उत्तर प्रदेशब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिशहर और राज्य UP: पूर्व CM अखिलेश यादव बोले- गोरखपुर में 12 महीनों में एक हजार से ज्यादा बच्चों की मौत हुई! 3rd January 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पिछले 12 माह में गोरखपुर में एक हजार से ज्यादा बच्चों की मौत होने का दावा करते हुए योगी सरकार से पूछा कि इसका जिम्मेदार कौन है? राज्य सरकार ने अखिलेश के दावे को गलत बताते हुए इसके समर्थन में सुबूत देने को कहा है। अखिलेश यादव ने शुक्रवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस में एक सवाल पर कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कोटा के अस्पताल में बच्चों की मौत की तो फिक्र है लेकिन गोरखपुर में पिछले 12 महीने में एक हजार से ज्यादा बच्चों की जान जा चुकी है। मुख्यमंत्री उसकी फिक्र कब करेंगे। सपा अध्यक्ष ने गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टरों की जानकारी में था कि उन बच्चों को कौन सी बीमारी है लेकिन इंसेफेलाइटिस से मौतों के आंकड़े ठीक रखने के लिये उन्हें उस बीमारी की दवा नहीं दी गयी। इस वजह से हजार से ज्यादा बच्चों की जान चली गयी। उन्होंने कहा कि वह आने वाले समय में इन मृत बच्चों की सूची जारी करेंगे। सरकार बताए कि बच्चों को गलत दवा किसलिए दी गयी। कौन इसका जिम्मेदार है?इस बीच, प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने अखिलेश को जवाब देते हुए कहा कि सपा अध्यक्ष को इसके सुबूत देने चाहिए। उन्होंने कहा- सूची प्रस्तुत करें, झूठा आरोप न लगाएं। जापानी इंसेफेलाइटिस पर पूरी तरह नियंत्रण पा लिया गया है। अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा के लोग उन्हें एक महीने के लिए पाकिस्तान जाने की सलाह दे रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं उनका बयान नहीं दोहराऊंगा क्योंकि वे नहीं चाहते कि बेरोजगारी के मुद्दे पर कोई बहस हो। सपा अध्यक्ष ने कहा, इस सबको देखते हुए बहुत जल्द सपा के नौजवान कार्यकर्ता साइकिल चलाकर रोजगार मांगने का काम करेंगे। वे लोगों से यह भी कहेंगे कि एनपीआर का फार्म नहीं भरें। हम और लोगों से भी अपील करेंगे कि आगे आयें और सत्याग्रह के इस आंदोलन में सहयोग करें। पूर्व मुख्यमंत्री ने नोएडा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण से जुड़े मामले पर कटाक्ष करते हुए कहा, कानून-व्यवस्था सम्भालने की जिनकी जिम्मेदारी थी वे आज किन बातों में उलझे हुए हैं? पहले तो राजनीतिक पार्टियां जिस तरह के आरोप लगाती थीं, अब आईपीएस खुद इल्जाम लगा रहे हैं। इस सबके लिये सरकार और उसके मुखिया जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि अगर वह एनपीआर का फार्म नहीं भरते हैं तो उन्हें किस कानून के तहत सजा दी जाएगी? उन्होंने कहा, आधार कार्ड बनवाने के लिये सरकार ने इतने पन्ने भरवाये थे। ऐसी कौन सी जानकारी है, जो आपके पास नहीं है और अब आप एनपीआर के जरिये लेना चाहते हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि जब राजाओं के पास अपने महलों के कागज नहीं हैं तो गरीबों के पास अपने ठिकानों के दस्तावेज कैसे मिलेंगे। एनपीआर गरीबों के खिलाफ है। Post Views: 223