महाराष्ट्रमुंबई उपनगरमुंबई शहरशहर और राज्य मोटरमैनों के अधिकारों और सुविधाओं को लेकर छिड़ी बहस,निकालना होगा समाधान 21st July 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था विडियो… मुंबई, हाल में मोटरमैन ने ट्रेन रोककर लघुशंका की थी, जिसका विडियो वायरल हो गया था। यह घटना बुधवार को विट्ठलवाडी-कल्याण रूट पर घटित हुई थी। इसके बाद मोटरमैन और गार्ड के लिए इस तरह की आपातकालीन सुविधाओं को लेकर बहस छिड़ गई है। बता दें कि इसी दिन ओवरहेड वायर भी टूटा था, ऐसी स्थिति में सामान्य रूप से लोकल ट्रेनें लेट चल रही थीं। जिससे मोटरमैन या गार्ड की परेशानियां स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती हैं। ओवरहेड वायर टूटने की वजह से अंबरनाथ से सीएसएमटी लोकल साढ़े तीन घंटे में पहुंची। उसी लोकल ट्रेन के मोटरमैन ने रेड सिग्नल देखने के बाद ट्रेन रोकी और लघुशंका के लिए ट्रेन से उतर गया। रनिंग रूम में भी है सुविधाओं का अभाव…विडियो वायरल होने के बाद मोटरमैनों ने बताया कि मध्य और पश्चिम रेलवे पर रनिंग रूम में भी पर्याप्त सुविधाएं नहीं होती हैं। मुंबई में मोटरमैन की संख्या की बात करें, तो अब भी कई पद रिक्त पड़े हैं। मोटरमैनों के अनुसार, रिक्त पदों को भरने में कोताही बरती जा रही है, इसलिए मौजूदा मोटरमैनों को अतिरिक्त ड्यूटी करनी पड़ रही है। पश्चिम रेलवे मोटरमैन संगठन के संस्थापक बी.एस.राठ ने बताया कि जिन रनिंग रूम में मोटरमैन और गार्ड को थोड़ी देर आराम का समय मिलता है, वहां भी शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था नाकाफी है। मोटरमैनों की मांग है कि इन मूलभूत सुविधाओं की ओर ध्यान दिया जाए। जरूरी सामान से भरा भारी बैग…मध्य रेलवे पर उपनगरीय ट्रेन सेवाओं के लिए 139 रेक सेवा में हैं। इनमें से 134 मुंबई, जबकि 5 रेक पुणे में चलते हैं। इन रेक में मोटरमैनों के लिए बैठने की व्यवस्था भी अलग-अलग प्रकार की होती है। सीटें आरामदायक नहीं होने के कारण भी मोटरमैनों को तकलीफ होती है। मोटरमैनों का कहना है कि ड्यूटी पर निकलते वक्त वे जिस ब्रीफकेस को ले जाते हैं, उसका भी वजन 4-5 किलो होता है। इस बैग में लोहे की चाबियां, झंडी, सुरक्षा संबंधी पुस्तकें और अन्य सामग्री होती है। इन बैग को ढोने के कारण पीठ दर्द की भी शिकायत रहती है। पहले भी की गई थी मांग…मध्य रेलवे पर मोटरमैन के 290 पद भरे जाने हैं। रेलवे की ओर से रेड सिग्नल जंप करने वाले 24 मोटरमैनों को निलंबित किया गया था। इन सभी मामलों में मोटरमैनों ने रेलवे प्रशासन को ध्यान देने के लिए कहा है। इसी विषय पर गत 10 अगस्त 2018 को मध्य रेलवे के 700 मोटरमैनों ने ओवर टाइम करने के मना कर दिया था। मोटरमैन केबिन में शौचालय की व्यवस्था करने की मांग पूर्व में भी कई नेताओं और मोटरमैन के संगठनों ने की है। वास्तविक तौर पर इसे पूरा करना संभव नहीं है। मुख्य स्टेशनों के प्लैटफॉर्म के दोनों छोर पर मोटरमैन केबिन के सामने शौचालय की व्यवस्था की जा सकती है। Post Views: 206