चुनावी हलचलपुणेमहाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य बैंक घोटाला: अजित पवार ने कहा- मेरी वजह से परिवार के मुखिया का नाम घसीटा जा रहा, इसलिए दिया इस्तीफा 29th September 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई, महाराष्ट्र विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजित पवार शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में भावुक हो उठे। उन्होंने कहा कि जिस बैंक में सिर्फ 11500 करोड़ जमा हो, वहां 25 हजार करोड़ रुपए का घोटाला कैसे हो सकता है? और अगर इतना बड़ा घोटाला हुआ तो बैंक कैसे चलता रहा है। यह मामला चुनाव से ठीक पहले क्यों आया? 2010 की यह जांच 2019 में कैसे सामने आई?महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक घोटाला मामले में हाल ही में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अजित पवार और शरद पवार समेत कई के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। अजित राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे हैं। शुक्रवार को अजित पवार ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।प्रेस कांफ्रेस में अजीत पवार ने कार्यकर्ताओं से बिना पूछे इस्तीफा देने पर माफी मांगी। शरद पवार का नाम इस घोटाले में खींचे जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, वे परिवार के मुखिया (शरद पवार) का नाम घोटाले में घसीटे जाने से बेहद आहत थे। मेरे इस्तीफे के बाद हर कोई हैरान था। पार्टी के वरिष्ठ नेता मुझे कभी इस्तीफे की इजाजत नहीं देते।उन्होंने कहा, आरोपों के बाद मैं पिछले 3 दिनों से इस्तीफा देने के बारे में सोच रहा था। लेकिन चुनाव मुझे रोक रहे थे। जिन्होंने मुझे यहां तक पहुंचाया मैं उनकी बदनामी कैसे सह सकता था। इसलिए मैंने इस्तीफा दिया। इसमें शरद पवार को कैसे घसीटा जा सकता है? शरद पावर कभी बैंक के निदेशक नहीं थे। सिर्फ इसलिए कि वह मेरे रिश्तेदार हैं, उनका नाम लिया जा रहा है। मैं बहुत परेशान था। यह मेरी अंतरात्मा के अनुकूल नहीं था।अजित ने कहा- हम इंसान हैं, हमारी भी भावनाएं हैं। मैं शुक्रवार को पवार साहब के साथ मौजूद नहीं था। मैं अपने क्षेत्र में था वहां बाढ़ आई थी। इस्तीफे के समय में काफी दुखी था कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं, कार्यकर्ता और सहयोगी से कैसे बात करूं। इसके बाद ही मैंने अपना फोन बंद कर दिया था।कोर्ट के आदेश को स्वीकार करता हूंअजीत पवार ने कहा कि मैं कोर्ट के आदेशों को स्वीकार करता हूं। उन्होंने कहा कि इस मामले के जांच अधिकारी ने कोर्ट को जानकारी दी है कि मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। हालांकि, इसके बाद भी कोर्ट ने मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। Post Views: 225