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शिंदे सरकार में कैबिनेट मंत्री पद के लिए विधायकों से मांगे 100 करोड़; चार गिरफ्तार!

मुंबई: महाराष्ट्र में शिंदे सरकार के मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले कई विधायक मंत्री पद पाने के लिए नंदनवन (एकनाथ शिंदे के बंगले) और सागर (देवेंद्र फडणवीस के बंगले) का चक्कर काट रहे हैं। इसका फायदा उठाकर चार लोगों ने कैबिनेट में मंत्री पद दिलाने के नाम पर 3 विधायकों को ठगने की कोशिश की।

शिवसेना में बगावत के बाद राज्य में शिंदे समूह और भाजपा की सरकार बने 20 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी भी कैबिनेट का विस्तार नहीं हुआ है। ऐसे में मुंबई पुलिस ने एक चौकाने वाला खुलासा किया है कि शिंदे सरकार में एक विधायक को मंत्री पद दिलाने के लिए 100 करोड़ की मांग की गई थी। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
पुलिस के मुताबिक, इतना ही नहीं, बल्कि तीन और विधायकों को भी ठगने की कोशिश की गई। गिरफ्तार चारों आरोपी पिछले कुछ दिनों से विधायकों से संपर्क कर रहे थे और 3 विधायकों को कैबिनेट में जगह दिलाने का लालच देकर उनसे रंगदारी वसूलने की कोशिश की। इन शातिर आरोपियों ने कहा कि वे दिल्ली से आए हैं और विश्वास दिलाते हुए कहा कि वरिष्ठ मंत्री ने आपका बायोडाटा मांगा है। बात यहीं नहीं रुकी, उन्होंने इन विधायकों को फोन कर सीधे 100 करोड़ रुपये की मांग की और कहा कि कैबिनेट में मंत्री पद चाहिए तो उन्हें 100 करोड़ रुपये देने होंगे। चौंकाने वाले खुलासे के तौर पर यह बात भी सामने आई है कि आरोपी किसी बड़े नेता के संपर्क में है। तीन दिन पहले 17 जुलाई को आरोपियों ने विधायकों को ओबेरॉय होटल में मिलने के लिए बुलाया था।
इन आरोपियों ने कैबिनेट में जगह दिलाने के लिए 100 करोड़ की मांग की। आरोपी ने विधायक से कहा कि इस राशि का 20 प्रतिशत अभी और शेष राशि का भुगतान शपथ ग्रहण समारोह के बाद किया जाना है! आरोपियों ने सोमवार को विधायकों को मुंबई के नरीमन प्वाइंट पर मिलने के लिए बुलाया था! इसके बाद विधायक से पैसे लेने के लिए होटल ओबेरॉय ले गए।
मुंबई पुलिस ने इसकी सूचना के बाद जाल बिछाया और रंगदारी निरोधक प्रकोष्ठ (Anti Extortion Cell) ने आरोपी को पकड़ लिया। गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में तीन और लोगों के नाम सामने आए, जिन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस ने एक विधायक के निजी सचिव की शिकायत पर मामला दर्ज किया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कोल्हापुर निवासी रियाज अल्लाबख्श शेख, ठाणे के पाचपखाड़ी निवासी योगेश मधुकर कुलकर्णी, ठाणे निवासी सागर विकास संगवाई और मुंबई नागपाड़ा के जफर अहमद, राशिद अहमद उस्मानी के रूप में हुई है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि इन आरोपियों ने और कितने विधायकों को ठगा है।

क्या है पूरा मामला?
दौंड के भाजपा विधायक राहुल कुल के निजी सचिव ओंकार थोरात की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर जाल बिछाकर आरोपियों को उस वक्त पकड़ा गया जब वे पहली किश्त के रूप में 18 करोड़ रुपए लेने पहुंचे थे। राहुल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आरोपियों ने संपर्क कर दावा किया था कि उनकी दिल्ली में बड़े नेता से पहचान है और 100 करोड़ देने पर वे शिंदे सरकार में कैबिनेट मंत्री बनवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें पहली ही नजर में लगा कि आरोपी का दावा झूठा है इसलिए उन्होंने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और फिर पुलिस को इसकी जानकारी दे दी। माण-खटाव से विधायक जयकुमार गोरे को भी आरोपियों ने इसी तरह का झांसा दिया था। जयकुमार गोरे ने कहा कि हमारे साथ किसी तरह की ठगी नहीं हुई क्योंकि हमने पहली नजर में ही ठग को पहचान लिया और फिर उसे पुलिस तक पहुंचाने के लिए सौदेबाजी कर पैसे लेने के लिए बुलाया। मामले में पकड़ा गया मुख्य आरोपी रियाज शेख कोल्हापुर का जबकि योगेश कुलकर्णी, सागर संगवई और जाफर अहमद उस्मानी ठाणे और मुंबई के रहने वाले हैं।

ऐसे जाल में फंसा आरोपी
थोरात को रियाज ने 17 जुलाई को फोन किया और कहा कि उसे राहुल कुल ने मिलने के लिए बुलाया था लेकिन वे फोन नहीं उठा रहे हैं। थोरात ने यह संदेश राहुल कुल तक पहुंचाया। बाद में भी रियाज का फोन आता रहा तो मुलाकात के दौरान थोरात ने राहुल को इसकी जानकारी दी। इसके बाद राहुल ने थोरात को बताया कि रियाज ने उन्हें 12 जुलाई को फोन किया था और शिंदे सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाने की बात कहकर इसके लिए 100 करोड़ रुपए मांगे थे। बाद में कुल ने रियाज को होटल ओबेरॉय के कैफेटेरिया में मिलने के लिए बुलाया और बातचीत की। इस दौरान रियाज को झांसा देने के लिए राहुल ने कहा कि वे 90 करोड़ रुपए ही दे सकते हैं। रियाज मान गया लेकिन 20 फीसदी रकम पहले मांगी। शेष राशि का भुगतान शपथ के बाद। इसके बाद राहुल ने उसे 18 जुलाई को मिलने की बात कही और मामले की सूचना पुलिस को दे दी। रियाज पैसे लेने के लिए आया तो पुलिस ने पहले उसे फिर उसके तीन और साथियो को धरदबोचा। मामले में मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन ने ठगी के आरोप में एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।