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७०वें गणतंत्र दिवस पर सबसे पहले PM मोदी ने इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि

नयी दिल्ली, देश आज 70वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस अवसर पर सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राजपथ पर ध्वजारोहण किया। लांस नायक नजीर अहमद वानी को मरणोपरांत अशोक चक्र से नवाजा गया। 146 महिला जवानों की पूरी टुकड़ी और आजाद हिंद फौज के 4 सैनिक पहली बार परेड में शामिल हुए।

खास क्या रहा :

शहीद नजीर वानी को अशोक चक्र : लांस नायक नजीर अहमद वानी को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। कश्मीर के कुलगाम वाले वानी कभी आतंकियों के साथ थे लेकिन 2004 में वह सेना में शामिल हो गए। पिछले साल नवंबर में शोपियां में मुठभेड़ के दौरान नजीर शहीद हो गए थे। इस ऑपरेशन में छह आतंकी मारे गए थे। अशोक चक्र शांति काल (जब युद्ध न छिड़ा हो) में दिया जाने वाला सबसे बड़ा पुरस्कार है।

आजाद हिंद फौज के सेनानी पहली बार शामिल हुए :  गणतंत्र दिवस समारोह के इतिहास में यह पहली बार है कि जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के 4 सेनानी लालतीराम (98), परमानंद (99), हीरा सिंह (97), और भागमल (95) परेड में शामिल हुए।

पूरी महिला टुकड़ी शामिल हुई :  पहली बार 146 महिला जवानों की पूरी महिला टुकड़ी परेड में शामिल हुई। इसका नेतृत्व मेजर खुशबू कंवर (30) ने किया। मणिपुर के उखरुल में मेजर के पद पर तैनात खुशबू कंवर का जन्म जयपुर के शेखावत परिवार में हुआ। खुशबू के पति भी राहुल भी सेना में मेजर हैं। एमबीए की छात्रा रही खुशबू का रुझान शुरू से सेना की तरफ था। 2012 में उन्हें कमीशन मिला। 2018 में वह मेजर बनीं।

पहली बार महिला जवान ने पुरुष टुकड़ी को लीड किया :  लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी ने परेड में पूरी पुरुष टुकड़ी आर्मी सर्विस कॉर्प्स (एएससी) का नेतृत्व किया। भावना ऐसा करने वाली पहली महिला अफसर बनीं।

गांधीजी की थीम पर रहीं झांकियां :  इस बार की परेड में ज्यादातर राज्यों की झांकियों की थीम महात्मा गांधी और उनके विचार ही रहे। पश्चिम बंगाल ने गांधीजी की कोलकाता यात्रा, दिल्ली ने गांधीजी के बिड़ला हाउस प्रवास, गुजरात ने दांडी मार्च, तमिलनाडु ने गांधीजी के पहनावे में बदलाव और महाराष्ट्र ने भारत छोड़ो आंदोलन को दिखाया। उत्तरप्रदेश की झांकी में गांधीजी की वाराणसी यात्रा को दिखाया गया। पंजाब की झांकी में जलियांवाला बाग नरसंहार का प्रदर्शन किया गया।

अमेरिका से आई तोप पहली बार शामिल हुई : परेड में युद्धक टैंक टी-90 भीष्म शामिल हुआ। अमेरिका से खरीदी गई एम-777 ए-2 अल्ट्रालाइट होवित्जर तोप पहली बार परेड में शामिल हुई। डीआरडीओ ने परेड में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल और रिकवरी वाहन अर्जुन को पहली बार शामिल किया। परेड में मद्रास रेजीमेंट, राजपूताना राइफल्स और सिख रेजीमेंट ने भी सलामी दी। 7.

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रहे मुख्य अतिथि :  गणतंत्र दिवस परेड में इस बार दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामफोसा मुख्य अतिथि थे। समारोह में उनकी पत्नी भी शामिल हुईं।

परेड के लिए 600 घंटे तैयारी करता है हर जवान :
भारतीय सेना 26 जनवरी की परेड की तैयारी अगस्त से ही शुरू कर देती है। इस दौरान परेड के लिए एक जवान करीब 600 घंटे का अभ्यास करता है। जवानों की शुरुआती तैयारी अपनी रेजीमेंट में होती है। दिसंबर से वे दिल्ली में परेड की तैयारी करते हैं। 26 जनवरी 1950 को पहला गणतंत्र दिवस राजपथ पर नहीं, बल्कि इर्विन स्टेडियम (आज का नेशनल स्टेडियम) में मनाया गया था। 1950 से 1954 तक गणतंत्र दिवस का समारोह कभी इर्विन स्टेडियम, कभी किंग्सवे कैंप, कभी लाल किला तो कभी रामलीला मैदान में होता रहा। 1955 में पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह राजपथ पहुंचा। तब से आज तक नियमित रूप से यहीं हो रहा है।

विदेशी मेहमान मुख्य अतिथि :

गणतंत्र दिवस के मौके पर 1950 से ही विदेशी प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और राजाओं को बुलाने की परंपरा रही है। अब तक समारोह में अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, पाकिस्तान और चीन से लेकर पड़ोसी राज्य भूटान, श्रीलंका के मुखिया इसका हिस्सा बन चुके हैं। फ्रांस के प्रतिनिधि सबसे ज्यादा बार गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बने हैं। पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो मेहमान बने थे। 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे। हालांकि, इस बार भी भारत सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को समारोह में आमंत्रित किया था, लेकिन उनके इनकार के बाद द. अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रमपोसा को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था।