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सीएम एकनाथ को आदित्य ठाकरे का खुला चैलेंज- मेरे सामने चुनाव जीतकर दिखाओ!

मुंबई: ‘शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ गुट के नेता व पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे एक बार फिर ‘बालासाहेबांची शिवसेना’ यानी शिवसेना शिंदे गुट के निशाने पर आ गए है। दरअसल, शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को मुंबई की वर्ली विधानसभा सीट से उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी। जिसको लेकर शिंदे गुट उन पर हमलावर हो गया है।
मुंबई के वर्ली से विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा, मैंने इन असंवैधानिक मुख्यमंत्री को चुनौती दी है कि मैं वर्ली से विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा और वो भी इस्तीफ़ा दे..आप मेरे खिलाफ चुनाव लड़ें। देखते हैं कि आप वर्ली से कैसे जीतते हैं? मैं उन 13 दलबदलू सांसदों और 40 विधायकों को भी चुनौती दे रहा हूं कि वे इस्तीफा दें और फिर से चुनाव लड़ें और देखें की वह जीतते हैं या नहीं।

दीपक केसरकर बोले- आदित्य ठाकरे अभी परिपक्व नहीं हैं!
इस पर पलटवार करते हुए महाराष्ट्र सरकार के मंत्री व शिंदे गुट के वरिष्ठ नेता दीपक केसरकर ने कहा- ये तो जनता तय करेगी कि किसे वोट देना है। हम जनता की सेवा कर रहे हैं वे भी जनता की सेवा करें और कम से कम बोलें वे उसमें ही बड़े हो जाएंगे। मुझे लगता है कि वे एक उभरते हुए युवा नेता हैं। वे ऐसा बोलते हैं क्योंकि वे अभी परिपक्व नहीं हैं।
केसरकर ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे (आदित्य ठाकरे) वर्ली से जीते, दो लोगों को एमएलसी बनाया गया है, जों उनके लिए कड़ी मेहनत करते है। हम भी यह कह सकते हैं कि उन्हें वर्ली से इस्तीफा दे देना चाहिए और ठाणे से चुनाव लड़ना चाहिए, लेकिन हम नहीं करेंगे क्योंकि यह हमारी संस्कृति में नहीं है।

वहीं, ‘बालासाहेबांची शिवसेना’ के विधायक मंगेश कुडालकर ने आदित्य ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं आदित्य ठाकरे को बताना चाहता हूं कि चैलेंज देना ठीक नहीं है। शिंदे सरकार जनता के हित में प्रगतिशील रूप से काम कर रही है। मैं उनसे हमारे साथ काम करने का अनुरोध करता हूं। मैं कुर्ला में इस्तीफा दे दूंगा, उन्हें भी इस्तीफा देना होगा और मेरे खिलाफ चुनाव जीतकर खुद को साबित करना होगा।
बता दें कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना जून 2022 में एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद विभाजित हो गई। बाद में बीजेपी के साथ मिलकर शिंदे ने शिवसेना के बागी विधायकों के समर्थन से महाराष्ट्र में नई सरकार बनाई।