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रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी को मुंबई पुलिस ने किया गिरफ्तार!

मुंबई: रायगढ़ पुलिस ने बुधवार सुबह रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी समेत दो अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इन पर 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर और उनकी मां को 2018 में आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप है। इस केस में अर्णब के साथ जिन दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है, उनमें एक फिरोज शेख जबकि दूसरे नितेश शारदा हैं। अर्णब गोस्वामी को वर्ली जबकि फिरोज शेख को कांदिवली और नितेश को जोगेश्वरी से गिरफ्तार किया गया है।
अर्णब की गिरफ्तारी रायगढ़ पुलिस और मुंबई पुलिस के संयुक्त अभियान में हुई है। एपीआई सचिन वाजे की टीम ने अर्णब को उनके घर से गिरफ्तार किया। आरोप के मुताबिक, रिपबल्क टीवी पर आर्टिकेक्ट फर्म ‘कॉन्कॉर्ड डिजाइन प्राइवेट लिमिटेड’ के एमडी अन्वय नाईक का 83 लाख रुपया बकाया था। नाईक ने रिपब्लिक टीवी का स्टूडियो तैयार किया था। दो अन्य कंपनियां- आईकास्टएक्स/स्काइमीडिया और स्मार्टवर्क्स भी अपना-अपना बकाया चुकाने में नाकाम रहीं। पुलिस के मुताबिक, तीनों कंपनियों पर कुल 5.40 करोड़ रुपये का बकाया था।

अर्णब ने एक घंटे बाद खोला दरवाजा
जब अलीबाग पुलिस, मुंबई पुलिस की एक टीम के साथ वर्ली स्थित अर्णब के घर पहुंची तो वहां हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। अलीबाग पुलिस ने इस आशंका में मुंबई पुलिस की मदद मांगी कि अर्णब गोस्वामी गिरफ्तारी की प्रक्रिया में बाधा खड़ी कर सकते हैं।
एपीआई वाजे के नेतृत्व में मुंबई क्राइम ब्रांच की एक टीम, स्पेशल ऑपरेशन स्क्वायड और एसपी अशोक दुधे के नेतृत्व में अलीबाग पुलिस अर्णब के घर सुबह 6 बजे पहुंची। सूत्रों ने बताया कि पूरा अभियान गुप्त रखा गया और जब तक ये टीमें गोस्वामी के 17वें फ्लोर पर स्थित आवास पर नहीं पहुंची, स्थानीय एनएम जोशी मार्ग पुलिस को भी इसका कुछ अता-पता नहीं था।
बता दें कि कुछ महीने पहले एक हमले के बाद अर्णब गोस्वामी को केंद्र सरकार की तरफ से वाई-प्लस सिक्यॉरिटी मिली हुई है। पुलिस के मुताबिक, गोस्वामी और उनकी पत्नी ने घर का दरवाजा खोलने में करीब एक घंटा लगा दिया।
एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा, अर्णब और उनकी पत्नी साम्यब्रत ने करीब एक घंटे तक दरवाजा खोलने से इनकार दिया जबकि हम उनको बताते रहे कि हम अलीबाग केस में उन्हें गिरफ्तार करने आए है। हमने एक पुलिस वाले को पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाने की जम्मेदारी दे दी ताकि हम पर कोई आरोप नहीं लगाया जाए। जब अर्णब ने दरवाजा खोला तो उनकी पत्नी वीडियो बनाने लगीं और आरोप लगा दिया कि पुलिस ने उनके (अर्णब के) साथ हाथापाई की। पुलिस ने कहा कि आईपीसी की धारा 306 के तहत अर्णब की गिरफ्तारी के लिए उन्हें अरेस्ट वॉरंट की जरूरत नहीं थी।
पुलिस ने कहा कि जब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तारी की सूचना वाला नोटिस थमाया तो उनकी पत्नी ने इसे फाड़ दिया। तब पुलिस टीम ने अर्णब को पुलिस वैन में धकेल दिया और एनएम जोशी मार्ग थाने में एक स्टेशन डायरी एंट्री की। उसके बाद उन्हें अलीबाग पुलिस को सौंप दिया गया।

अर्णब गोस्वामी ने आरोप लगाया है कि मुंबई पुलिस ने उनके ससुर, सास, बेटे और पत्नी के साथ मारपीट की है। रिपब्लिक टीवी पर जो वीडियो चल रहे हैं, उसमें दावा किया जा रहा है कि पुलिस अर्णब से बदसलूकी करती दिख रही है। अर्णब पुलिस वैन में बैठे है और अपने हाथ में लगे चोट के निशान दिखा रहे है।

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क्या है पूरा मामला?
महाराष्ट्र में 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर को खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले की पहले तफ्तीश करने वाले अधिकारी को जांच का सामना करना पड़ेगा। इसी मामले में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि पहले के जांच अधिकारी (आईओ) ने मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी और कहा था कि कोई सबूत नहीं मिला है। महाराष्ट्र सरकार ने इस साल मई में मामले की नए सिरे से जांच कराने की घोषणा की थी।

साल 2018 में अन्वय नाइक को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में गोस्वामी को गिरफ्तार किया गया है। नाइक की मौत के बाद रायगढ़ जिले के अलीबाग में गोस्वामी और अन्य के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हालांकि, आईओ ने 26 अप्रैल 2019 को स्थानीय अदालत में ‘समरी रिपोर्ट’ दायर कर कहा था कि कोई सबूत नहीं है।

तत्कालीन IO के खिलाफ भी होगी जांच
रायगढ़ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मामले को फिर से खोलने के सरकार के फैसले के बाद रायगढ़ पुलिस ने इस साल 15 अक्टूबर को अदालत को सूचित किया था कि वे तत्कालीन आईओ के खिलाफ भी जांच करेगी। कॉन्कॉर्ड डिज़ाइन्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक अन्वय नाइक ने सूइसाइड नोट में लिखा था कि गोस्वामी, आईकास्टएक्स/स्कीमीडिया के फिरोज शेख और स्मार्ट वर्क्स के नीतीश सारदा की ओर से बकाया पैसों का भुगतान न किए जाने की वजह से वह आत्महत्या कर रहे हैं।

सूइसाइड नोट में जिक्र, देने थे इतने रुपये
पुलिस ने बताया कि सूइसाइड नोट के अनुसार इन तीनों कंपनियों की ओर से नाइक को क्रमश: 83 लाख रुपये, चार करोड़ रुपये और 55 लाख रुपये दिए जाने थे।

यह मीडिया के लिए काला दिन नहीं: संजय राउत
शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता व सांसद संजय राउत ने कहा कि मुंबई पुलिस एक पेशेवर बल है। उन्होंने कहा, ‘यह मीडिया के लिए काला दिन नहीं है। पत्रकारों को भी नैतिकताओं का पालन करना चाहिए। मीडिया कोई जांच एजेंसी या अदालत नहीं है। ऐसा सर्वोच्च अदालत का कहना है। हम सभी पत्रकार हैं। जो भी गलत करेगा, पुलिस सजा देगी। राउत ने कहा, राज्य सरकार या किसी राजनीतिक दल का गिरफ्तारी से कोई लेना-देना नहीं है।