ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई उपनगरमुंबई शहरव्यवसायशहर और राज्य मुंबई: गूगल सर्च कर ट्रस्ट के नाम पर होलसेल व्यापारियों को लगता था चूना! गिरफ्तार 6th January 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this पुलिस की गिरफ्त में आरोपी सचिन शाह (फाइल फोटो) मुंबई: होलसेल दुकानों में आम दुकानों की तुलना सामान सस्ता मिलता है। लेकिन 40 साल का सचिन शाह गरीबों की मदद करने के नाम पर इन होलसेल दुकानदारों से सामान और भी सस्ता ले लेता था। इन दुकानदारों को बदले में कुछ भी नहीं मिलता था। सचिन उनका सामान आम दुकानदारों को बेचकर भाग जाता था। मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट-2 की टीम ने उसे सोमवार को मालाड से गिरफ्तार किया है। अंदेशा है कि उसने पूरे महाराष्ट्र में अब तक 500 से ज्यादा होलसेल व्यापारियों को ठगा होगा।सचिन ने सीनियर इंस्पेक्टर संजय निकुंबे, आनंद देशमुख और हृदय मिश्रा की टीम को बताया कि वह गूगल सर्च से मुंबई व महाराष्ट्र के अन्य शहरों में होलसेल व्यापारियों के बारे में जानकारी और उनका मोबाइल नंबर निकालता था, लेकिन उन्हें कॉल करने से पहले वह मुंबई में छोटे दुकानदारों से सस्ते रेट पर सामान बेचने का लालच देकर उनसे ऑर्डर ले लेता था। इसके बाद जिस सामान का उसने ऑर्डर लिया है, उस सामान के होलसेल व्यापारी को फोन करता था। वह कहता था कि वह एक ट्रस्ट चलाता है। यह ट्रस्ट गरीब बच्चों या गरीब लोगों की मदद करता है, इसलिए मुझे उनके लिए सामान चाहिए। होलसेल व्यापारियों को ठगने के लिए अपनाता था ये तरीका!उन्होंने बताया कि अगर उसने छोटे दुकानदारों से पेन का ऑर्डर लिया है, तो वह पेन के बिजनेस से जुड़े होलसेल दुकानदार को फोन करेगा। कहेगा कि मेरा ट्रस्ट करीब 500 बच्चों को पेन बांट रहा है। वह जगह भी बता देता था कि कहां पेन बांटे जाएंगे। होलसेल व्यापारी भी गरीब बच्चों के नाम सुनकर पेन के रेट कम कर देता था। होलसेल व्यापारी अपने किसी आदमी को सचिन शाह की बताई जगह पर ढेर सारे पेन भेज देता था। सचिन पेन लाने वाले को दो-तीन आगे की तारीख का चेक देता था। उसके बाद वह उन पेनों को उन छोटी दुकानों पर पहुंचा देता था, जिनसे उसने पेन का ऑर्डर लिया था। वहां वह कैश लेता था। इसलिए बाप को कई बार ‘मारा’!पुलिसकर्मी सचिन हरड और प्रशांत ठितमे की जांच में यह बात भी सामने आई कि होलसेल व्यापारी को चेक देने के बाद सचिन कई बार अपने वॉट्सऐप की डीपी बदल देता था। उसमें उसके पिता की फोटो के फ्रेम के आगे अगरबत्ती वाली फोटो लगी होती थी। दो-तीन बाद जब चेक बाउंस हो जाता था और जब सामने वाला उसे फोन करता था, तो वह अपने पिता की अचानक मृत्यु की उन्हें जानकारी देता था। सामनेवाला उसकी डीपी देखकर उसे सॉरी बोलता था और फिर उसे अगले 15 से 20 दिन फोन ही नहीं करता था। तब तक वह अपना मोबाइल बंद कर दूसरा नंबर बदल देता था। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के मुताबिक, हकीकत में उसके पिता की कई साल पहले मृत्यु हो चुकी है। सचिन शाह ने इसी मोडस ऑपरेंडी से चाय और ड्राइफ्रूट्स के कई होलसेल व्यापारियों को भी ठगा था। Post Views: 269