उत्तर प्रदेशचुनावी हलचलब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिशहर और राज्य राज्यपाल से मिले सीएम योगी आदित्यनाथ, सौंपा इस्तीफा, शपथ ग्रहण की तैयारी में जुटे 11th March 2022 networkmahanagar 🔊 Listen to this लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भाजपा ने एक बार फिर प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल कर ली है। विपक्ष के तमाम दावों से उलट भाजपा गठबंधन की पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी हो चुकी है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का परिणाम घोषित होने के बाद आचार संहिता समाप्त हो गई है। उत्तर प्रदेश में दोबारा सरकार बनाने का मौका मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार शाम को पांच बजे अपने सरकारी आवास पर कैबिनेट की बैठक बुलाई। सीएम योगी ने पिछले कार्यकाल की यह आखिरी कैबिनेट बैठक की। एक बार फिर से यूपी की सत्ता संभालने जा रहे सीएम योगी इस्तीफा देने के लिए लखनऊ स्थित राजभवन पहुंचे और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस्तीफा देने के बाद सीएम योगी अब शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी में जुट गए हैं। बता दें कि सीएम योगी ने शुक्रवार शाम को अपने सरकारी आवास, पांच कालीदास मार्ग पर होने वाली कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में उत्तर प्रदेश विधानसभा भंग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सीएम योगी आदित्यनाथ इस बैठक में विधानसभा भंग होने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद देर शाम को राजभवन जाकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को अपना इस्तीफा सौंपा। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के गठन के लिए 10 फरवरी से सात मार्च तक सात चरण में विधानसभा का चुनाव सम्पन्न हुआ था। जिसका परिणाम गुरुवार को घोषित किया गया। जिसमें भाजपा तथा सहयोगी दल ने 273 सीट जीतकर सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया है। अब सरकार के गठन की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। उत्तर प्रदेश में भाजपा दोबारा सरकार बनाने में तो सफल रही, लेकिन पार्टी के कई दिग्गज नेता केशव प्रसाद मौर्य (उपमुख्यमंत्री) सहित ग्यारह मंत्री चुनाव हार गए। प्रदेश में भाजपा गठबंधन की आंधी तो चली, लेकिन योगी सरकार में उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य अपने गृह जनपद से चुनाव हार गए। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत में बड़ी भूमिका निभाकर उप-मुख्यमंत्री बने केशव प्रसाद वर्ष 2022 के चुनाव में अपना ‘घर’ नहीं बचा सके। अब नई सरकार में नए सिरे से मंत्रिमंडल का गठन होना है। तय है कि अब मंत्रिमंडल के सहारे भाजपा 2024 के लिए रणनीति की चौसर सजाएगी। क्षेत्रीय-जातीय संतुलन साधते हुए न सिर्फ हारे मंत्रियों के स्थान पर भरपाई नए विधायकों से की जाएगी, बल्कि फिर से दो उपमुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं, जिसके लिए विभिन्न समीकरण पूरे करते हुए प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और आगरा ग्रामीण से विधायक चुनी गईं पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्य की दावेदारी प्रबल मानी जा रही है। Post Views: 211