ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्र साइन बोर्ड को मराठी में करने के मामले में महाराष्ट्र सरकार को SC का नोटिस 22nd July 2022 Network Mahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली/मुंबई: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले का विरोध करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें राज्य के सभी दुकानों के साइन बोर्ड को अनिवार्य रूप से मराठी में करने का निर्देश दिया गया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका पर बीती 23 फरवरी को सुनवाई में राज्य सरकार के इस फैसले को बरकरार रखते हुए उसे खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ एसोसिएशन सुप्रीम कोर्ट पहुंची। आज इस मामले की जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। एसोसिएशन की ओर से पेश वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश को लागू करने के निर्णय में कोई तर्क नहीं है और राज्य की भाषा की पसंद को दुकानों पर थोपा नहीं जा सकता है। वकील ने कहा मेरी दुकानों पर पथराव हुआ है। क्या आप एक भाषाई अल्पसंख्यक के रूप में मेरे अधिकारों में हस्तक्षेप कर सकते हैं? हालांकि, पीठ ने कहा कि अन्य भाषाओं में साइन बोर्ड पर रोक नहीं लगाई गई है। पीठ ने सवाल किया कि क्या आपकी अपनी भाषा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है? आप संवैधानिक सवाल क्यों लाए हैं। शंकरनारायणन ने कहा कि अन्य भाषाओं में साइन बोर्ड वर्जित नहीं हैं, पर दुकानों पर मराठी साइन बोर्ड के लिए खर्च करने की मजबूरी है जो व्यक्तिगत पसंद के आक्रमण के बराबर है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मुंबई में हर कोई मराठी जानता होगा। हाईकोर्ट ने कहा है कि अनुच्छेद 19 के तहत अधिकार पूर्ण या मुक्त नहीं हैं और इसमें उचित प्रतिबंध है। पीठ ने कहा कि उसे इस बात का ध्यान है कि देश के कुछ हिस्सों में स्थानीय लिपि के अलावा किसी अन्य लिपि का उपयोग नहीं करने की प्रथा है, लेकिन यहां ऐसा नहीं है और महाराष्ट्र में किसी भी अन्य भाषा को प्रतिबंधित नहीं किया गया है। Post Views: 210