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14 दिनों के लिए फिर बढ़ी शिवसेना नेता संजय राउत की न्यायिक हिरासत, जमानत याचिका पर PMLA कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

मुंबई: शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत को बुधवार, 2 नवंबर 2022 को भी राहत नहीं मिली. वो मुंबई की पत्रा चॉल घोटाले के मामले में जेल में बंद हैं. मुंबई की पीएमएलए कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को 14 दिनों के लिए बढ़ा दी है.
हालांकि, कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है और 9 नवंबर को फैसला सुनाया जाएगा. संजय राउत आज कोर्ट पहुंचे जहां पर उनकी जमानत याचिका पर ईडी की तरफ से जिरह पूरी हो जाएगी. इसके बाद कोर्ट अपना आदेश दे सकता है.
बता दें कि 21 अक्टूबर को राउत की जमानत याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी थी. उस समय भी संजय राउत की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी गई थी. ईडी ने इस मामले में एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था. इसमें संजय राउत को मामले में आरोपी बनाया गया था. कोर्ट ने पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लिया. इसमें राउत का नाम मनी लॉड्रिंग के एक मामले में आरोपी के रूप में लिया गया है.राउत ने जमानत के लिए धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) मामलों की विशेष अदालत का रुख किया था.

संजय राउत की अर्जी पर ED की दलील
संजय राउत की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए ईडी ने अदालत को बताया था कि उन्होंने पात्रा चॉल पुनर्विकास से मनी लॉड्रिंग मामले में प्रमुख भूमिका निभाई थी. उन्होंने पर्दे के पीछे से काम किया. ईडी ने राउत की इस दलील का भी खंडन किया था कि उनके खिलाफ कार्रवाई किसी द्वेष या राजनीतिक प्रतिशोध के चलते की गई है.

रिमांड और जमानत एक साथ मर्ज
विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने अभियोजन की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए शिवसेना सांसद के सहयोगी प्रवीण राउत समेत मामले के सभी आरोपियों को समन जारी किया था. उनके वकील ने कहा था कि वह आरोपपत्र का अध्ययन करना चाहते हैं और अपनी याचिका में अतिरिक्त आधार जोड़ने का फैसला करना चाहते हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में वित्तीय अनियमितता के संबंध में संजय राउत को एक अगस्त को गिरफ्तार किया था. अब राउत की रिमांड और जमानत दोनों को एक साथ मर्ज कर दिया गया है.