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राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के तुरंत बाद बाइडेन ने 15 आदेशों पर हस्ताक्षर कर ट्रम्प के फैसलों को पलटा!

वॉशिंगटन: अमेरिका को बुधवार को नया राष्ट्रपति मिल गया। 78 साल के ‘जो बाइडेन’ ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली। इसी के साथ वे अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति बन गए हैं। वहीं, कमला हैरिस ने अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। कोरोना के चलते इस बार शपथ समारोह काफी बदला हुआ नज़र आया। कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ 1200 लोग ही शामिल हुए।
जो बाइडेन ने 128 साल पुरानी बाइबिल पर हाथ रखकर राष्ट्रपति पद की शपथ ली। वहीँ कमला हैरिस ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। वे अमेरिका की 49वीं उपराष्ट्रपति हैं।

ट्रम्प के फैसले, जिन्हें बाइडेन के पलटा!
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद 15 बड़े बदलाव किए। ओवल ऑफिस में बुधवार दोपहर पत्रकारों के सामने कई कार्रवाइयों पर हस्ताक्षर करते हुए बिडेन ने कहा कि कार्यकारी आदेश, ज्ञापन और निर्देश जारी करने में समय नहीं बर्बाद करना है। आज मैं जिन फैसलों पर हस्ताक्षर कर रहा हूं, उससे कोरोना महामारी से निपटने में मदद मिलेगी।
जो बाइडेन ने सत्ता संभालते ही कोरोना महामारी पर नियंत्रण करने के लिए फैसला लिया। इसके अलावा आम लोगों को मदद के लिए आर्थिक मदद का ऐलान किया। उन्होंने क्लाइमेट चेंज को लेकर भी हस्ताक्षर किए। इसके अलावा नस्लभेद को खत्म करने और विश्व स्वास्थ्य संगठन से हटने के फैसले को रोका। बाइडेन ने बॉर्डर पर दीवार बनाने के फैसले को और उसकी फंडिंग को भी रोक दिया। इतना ही नहीं, ट्रम्प प्रशासन ने जिन मुस्लिम देशों पर बैन लगाया था उसे उन्होंने वापस ले लिया।

शपथ लेने के बाद बाइडेन ने क्या कहा?
जो बाइडेन ने बुधवार को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इसके बाद उन्होंने अपनी इनॉगरल स्पीच में लोकतंत्र, कोरोना से लेकर कैपिटल हिंसा तक का जिक्र किया। बाइडेन ने कहा, आज का दिन अमेरिका का दिन है। यह लोकतंत्र का दिन है। यह उम्मीदों का दिन है। आज हम किसी उम्मीदवार का जश्न मनाने नहीं जुटे हैं। हम लोकतंत्र के लिए यहां इकट्ठा हुए हैं।

कैपिटल हिंसा पर क्या बोले जो बाइडेन?
अमेरिका में 6 जनवरी को ट्रम्प के समर्थकों ने हिंसा की थी। इसे लेकर बाइडेन ने कहा, यहां पर हुई हिंसा ने कैपिटल की बुनियाद को हिला दिया था, जबकि दो सौ साल से सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण हो रहा था। उन्होंने कहा, मैं दोनों दलों के पूर्व राष्ट्रपति का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा। उस राष्ट्रपति को भी सलाम, जो यहां नहीं आए। लेकिन उन्हें अमेरिका की सेवा करने का मौका मिला।

कोरोना को लेकर बाइडेन ने क्या कहा?
राष्ट्रपति ने कहा, हम अच्छे लोग हैं। हमें अभी भी काफी लंबा रास्ता तय करना है। हमें बहुत कुछ करना है। हमें बहुत कुछ बनाना है, बहुत कुछ हासिल करना है। हालांकि, जैसा मुश्किल वक्त है, वैसा हमने कबी नहीं देखा। ऐसा द्वितीय विश्वयुद्ध में भी नहीं हुआ था। आज लाखों नौकरियां चली गईं, कारोबार बंद हो गए।

व्हाइट हाउस से रवाना होने से पहले ट्रंप ने बाइडन को लिखा ‘बेहद उदार’ पत्र
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस से रवाना होने से पहले ‘ओवल ऑफिस’ में उनके लिए ‘बेहद उदार’ पत्र छोड़ा है। ऐसी परंपरा है कि निवर्तमान राष्ट्रपति ओवल ऑफिस में नए राष्ट्रपति के लिए रिजॉल्यूट डेस्क पर पत्र छोड़ते हैं।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ने अपने कार्यकाल के अंत तक कई स्थापित परंपराओं को तोड़ा था, इसलिए बुधवार तक इस पर अनिश्चितता थी की क्या वह राष्ट्रपति कार्यालय में अपने उत्तराधिकारी जो बाइडन के लिए पत्र छोड़ने की परंपरा को निभाएंगे। ट्रंप ने बाइडन की जीत पर औपचारिक रूप से उन्हें बधाई भी नहीं थी।
राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में पत्रकारों से कहा, ट्रंप ने बहुत उदार पत्र लिखा है। चूंकि यह बेहद निजी है इसलिए जब तक मैं उनसे बात नहीं कर लूं तब तक इस बारे में बात नहीं कर सकता। लेकिन यह बहुत उदार है।
राष्ट्रपति ने कहा कि वह ट्रंप से बात करने की सोच रहे हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने बुधवार को अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बाइडन ओवल ऑफिस में जब पत्र पढ रहे थे, उस वक्त वह वहीं थीं।
हालांकि साकी ने भी पत्र को बेहद ‘निजी’ बताते हुए इस संबंध में विस्तार से बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘बाइडन इस बारे में आप सभी को बता चुके हैं।’
साकी ने कहा, पत्र में बहुत उदार और भली बातें लिखी गयी हैं। पत्र को बिना ट्रंप की सहमति के जारी नहीं करना यह उनके (बाइडन के) विचार को दर्शाता है लेकिन इससे यह संकेत नहीं मिलता कि वह पूर्व राष्ट्रपति को फोन करने वाले हैं।