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सिंधिया के इस्तीफे पर एनसीपी चीफ पवार बोले- नहीं होती ये स्थिति पैदा यदि पहले की जाती बात

राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करते हुए शरद पवार

मुंबई: एनसीपी चीफ शरद पवार ने बुधवार को कहा कि उन्हें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की क्षमताओं पर पूरा विश्वास है जिनकी 14 महीने पुरानी सरकार वरिष्ठ पार्टी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके प्रति निष्ठा रखने वाले विधायकों की बगावत के चलते गिरने के कगार पर पहुंच गई है।
पूर्व कांग्रेसी नेता पवार ने कहा कि यदि सिंधिया से बातचीत शुरू की गई होती तो पास के राज्य में वर्तमान स्थिति उत्पन्न नहीं होती। सिंधिया बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए। सिंधिया ने एक दिन पहले ही कांग्रेस छोड़ दी थी।
पवार ने संवाददाताओं से कहा, लोग मानते हैं कि कमलनाथ चमत्कार कर सकते हैं। यह अगले एक या दो दिनों में पता चल जाएगा कि क्या यह वास्तव में होगा? मुझे मध्य प्रदेश विधानसभा की संरचना के बारे में पता नहीं है।
उन्होंने कहा, लेकिन यदि राजासाहेब (सिंधिया) के साथ एक संवाद होता तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती। वह 2019 लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बाद चाहते थे कि उन्हें नयी जिम्मेदारी दी जाए। यद्यपि यह कांग्रेस की संस्कृति नहीं है और यह आसान नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस की गलती थी, पवार ने कोई सीधा उत्तर नहीं दिया। उन्होंने कहा, मुझे कांग्रेस की गलती के बारे में नहीं पता। यद्यपि यह महसूस किया गया कि एक अच्छे व्यक्ति को मौका दिया जाना चाहिए था। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस आलोचना को खारिज कर दिया कि कांग्रेस में मजबूत नेतृत्व की कमी है। उन्होंने कहा, कांग्रेस में एक नेतृत्व है और वह सक्षम है।

एनसीपी प्रमुख पवार ने महाराष्ट्र में मध्य प्रदेश जैसी राजनीतिक स्थिति होने से इनकार किया। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार अच्छा काम कर रही है और सही रास्ते पर है। इसमें कोई संदेह नहीं कि महाविकास अघाड़ी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।
उन्होंने कहा कि इस तथ्य से कि मीडिया के पास उसके (महाविकास अघाड़ी सरकार) खिलाफ कुछ लिखने की सामग्री नहीं है, पता चलता है कि सब कुछ ठीक है। पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की प्रशंसा की। पवार की पार्टी राकांपा महाराष्ट्र में शिवसेना नीत सरकार के घटक दलों में से एक है। उन्होंने कहा, वह अच्छा (काम) कर रहे हैं और सभी को साथ लेकर चल रहे हैं।
इन अटकलों पर कि कमलनाथ सरकार के आसन्न पतन के बाद महा विकास अघाड़ी सरकार के दिन गिने चुने बचे हैं, पवार ने कहा, शिमगा (होली) का त्योहार अभी हाल में बीता है और विपक्ष के लिए अब कोई अन्य मुहूर्त नहीं बचा है।
पवार ने कहा कि यस बैंक संकट एक दिन में नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक स्थिति चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, बैंकिंग विभाग क्या कर रहा था? वह जवाबदेह है। विस्तृत जानकारी जांच होने के बाद सामने आएगी।
पवार ने कहा कि उन्होंने ममता बनर्जी, एच डी देवेगौड़ा, सीताराम येचुरी और यशवंत सिन्हा जैसे गैर भाजपा नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को तत्काल रिहा करने की मांग की थी।
उन्होंने कहा, उनका अपराध क्या है? इससे घाटी में गलत संदेश जाता है। जम्मू कश्मीर एक संवेदनशील राज्य (अब केंद्र शासित प्रदेश) है और लोगों की भावना देश के खिलाफ होने देना गलत है। मुस्लिम आरक्षण पर उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने मुद्दे पर राकांपा का रुख रेखांकित किया है और पार्टी उसके साथ है।
कोरेगांव भीमा हिंसा की एसआईटी जांच की जरुरत के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा,”मुझे इसकी जानकारी नहीं कि क्या सरकार एसआईटी का गठन करेगी। लेकिन हमारी मांग कायम है। आगामी राज्यसभा चुनाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राकांपा ने अभी दूसरा उम्मीदवार नहीं उतारा है इसलिए वापस लेने का कोई सवाल नहीं है।
वर्तमान राज्यसभा सदस्य पवार ने बुधवार को यहां 26 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। पवार ने कहा, तीन गठबंधन सहयोगी (शिवसेना..राकांपा…कांग्रेस) आज या कल सुबह बैठक करेंगे और एक अंतिम निर्णय करेंगे। दूसरा उम्मीदवार अपना नामांकन कल दाखिल करेगा।
बता दें कि जब पवार ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया उस समय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उप मुख्यमंत्री अजित पवार, राकांपा मंत्री, कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात और अशोक चव्हाण आदि मौजूद थे।