दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहर

मुंबई में एसटी कर्मचारियों ने शरद पवार के घर पर किया पथराव; जूते-चप्पल भी फेंके!

मुंबई: पिछले 5 महीनों से लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एसटी) बसों के कर्मचारी, आज प्रोटेस्ट करते हुए एनसीपी सुप्रीमों शरद पवार के मुंबई स्थित आवास ‘सिल्वर ओक’ पहुँच गए। यहां एसटी कर्मचारियों ने विरोध-प्रदर्शन करते हुए जूते-चप्पल भी फेंके।
ख़बर है कि आंदोलनकारी कर्मचारियों ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार के घर पर अचानक धावा बोल दिया और पथराव किया।
इस घटनाक्रम ने मुंबई पुलिस को भी आश्चर्यचकित कर दिया, जब कई महिलाओं सहित बड़ी संख्या में नाराज राज्य परिवहन कर्मचारियों ने पहले राज्य सरकार के साथ एमएसआरटीसी के विलय की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया और महाविकास अघाड़ी और शरद पवार के खिलाफ नारे लगाए। इसके बाद उन्होंने पवार के घर पर पथराव भी किया।
कर्मचारियों के छोटे-छोटे समूह ‘सिल्वर ओक’ बिल्डिंग में उच्च सुरक्षा वाले पवार आवास की ओर भागते हुए देखे गए। उन्होंने सुरक्षा बैरिकेड्स तोड़ दिए, नारेबाजी की और उनके घर पर पथराव किया और जूते-चप्पल फेंके।
अप्रत्याशित हमले से स्तब्ध, शरद पवार की बेटी और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, आंदोलनकारी राज्य परिवहन कर्मचारियों की भीड़ के बीच घर से बाहर निकली और उनसे शांत रहने और बातचीत के लिए बैठक करने की अपील की। सुप्रिया ने कहा, मैं आपसे हाथ जोड़कर विनती कर रही हूं…कृपया शांत रहें, मेरे माता-पिता और मेरे बच्चे घर पर हैं। इस तरह का व्यवहार न करें। सुले ने परिवहन कर्मचारियों से बार-बार आग्रह किया कि वह इस समय बातचीत के लिए बैठने के लिए तैयार हैं’ लेकिन वे सुनने के मूड में नहीं दिखाई दे रहे हैं।
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार को जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई है और अभूतपूर्व हमले ने संभावित खुफिया विफलता पर सवाल उठाए हैं, खासकर जब गृह विभाग राकांपा के मंत्री दिलीप वलसे पाटिल द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है।
घटना के तुरंत बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लाया गया। पिछले पांच महीनों से आंदोलन की राह पर उतरे कर्मचारियों को पीछे हटाया गया। एमवीए नेताओं ने उनके एक नेता गुणरत्न सदावर्ते को सरकार के साथ उच्चतम स्तर पर बातचीत के बावजूद पवार के घर पर हमले के लिए दोषी ठहराया।
गौरतलब है कि राज्य परिवहन विभाग की जिम्मेदारी शिवसेना नेता अनिल परब के पास है।परिवहन कर्मचारियों के इस कदम की राजनीतिक हलकों और सोशल मीडिया के माध्यम से कड़ी निंदा की गई है।