महाराष्ट्रमुंबई शहर 26 करोड़ रुपये के हीरे चुराने वाले यतीश को पुलिस ने किया गिरफ्तार 1st February 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई , यतीश फिचाडिया नामक हीरा दलाल डेढ़ महीने पहले 26 करोड़ रुपये कीमत के हीरे लेकर फरार हो गया था। बीकेसी पुलिस ने इनमें में से 20 करोड़ के डायमंड जब्त कर लिए हैं। यतीश ने ये हीरे अपने दोस्त राजेश मंसूरी की गर्लफ्रेंड के घर छिपा रखे थे। मुंबई में इतनी बड़ी हीरा चोरी का हाल के वर्षों में यह सबसे बड़ा मामला है। डीसीपी अनिल कुंभारे ने गुरुवार को एक पत्रकार परिषद कर बताया कि इस केस में मुख्य आरोपी यतीश के अलावा भी छह अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है।यतीश बीकेसी में भारत डायमंड बोर्स में पिछले 8 साल से काम करता था। इन सालों में उसने हीरा व्यापारियों के बीच अपनी खास पहचान बना रखी थी। इंस्पेक्टर प्रदीप खानविलकर कहते हैं कि यतीश बोली में बेहद ही मीठा है। वह अपने इसी बोल से सामने वाले को एक पल में अपना दोस्त बना लेता है। वह हीरा व्यापारियों से डायमंड्स लेता था, उन्हें बाजार में बेचता था और फिर अपना कमिशन लेकर सारी रकम व्यापारियों को दे देता था। व्यापारी भी खुश और वह भी खुश।करीब तीन महीने पहले उसने सभी को ठगने की साजिश रची और इस सिलसिले में अपने कुछ मित्रों को भरोसे में लिया। 11 दिसंबर, 2018 को उसने दो दर्जन व्यापारियों से 26 करोड़ रुपये कीमत के डायमंड्स लिए और इसके बाद विरार आ गया। वहां उसने अपने दो खास दोस्तों- केतन पवार और राजेश मंसूरी को बुलाया। केतन को उसने 4 करोड़ रुपये कीमत के हीरे दिए और कहा कि अगर कुछ आरोपी गिरफ्तार हो जाएं, तो इन्हें बेचकर इनसे कानूनी खर्च करना, ताकि आरोपी जेल से जमानत पर बाहर आ सकें। साथ ही आरोपियों के परिवार वालों को भी आर्थिक मदद करना। बाकी करीब 22 करोड़ रुपये कीमत के हीरे उसने राजेश मंसूरी को दे दिए। राजेश ने इसे अपनी गर्लफ्रेंड के जरिए उसके घर छिपा दिए थे। कुछ हीरे इस दौरान उसने बेच भी दिए। दो बार कुंभ भी गया था हीरा चोर 11 दिसंबर को विरार पहुंचने के बाद यतीश फिचाडिया ने पत्नी से कहा, अब मैं भाग रहा हूं। तुम मेरे घर से निकलते ही अर्नाला पुलिस जाकर मेरी मिसिंग की शिकायत कर देना, ताकि यदि मुंबई पुलिस मेरी तलाश करे, तो उसे लगे कि 26 करोड़ रुपये कीमत के डायमंड्स पास में रखने की वजह से किसी ने उसका यानी यतीश का अपहरण कर लिया होगा। पत्नी ने ऐसा ही किया। इस बीच यतीश विरार से सीधे हैदराबाद गया। वहां से वह अजमेर, राजस्थान के कुछ अन्य शहरों, दिल्ली, चंडीगढ़, शिमला, वृंदावन, आगरा, लखनऊ, भुवनेश्वर, विशाखापट्नम घूमता रहा। इस दौरान वह दो बार प्रयागराज में कुंभ भी गया। हर जगह उसने अपना हुलिया बदला, इसलिए पुलिस को जब भी उसका लोकेशन मिला, उसके करीब पहुंचकर भी वह उसकी शिनाख्त नहीं कर पाई। किस्सा वॉट्सऐप के लास्ट सीन का :यतीश दूसरों के नाम पर लिए गए सिम कार्ड्स से अपने साथियों केतन पवार और राजेश मंसूरी के वॉट्सऐप पर लास्ट सीन नियमित चेक करता रहता, ताकि उसे भरोसा रहे कि दोनों गिरफ्तार नहीं हुए हैं और दोनों के पास रखे डायमंड्स सुरक्षित हैं। इस बीच पुलिस ने उसके कुछ साथियों को गिरफ्तार भी किया और इन गिरफ्तारियों को काफी हद तक छिपा कर भी रखा, ताकि उसे इसकी टोह भी न लगे। सभी का मोबाइल भी बंद नहीं किया और इस वजह से सबका वॉट्सऐप भी ऐक्टिव रहा। पुलिस की मोडस ऑपरेंडी कामयाब रही। गिरफ्तार आरोपियों के जरिए उसे ट्रैप में लिया जाता रहा और दो दिन पहले प्रयागराज से मुंबई लौटने के दौरान उसे कल्याण स्टेशन पर गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद उसने पुलिस को विस्तार से बताया कि उसने किस तरह डायमंड्स चोरी की साजिश को अंजाम दिया। खुद ट्रैप में न आए, इसलिए उसने अपने दो परिचितों सुरेश मजीठिया और कामिल कुरैशी के नाम से सिम कार्ड्स खरीदे। इन्हीं सिम कार्ड्स के जरिए सभी आरोपी एक दूसरे के संपर्क में थे। उसने विशाल श्रीवास्तव नाम का एक फर्जी वकील तैयार किया, जबकि इमरान खान आरोपी पुलिस स्टेशन जाकर अपडेट लेता था कि पुलिस कितनी सक्रिय या कितनी खामोश है। इमरान यह अपडेट मुख्य सरगना यतीश फिचाडिया को देता रहता था। छह महीने बाद बेचने थे हीरे :यतीश का मानना था कि छह महीने में यह मामला अपने आप ठंडा हो जाएगा। तब वह सारे डायमंड देश के अलग-अलग डायमंड मार्केट में बेच देगा और फिर किसी अन्य शहर में स्थाई रूप से शिफ्ट हो जाएगा लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। Post Views: 199