ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य महाराष्ट्र: पेट भरने के लिए महिलाओं को करवानी पड़ी ये सर्जरी, चिंतित मंत्री ने सीएम उद्धव को लिखा पत्र 25th December 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: भारत एक तरफ 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का लक्ष्य हासिल करना चाहता है तो दूसरी तरफ जमीनी हालात ऐसे हैं कि हजारों महिलाएं पेट पालने के लिए गर्भाशय निकलवाने को मजबूर हैं। किसानों की आत्महत्या के लिए शर्मसार होते रहे महाराष्ट्र में गरीब मजदूर महिलाओं द्वारा गर्भाशय निकलवाने की मजबूरी भरी दास्तां भी हजारों में है। एक बार फिर यह मुद्दा सरकार में शामिल कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने उठाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस बाबत लेटर लिखा है।दरअसल महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में मजदूरी बचाने के लिए महिलाओं द्वारा गर्भाशय निकलवा देने के कई मामले सामने आ चुके हैं। यहां लोगों के आर्थिक हालात इतने खराब हैं कि पुरुषों के साथ महिलाएं भी हर दिन मजदूरी पर जाती हैं। लेकिन वे मासिक धर्म के दौरान उन्हें छुट्टी लेनी पड़ती है और इस वजह से उन्हें हर महीने 4-5 दिन के पैसे नहीं मिलते। ऐसे में पेट पालने के लिए ये महिलाएं अपना गर्भाशय ही निकलवा देती हैं।कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितिन राउत ने सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर मांग की है कि वह इसमें हस्तक्षेप करें। नितिन राउत के मुताबिक, इस क्षेत्र में गन्ना श्रमिकों में महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा है और वे अपनी मजदूरी बचाने के चक्कर में गर्भाशय ही निकलवा देती हैं। सीएम उद्धव ठाकरे को मंगलवार को लिखे पत्र में नितिन राउत ने कहा है, माहवारी के दिनों में बड़ी संख्या में महिला मजदूर काम नहीं करती हैं। काम से अनुपस्थित रहने के कारण उन्हें मजदूरी नहीं मिलती है। ऐसे में पैसों की हानि से बचने के लिए महिलाएं अपना गर्भाशय ही निकलवा दे रही हैं, ताकि माहवारी ना हो और उन्हें काम से छुट्टी ना करनी पड़े। कांग्रेस नेता राउत का कहना है कि ऐसी महिलाओं की संख्या करीब 30,000 है। राउत का कहना है कि गन्ने का सीजन छह महीने का होता है। इन महीनों में अगर गन्ना पेराई फैक्टरियां प्रति महीने चार दिन की मजदूरी देने को राजी हो जाएं तो इस समस्या का समाधान निकल सकता है।नितिन राउत ने अपने पत्र में ठाकरे से अनुरोध किया है कि वह मानवीय आधार पर मराठवाड़ा क्षेत्र की इन गन्ना महिला मजदूरों की समस्या के समाधान के लिए संबंधित विभाग को आदेश दें। राउत के पास पीडब्ल्यूडी, आदिवासी मामले, महिला एवं बाल विकास, कपड़ा, राहत एवं पुनर्वास मंत्रालय विभाग हैं। बता दें कि महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में शिवसेना के अतिरिक्त कांग्रेस और एनसीपी भी शामिल हैं। Post Views: 384