ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई उपनगरमुंबई शहरशहर और राज्य सहकारी बैंक घोटालाः कोर्ट का निर्देश- अजित पवार और 70 अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज हो FIR… 23rd August 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई, बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को एनसीपी नेता अजित पवार तथा 70 से अधिक अन्य लोगों के खिलाफ महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाला मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि इन लोगों के खिलाफ मामले में प्रथम दृष्टया विश्वसनीय साक्ष्य हैं। न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति एसके शिन्दे ने ईओडब्ल्यू को अगले पांच दिन के भीतर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। पूर्व उपमुख्यमंत्री पवार के अलावा मामले के अन्य आरोपियों में एनसीपी नेता जयंत पाटिल तथा राज्य के 34 जिलों के विभिन्न वरिष्ठ सहकारी बैंक अधिकारी शामिल हैं। आरोपियों की मिलीभगत से 2007 से 2011 के बीच एमएससीबी को कथित तौर पर करीब 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का आरोप है।नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर ऐंड रूरल डिवेलपमेंट) ने इसका निरीक्षण किया और अर्द्ध-न्यायिक जांच आयोग ने महाराष्ट्र सहकारी सोसाइटी अधिनियम (एमसीएस) के तहत एक आरोपपत्र दाखिल किया। आरोपपत्र में पवार तथा बैंक के कई निदेशकों सहित अन्य आरोपियों को नुकसान के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। इसमें कहा गया था कि उनके फैसलों, कार्रवाइयों और निष्क्रियता से बैंक को नुकसान हुआ। नाबार्ड की ऑडिट रिपोर्ट में चीनी फैक्टरियों तथा कताई मिलों को ऋण वितरित किए जाने, ऋण के पुनर्भुगतान में और ऐसे ऋणों की वसूली में आरोपियों द्वारा कई बैंक कानूनों और आरबीआई के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किए जाने की बात सामने आई। रिपोर्ट के मुताबिक, तब पवार बैंक के निदेशक थे। निरीक्षण रिपोर्ट के बावजूद मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। स्थानीय कार्यकर्ता सुरिन्दर अरोड़ा ने साल 2015 में इस मामले को लेकर ईओडब्ल्यू में एक शिकायत दर्ज कराई और एक प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में गुहार लगाई। गुरुवार को हाई कोर्ट ने कहा कि नाबार्ड की रिपोर्ट, शिकायत और एमसीएस कानून के तहत दाखिल आरोपपत्र प्रथम दृष्टया बताते हैं कि मामले में आरोपियों के खिलाफ विश्वसनीय साक्ष्य हैं। Post Views: 205