनट बाद फिर एक बूंद जीभ पर डाले,10 मिनट बाद फिर एक बूंद जीभ पर डाले। आपको सिर्फ 3 बार ही डालना है। बस रोगी की जान बचाने के लिए 3 बूंद काफी है। आप इस उपाय से पीड़ित की जान बचा सकतें हैं। Post Views: 206