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वाराणसी में अवैध नियुक्तियां करने वाले शिक्षा विभाग के अफसरों के खिलाफ एसआईटी ने केस दर्ज किया

वाराणसी: यूपी के वाराणसी शहर के सरस्वती इंटर कालेज में 5 सहायक अध्यपकों की नियुक्तियों में अनियमितता पाई गई है। आरंभिक जांच में तत्कलीन जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) डॉ ओपी राय व तत्कालीन संयुक्त शिक्षा निदेशक, वाराणसी मंडल अजय कुमार द्विवेदी समेत अन्य को दोषी पाया गया है। शासन के आदेश पर एसएसआईटी ने तत्कालीन डीआईओएस समेत 10 आरोपियों के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज किया है।

यहां के सुड़िया स्थित सरस्वती इंटर कालेज में प्राथमिक संभाग में पांच सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों पर वर्ष अगस्त 2018 में की गई नियुक्ति में अनियमितता की शिकायत की गई थी। मामले में प्रधानाचार्य डॉ मनोज तिवारी की शिकायत पर मामले में पहले अपर आयुक्त प्रथम, वाराणसी मंडल ने जांच की थी। सहायक अध्यापक के पद पर चयनित अखिलेश कुमार मिश्रा, निवेदिता पांडेय, नीतू सिंह, नीलम यादव व मुन्नालाल की नियुक्तियों को वैध नहीं माना था। आरोपित शिक्षकों ने वेतन रोके जाने पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
शासन ने 6 मार्च को मामले की जांच एसएसआईटी से कराने का निर्देश दिया था। आरंभिक जांच में सामने आया कि तत्कालीन डीआईओएस व अन्य अधिकारियों की साठगांठ से वर्ष 2014 में नियुक्ति की प्रक्रिया के लिए भेजे गए पत्र का दुरुपयोग किया गया और नियमों का दरकिनार कर निर्णय किए गए। जांच में प्रबंध समिति की कोई बैठक न होने और प्रबंध समिति की वर्ष 2017 की बैठक के कार्यवृत्त में जाली हस्ताक्षर किए जाने का तथ्य भी सामने आया। इस मामले में एसएसआईटी ने तत्कालीन उप शिक्षा निदेशक रामचेत के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की संस्तुति भी की थी। शासन ने एसएसआईटी की संस्तुतियों के आधार पर मुकदमा दर्ज किए जाने का निर्देश दिया था।
डीआईओएस समेत 10 आरोपियों के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज कराया। जिसमें एसएसआईटी ने डॉ ओपी राय व अजय कुमार द्विवेदी के अलावा तत्कालीन डीआईओएस चन्द्रजीत सिंह यादव (सेवानिवृत्त), प्रधान सहायक बच्चू सिंह, तत्कालीन प्रधान सहायक संयुक्त शिक्षा निदेशक बहादुर पटेल, नीलू सिंह, मुन्नालाल, निवेदिता पांडेय, अखिलेश कुमार मिश्र व नीलम यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है।