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मुंबई: नेहरू न करते युद्धविराम तो आज PoK नहीं होता: अमित शाह

मुंबई, महाराष्ट्र में चुनाव की घोषणा के साथ ही गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह चुनावी मोड में आ गए हैं। चुनाव के ऐलान के एक दिन बाद ही मुंबई पहुंचे अमित शाह ने अनुच्छेद 370 पर कांग्रेस पार्टी को जमकर लताड़ा। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक को निशाने पर रखा। शाह ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) को लेकर पहले पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू को दोषी ठहराते हुए कहा कि अगर उन्होंने 1947 में युद्धविराम का ऐलान नहीं किया होता तो POK भारत का ही हिस्सा होता।
उन्होंने राहुल गांधी को जवाब देते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 बीजेपी के लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं है, तीन पीढ़ियों ने इसके लिए बलिदान दिया है। बीजेपी नेता ने दावा किया कि महाराष्ट्र में एक बार फिर से बीजेपी की सरकार बनेगी और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनेंगे।
बता दें कि अमित शाह मुंबई में धारा 370 पर मुंबई भाजपा की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करने पहुंचे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धारा 370 और 35A हटाने के लिए बधाई दी और कहा कि भारतीय जनता पार्टी और भारतीय जनसंघ हमेशा से ही इन्हें हटाने की लड़ाई लड़ रहे थे क्योंकि ये भारत को एक करने में बाधा बने हुए थे। इस दौरान उन्हें 1947 में कश्मीर की रियासत का भारत में विलय नहीं हो पाने को लेकर पंडित नेहरू को जिम्मेदार ठहराया।

कश्मीर का विलय नहीं करा सके नेहरू
शाह ने कहा कि जिन रियासतों के विलय की जिम्मेदारी सरदार वल्लभ भाई पटेल को दी गई थी, उन सभी का सफलता से विलय हो गया, लेकिन जिस एक रियासत का जिम्मा पंडित नेहरू पर छोड़ा गया, वही भारत में शामिल नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि कश्मीर के महाराजा ने विलय से इनकार कर दिया जिसके बाद पाकिस्तान ने 20 अक्टूबर, 1947 को कश्मीर पर कबाइलियों के रूप में हमला कर दिया। इसके बाद जब महाराजा हरि सिंह ने कश्मीर का विलय भारत के साथ किया तो 27 अक्टूबर को भारतीय सेना वहां गई और धीरे-धीरे पाक की सेना को खदेड़ते गए। शाह ने आरोप लगाया कि एक दिन अचानक नेहरू ने युद्धविराम घोषित कर दिया। POK का अस्तित्व ही नहीं होता अगर युद्धविराम नहीं किया गया होता। उन्होंने कहा कि नेहरू की भूल के कारण PoK का मुद्दा खड़ा है।

राहुल गांधी-शरद पवार से सवाल
शाह ने कहा, कांग्रेस अनुच्छेद 370 की समाप्ति के पीछे राजनीति देखती है, जबकि बीजेपी इस तरह से नहीं सोचती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राकांपा सुप्रीमो शरद पवार को यह बताना चाहिए कि वह अनुच्छेद 370 की समाप्ति के पक्ष में हैं या इसका विरोध करते हैं?

370 हटने के बाद शांति
केंद्रीय गृह मंत्री ने आर्टिकल 370 को देश में आतंकवाद का कारण बताया। उन्होंने दावा किया कि इसके कारण कश्मीर से कश्मीरी पंडितों, सूफी-संतों को निकाल दिया गया और आतंकवाद चरम पर पहुंचा। अब तक 370 के कारण करीब 40,000 लोग मारे गए फिर भी कांग्रेस पूछती है कि 370 को क्यों हटाया गया। उन्होंने दावा किया कि 5 अगस्त 2019 से लेकर अब तक कश्मीर में एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। शाह ने कहा कि 370 हटने के बाद जनता शांति से अपना जीवन व्यापन कर रही है। वहां के सिर्फ 10 थानों में प्रतिबंधित धाराएं लगीं हैं जबकि 99% लैंडलाइन फोन खुल गए हैं और व्यापार भी चल रहा है।

राज्य में फिर बनेगी एनडीए की सरकार
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जीत का दावा करते हुए शाह ने कहा कि चाहे जो हो जाए, राज्य में एनडीए की सरकार ही आएगी। उन्होंने कहा कि पिछले 2-3 दिन से कांग्रेस और एनसीपी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं, लेकिन चाहे जो हो जाए राज्य में एनडीए तीन चौथाई बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि देवेंद्र फडणवीस ही सीएम होंगे। शाह के इस दावे से सीएम पद से शिवसेना के दावे के खिसकने के संकेत भी मिले हैं।