उत्तर प्रदेशमहाराष्ट्रमुंबई उपनगरमुंबई शहरशहर और राज्य मुंबई: बांद्रा में लॉकडाउन उल्लंघन के आरोपी विनय दुबे की सफाई, कहा- इस वजह से जुटी थी भीड़… 15th May 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: लॉकडाउन में पिछले महीने मुंबई के बांद्रा में भारी भीड़ इकट्ठा करने के आरोपी यूपी में औराई क्षेत्र के हरिनारायणपुर गांव निवासी विनय दुबे ने इस पूरे प्रकरण में खुद को साफ-पाक होने का दावा किया है। भारी भीड़ एकत्र होने के कारण कोविड-19 वायरस से बचाव का प्रोटोकॉल तोड़ने को लेकर निशाने पर आए विनय ने कहा कि बांद्रा की भीड़ एक एनजीओ के राशन वितरण की बात सुनकर जुटी थी न कि मेरे बुलाने पर। पिछले छह माह से बांद्रा से मेरा कोई सरोकार नहीं रहा है।गौरतलब है कि गत 28 अप्रैल को जमानत पर रिहा हुए विनय दुबे ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य शहरों में फंसे पूर्वांचल के कामगारों की समस्या एक बड़ी चुनौती है। उन्हें भिजवाने के लिए ‘उत्तर भारतीय महापंचायत’ की टीम काम कर रही है। भिवंडी से हमारी टीम ने 250 गाड़ियों में मजदूरों को उनके घर भिजवाया है।भदोही के 1200 मजदूरों की लिस्ट महाराष्ट्र सरकार को दी गई है। 15 अप्रैल को बांद्रा में जुटी भीड़ के सवाल पर उन्होंने कहा कि वहां की भीड़ गांव जाने के लिए नहीं जुटी थी, बल्कि एक एनजीओ के बुलाने पर राशन लेने के लिए आई थी। उन लोगों की व्यवस्था ढाई सौ लोगों की थी, लेकिन वहां भीड़ लगभग छह हजार पहुंच गई। एनजीओ के लोग अपनी व्यवस्था के मुताबिक राशन वितरण कर चले गए, मगर भीड़ भड़क गई और कहने लगी कि हमें राशन भी नहीं उपलब्ध करा पा रहे हो तो गांव भिजवा दो।बांद्रा के जिस स्टेशन के समीप भीड़ जुटी थी, वहां से बाहर ट्रेनें नहीं जातीं। वह केवल लोकल ट्रेनों के आवागमन का केंद्र है। इससे गांव जाने के लिए मजदूरों की भीड़ जुटने का कोई औचित्य ही नहीं था। मजदूरों को घर भिजवाने से जुड़ा मेरा वीडियो शाम को 5:40 बजे जारी किया गया था, जबकि बांद्रा का हंगामा दोपहर तक ही हो चुका था।दुबे ने खुद पर तबलीगी जमात से संबंध होने और शाहीन बाग जाने को लेकर लगे आरोपों पर कहा कि तबलीगी जमात से मेरा कोई संबंध नहीं है। जमातियों का मसला केवल मजदूरों की समस्या से ध्यान हटाने के लिए सरकार का बैकअप प्लान है। उन्होंने कहा कि शाहीन बाग धरने पर मैं गया था, लेकिन वहां जाने का मकसद केवल एनआरसी का विरोध था। सीएए का विरोध हमारे उद्देश्य में शामिल नहीं था। असम में एनआरसी लागू होने के समय से ही हम उसका विरोध कर रहे हैं। Post Views: 180