उत्तर प्रदेशब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य मुंबई: बाइक की हेड लाइट बनी विजय के जान की दुश्मन, 19 नवंबर को होनी थी सगाई… 30th October 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this मृतक विजय सिंह मुंबई: वडाला टीटी पुलिस हिरासत में हुई विजय सिंह की मौत के बाद पूरी मुंबई आक्रोश में है। खास कर उत्तर भारतीय समुदाय पुलिस के इस सौतेले रवैये से नाराज है। जवान बेटे की असमय मृत्यु से आहत पिता हृदयनारायण सिंह का आरोप है कि पुलिस ने विजय को बुरी तरह पीटा, जिसकी वजह से उसकी जान गई, जबकि पुलिस ने इस आरोप को खारिज किया है।मिली जानकारी के अनुसार, सायन कोलीवाड़ा के नेहरू नगर नंबर-२ के चाल में रहने वाला विजय पेशे से मेडिकल रेप्रिजेंटटिव (एमआर) का काम करता था। रविवार को दीपावली की रात डिनर करने के बाद तक़रीबन 10:30 बजे विजय अपने एक दोस्त के साथ बाइक से वडाला आरटीओ की ओर निकला और अपनी होने वाली मंगेतर से फोन पर बात करने लगा। उसी वक्त उसकी बाइक की हेडलाइट एक प्रेमी युगल के चेहरे पर पड़ी। इतने से तमतमाए दशरथ देवेंद्र ने विजय को गाली देना शुरू किया और थोड़ी बहस होते-होते हाथापाई चालू हो गयी। उसने अपने 2 दोस्तों को बुला लिया और बात आगे बढ़ गयी। संयोग से बाइक में पेट्रोल भराने जा रहे अंकित मिश्रा की नज़र रोड पर हो रहे झगडे पर पड़ी तो वे उसे छुड़ाने के लिए रुके। तभी देखे तो उनके दोस्त विजय सिंह से हाथापाई हो रही थी। उन्होंने छुड़ाने का प्रयास किया तो उनको भी लड़के ने गाल पर तमाचा जड़ दिया। इतने में सामने से आ रही पुलिस वैन को उन्होंने आवाज़ देकर कहा सर बचाओ। पुलिस के सामने लड़की ने झूठी बयान देकर विजय सिंह और चचेरे भाई शिवम् सिंह तथा अंकित मिश्रा पर छेड़छाड़ का आरोप लगा दिया। इसके बाद पुलिस विजय और उसके दोस्त को मारते-मारते पुलिस थाने लायी और तीनों को हवालात में डाल दिया। उनका आरोप है कि ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा विजय को बुरी तरह पीटा गया। जब रात 2:30 बजे विजय सिंह ने पुलिस स्टाफ से कहा कि मुझे सीने में बहुत दर्द हो रहा है और पीने के लिए पानी दे दो तो स्टाफ ने पानी नही दिया, जब विजय की माँ ने पानी देने की कोशिश की तो उसे भी डांटकर भगा दिया। परिवार का एक छोटा बच्चा किसी तरह पानी देने गया तो उससे भी पुलिसवालों ने बुरा व्यवहार किया।इतना ही नहीं विजय ने पुलिस स्टाफ से कहा कि मुझे बहुत घुटन सी हो रही है पंखा चला सकते है क्या? पर पुलिसवालों की इंसानियत मर चुकी थी। आखिरकार हलक सूखने पर बेहोश हो चुके विजय को उसके परिजन किसी तरह टैक्सी करके सायन अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। दशरथ देवेंद्र और अफरीन 19 नवंबर को होनी थी विजय की सगाईविजय सिंह की शादी तय हो गई थी। 19 नवंबर को उसकी सगाई होनी थी। घर वाले शादी की तैयारियों में जुटे हुए थे। अब विजय की मौत से खुशियों से भरे घर का माहौल पूरी तरह ग़मगीन हो गया है। घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। माँ कह रही है पुलिस वाले मेरे बेटे को मार डाले। तो चाची कह रही है मेरे लाल को वापस लाओं। उन्हें सांत्वना देने के लिए घर में रिश्तेदारों, पड़ोसियों और उत्तर भारतीय नेताओं का जमघट लगा हुआ है। विजय सिंह (फ़ाइल फोटो) विजय को न्याय दिलाने सड़क पर उतरा उत्तर भारतीय समाजविजय को न्याय दिलाने के लिए उत्तर भारतीय नेताओं ने मुंबई पुलिस आयुक्त से लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तक के दरवाजे खटखटाए। मांग है विजय सिंह की पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज किया जाए और इसकी न्यायिक जांच कराई जाए। उन्हें सीआईडी जाचं पर भरोसा नहीं है। पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की भी मांग की गई। वडाला टीटी पुलिस के खिलाफ मंगलवार को धरना-मोर्चा प्रदर्शन दिया गया। उत्तर भारतीय नेता संजय निरुपम, पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह, नसीम खान, अबू आसिम, उदयप्रताप सिंह, आचार्य पवन त्रिपाठी, सुमिता सुमन सिंह व अन्य लोग आए। राज्य के पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुद बात की है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन मुख्यमंत्री ने दिया है। सिंह ने बताया कि, जिस युवक की मौत हुई है, उसका कोई पुलिस रिकॉर्ड नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री नसीम खान ने भी पीड़ित परिवार से मिलने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। नसीम खान ने मुख्यमंत्री से बात कर पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये तक का मुआवजा देने की मांग की। स्थानिक भाजपा विधायक कैप्टन तमिल सेल्वन के अनुसार, मुख्यमंत्री ने 10 लाख रुपये मदद देने की बात मान ली है। डीसीपी से मिलने गए उत्तरभारतीय नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाजपा नेता उदय प्रताप सिंह ने कहा कि इस मामले में पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विधायक अबू आसिम आजमी ने कहा है कि महाराष्ट्र व मुंबई पुलिस हमेशा उत्तर भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार करती है। महाराष्ट्र पुलिस को अपनी मानसिकता ठीक करनी चाहिए। सपा विधायक आजमी ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की। आजमी ने कहा कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए। हमें सीआईडी जांच पर भरोसा नहीं है। मुख्यमंत्री के फोन के बाद निलंबित हुए पुलिसकर्मीमंगलवार सुबह से देर शाम तक जब लोगों ने पुलिस स्टेशन का घेराव किया और उत्तर भारतीय नेताओं कृपाशंकर सिंह, उदय प्रताप सिंह, नसीम खान, संजय निरुपम और अमरजीत मिश्र, राजेश रस्तोगी समेत कई अन्य ने इस घटना पर रोष प्रकट किया और इस संबंध में मुख्यमंत्री को फोन किया, तब पुलिस कमिश्नर संजय बर्वे ने मंगलवार को पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का आदेश दिया। निलंबित पुलिसकर्मियों में असिस्टेंड पुलिस इंस्पेक्टर सलीम खान, सब इंस्टपेक्टर संदीप कदम, हेड कॉन्स्टेबल भाबल तथा दो सिपाही चौरे और चोले के नाम हैं। मृतक परिवार को दी आर्थिक मददआज भाजपा विधायक व उत्तर भारतीय संघ के अध्यक्ष आर.एन. सिंह के पुत्र संतोष सिंह सायन-कोलीवाड़ा में स्व।विजय सिंह के माता-पिता से मिले और अपनी संवेदना व्यक्त की। साथ ही परिजनों को तीन लाख का धनादेश सौंपा।उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर परिवार के किसी सदस्य को नौकरी भी दे सकते हैं। उन्होंने अपील की कि दु:ख की इस घड़ी में स्वर्गीय विजय सिंह के माता-पिता एवं परिजनों की मदद के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग सामने आएं और समस्त उत्तर भारतीय समाज इस दु:ख की घड़ी में आर्थिक, नैतिक और हर तरह का समर्थन दें। श्री सिंह ने महाराष्ट्र सरकार से मांग की है पुलिस विभाग के दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। Post Views: 196