दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़मुंबई शहरव्यवसायशहर और राज्य कोरोना हाहाकार के चलते शेयर बाजार ठप, जानिए- कब-कब हुआ ऐसा… 13th March 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली: शेयर बाजार में गुरुवार को लोअर सर्किट लगते-लगते बचा। बाजार बार-बार लोअर सर्किट यानी 10 फीसदी की गिरावट के करीब पहुंच रहा था, लेकिन गनीमत रही कि हर बार वह रिकवर होता गया। इस गिरावट को इतिहास की सबसे बड़ी गिरावटों में से एक माना जा रहा है। गुरुवार को निफ्टी जुलाई 2017 के बाद पहली बार 9600 के स्तर के नीचे गया था, लेकिन शुक्रवार को तो कारोबार शुरू होने के कुछ ही मिनटों में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट आई और निफ्टी का कारोबार 45 मिनट के लिए बंद कर दिया गया। हालांकि, जब शेयर बाजार दोबारा खुला तो निफ्टी में धीरे-धीरे मजबूती दिखती गई।वहीं अगर सेंसेक्स की बात करें तो उसमें गुरुवार को पिछले करीब 12 सालों की सबसे बड़ी गिरावट दिखाई दी। इससे पहले 2008 में इतनी बड़ी गिरावट आई थी। खैर, गुरुवार के कारोबार में तो लोअर सर्किट नहीं लगा, लेकिन सेंसेक्स में शुक्रवार को 9.43 फीसदी की गिरावट के बाद ही लोअर सर्किट लगा दिया गया और 45 मिनट के लिए कारोबार बंद कर दिया गया। जब शेयर बाजार दोबारा खुला तो सेंसेक्स में मजबूती देखने को मिली। शेयर बाजार के इतिहास में ऐसे चार मौके रह चुके हैं, जब सेंसेक्स में लोअर सर्किट लगा था और शेयर बाजार ठप हो गया था। क्या होता है लोअर सर्किटशेयर बाजार में अगर 10 फीसदी या उससे अधिक का फेरबदल हो जाता है तो कारोबार एक निश्चित समय के लिए रोक दिया जाता है। अगर ये बदलवा गिरावट की वजह से आता है तो उसे लोअर सर्किट कहते हैं और अगर ये बदलाव बढ़ोत्तरी के चलते आता है तो उसे अपर सर्किट कहते हैं। दिन के अलग-अलग समय के हिसाब से अलग-अलग अवधि के लिए बाजार बंद होते हैं। साथ ही गिरावट के हिसाब से भी ये तय किया जाता है कि कितनी देर के लिए बाजार बंद होगा या फिर पूरे दिन के लिए बाजार बंद किया जाएगा। सेंसेक्स के इतिहास में अब तक 4 बार लोअर सर्किट1) सबसे पहला मौका 21 दिसंबर 1990 में आया था, जब सेंसेक्स में 16.19 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। इस गिरावट के बाद शेयर बाजार 1034.96 के स्तर पर पहुंच गया था। 2) शेयर बाजार का इतिहास देखकर पता चलता है कि सेंसेक्स में दूसरी सबसे बड़ी गिरावट 28 अप्रैल 1992 में आई थी। तब सेंसेक्स में 12.77 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। उस दिन शेयर बाजार 3896.90 के स्तर पर बंद हुआ था। 3) तीसरा मौका था 17 मई 2004 का, जब शेयर बाजार में 11.14 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। तब शेयर बाजार 4505.16 के स्तर पर जाकर बंद हुआ था। 4) गुरुवार जैसी गिरावट इससे पहले 2008 में देखी गई थी। 24 अक्टूबर 2008 को सेंसेक्स में 10.96 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। उस दिन शेयर बाजार 8701.07 के स्तर पर बंद हुआ था। Post Views: 201