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महाराष्‍ट्र: कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी खुशखबरी- तीन महीने के बाद सभी के लिए उपलब्ध हो सकती वैक्सीन?

मुंंबई: कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी खुशखबरी है. आने वाले तीन महीने के बाद वैक्सीन सभी के लिए उपलब्ध हो सकती है. ऐसे में केंद्र सरकार के कहने पर महाराष्ट्र सरकार सबसे पहले डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना का टीका देने की तैयारी तो कर रही है लेकिन इसमें निजी डॉक्टरों को शामिल नहीं किया जा रहा है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA)ने इसको लेकर प्रधानमंंत्री नरेेंद्र मोदी को गुहार लगाई है. देश में कोरोना की महामारी के बाद जो डॉक्‍टर और स्वास्थ्यकर्मी, संक्रमित मरीज़ों की रक्षा में जुटे हैं, अब उनकी रक्षा में भेदभाव का आरोप लगा है. जिलाधिकारियों, महानगरपालिका आयुक्त और विभागीय आयुक्तों को जारी महाराष्ट्र सरकार के सर्कुलर पर सवाल उठाते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने आरोप लगाया है कि कई निजी डॉक्टर, दवाखानों, पैथोलॉजी लैब, एक्स-रे और सोनोग्राफी लैब के डॉक्टरों को इससे अलग कर दिया गया है.
IMA ने इसे सरकार का दोहरा रवैया बताते हुए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है और मांग की है कि सभी स्वास्थ्यकर्मियों को बिना भेदभाव के पहले चरण में कोरोना वैक्‍सीन दिया जाए.IMA महाराष्ट्र के अध्‍यक्ष डॉ अविनाश भोंडवे ने कहा, ‘कोविड के कारण महाराष्ट्र में 61 निजी डॉक्टरों की जान गयी है, जिनकी बीमा अर्ज़ी ख़ारिज होने का आरोप भी लगा है.’ अब इस नए सरकारी सर्कुलर पर 11,000 मेडिकल कंसल्टंट्स वाले एसोसिएशन ऑफ़ मेडिकल कंसल्टंट्स ने भी कड़ी आपत्ति जताई है.
एसोसिएशन ऑफ़ मेडिकल कंसल्टंट्स के अध्‍यक्ष डॉ दीपक बैद और एसो. की महासचिव डॉ नीलिमा वैद्य भामरे के अनुसार, जिस समय हॉटस्पॉट धारावी में कोई पैर रखने से भी डरता था. उस समय में लोगों की स्क्रीनिंग और देखभाल के लिए BMC के साथ मिलकर संगठन आगे आया था.’ धारावी आयुष डॉक्टर एसोसिएशन भी राज्‍य सरकार के सर्कुलर को मनोबल तोड़ने वाला मान रहे हैं. धारावी आयुष डॉक्टर एसोसिएशन के महासचिव डॉ अख़्तर शेख का मानना है कि महाराष्ट्र सरकार जिस तरह से टीका पाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की सूची तैयार कर रही है उसके चलते क़रीब दो लाख डॉक्टर इससे बाहर होंगे.