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रमजान में सामूहिक नमाज़ के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का अनुमति देने से इनकार…कहा- फिलहाल नागरिकों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण

मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते पैदा हुई विषम परिस्थिति को देखते हुए रमजान के दौरान मस्जिद में सामुहिक रुप से नमाज पढ़ने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि फिलहाल नागरिकों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।
बता दें कि हाईकोर्ट में मुंबई के ‘जुमा मस्जिद ट्रस्ट’ ने रमजान के दौरान सामुहिक प्रार्थना (नमाज़) की अनुमति देने की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि संविधान के अनुच्छेद 25 में नागरिकों को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार दिया गया है। इसलिए रमजान के दौरान सामुहिक प्रार्थना की अनुमति दी जाए।
अवकाशकालीन न्यायमूर्ति आरडी धानुका व न्यायमूर्ति वी जी बिस्ट की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि उत्सव मनाने व अपनी धार्मिक परंपराओं का पालन करने का अधिकार महत्वपूर्ण है लेकिन इससे भी अहम है लोगों की सुरक्षा व सार्वजनिक व्यवस्था है। राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए कड़ी पाबंदियां लगाए हैं। जिसमें हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
याचिका में दावा किया गया था कि मुंबई के जिस मस्जिद में नमाज़ पढ़ने की इजाजत मांगी जा रही है वह एक एकड़ जमीन में बनी है। इसलिए कोरोना से सुरक्षा को लेकर जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन करते हुए वहां नमाज़ पढ़ी जा सकती है। याचिका में कहा गया था कि मस्जिद में एक साथ सात हजार लोग नमाज पढ़ सकते हैं। लेकिन सभी को एक साथ न जाने दिया जाए। एक बार में सिर्फ 50 लोगों को नमाज़ के लिए जाने की अनुमति मिले।
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ज्योति चव्हाण ने याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते मुंबई सहित पूरे राज्य में गंभीर स्थिति बनी हुई है। कम से कम अगले 15 दिन सार्वजनिक प्रार्थनाओ की इजाजत नहीं दी जा सकती है। सरकार किसी भी धर्म की गतिविधियों में हस्तक्षेप नहीं कर रही है। सरकार सिर्फ लोगों को घरों में प्रार्थना करने के लिए कह रही है।
इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना की परिस्थितियों के चलते कड़ी पाबंदियां लगाई है। यह जनहित व पूरे महाराष्ट्र के लोगों की सुरक्षा के लिए लगाई गई है। ऐसे में मौजूदा जमीनी हकीकत को देखते हुए मस्जिद में नमाज़ की अनुमति नहीं दी जा सकती है। यह कहते हुए खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने मंगलवार से राज्य में संचारबंदी (कर्फ्यू) लागू की है। जिसके तहत प्रार्थना स्थलों व शॉपिंग मॉल सहित कई दुकानों को बंद करने का निर्देश जारी किया गया है और 144 धारा लागू की गई है।