उत्तर प्रदेशदिल्लीदेश दुनियानागपुरपुणेब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्यसामाजिक खबरें कोरोनावायरस से बचना है, तो जनता कर्फ्यू का पूर्णतः पालन करना है… 21st March 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई, (राजेश जायसवाल): पूरा देश इस वक्त एक ऐसी महामारी के दौर से गुजर रहा है जिसमें संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। चीन से फैला कोरोना वायरस अब तक दुनिया के कई देशों में अपना पैर पसार चुका है। इसे देखते हुए बीते गुरुवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से ‘जनता कर्फ्यू’ लगाने की अपील की है। आइए आपको बताते हैं कि क्या है जनता कर्फ्यू और ये आम कर्फ्यू से कैसे अलग है… क्या है जनता कर्फ्यू?जनता कर्फ्यू एक ऐसी स्थिति है जिसमें लोग अपने घरों तक सीमित रहते हैं और बहुत ही जरूरी काम होने पर ही परिवार में से कोई एक या दो सदस्य बाहर निकलते हैं। इसका मतलब है कि जनता द्वारा जनता पर लगाया गया कर्फ्यू। जिसे हम जनता कर्फ्यू कहते हैं। यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से अपील की है कि जनता कर्फ्यू के दौरान घर से तभी निकला जाए जब बेहद जरूरी काम हो। इन जरूरी कामों में सिर्फ अस्पताल जाना, काम पर जाना जैसे काम ही शामिल हो सकते हैं। बीते गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से रविवार 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का पालन करने की अपील करते हुए सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक अपने घरों में रहने की सलाह दी है। जनता कर्फ्यू जरूरी क्यों?देश और दुनिया भर में कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। कोरोना से लड़ने के लिए अभी तक वैक्सीन की खोज नहीं हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि बीमारी से बचने का एक ही तरीका है। जितना हो अपने घर में रहें ताकि कोरोना से संक्रमित लोगों के संपर्क में आकर खुद को संक्रमित होने से बचा सकें। अभी देश में स्थिति नियंत्रण में है अगर इस चरण में सावधानी बरत ली जाएगी तो इस घातक महामारी पर विजय पाया जा सकता है, अन्यथा स्थिति बहुत गंभीर हो सकती है। जनता कर्फ्यू के दिन खास अपीलदेश में बड़ी संख्या में डॉक्टर और कुछ सामाजिक संगठन के लोग कोरोना के खतरे से लड़ रहे हैं। जो स्वास्थ्य कर्मचारी मरीजों की सेवा कर रहे हैं उनके लिए कोरोना किसी खतरे से कम नहीं है। ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील की है कि अपने घरों के दरवाजों, खिड़कियों और बालकनी में खड़े होकर मानवता की सेवा कर रहे लोगों का आभार व्यक्त करें। कर्फ्यू और ‘जनता कर्फ्यू’ में क्या फर्क है?कर्फ्यू और जनता कर्फ्यू में एक बड़ा फर्क है। जनता कर्फ्यू लोगों का, लोगों के लिए, लोगों की ओर से खुद पर लगाया गया कर्फ्यू है। ये एक तरह का अनुरोध है। लोगों को अपनी इच्छा से खुद को घरों तक सीमित रखना है और अगर वे बाहर निकलते हैं तो इस पर कोई एक्शन नहीं होगा। आम कर्फ्यू में अनुरोध की गुंजाइश नहीं होती है ये प्रशासन की तरफ से लगाया जाता है। प्रशासन की ओर से लगाए गए कर्फ्यू की स्थिति में नियम तोड़ने पर कार्रवाई की जा सकती है। इसमें हमें स्वयं निर्णय लेना होता है। कहते हैं ज़ान है तो जहान है। कर्फ्यू और जनता कर्फ्यू में क्या समानता है?दोनों कर्फ्यू में एक बड़ी समानता यह है कि दोनों तरह के कर्फ्यू में जनता को अपने घरों तक सीमित रहना होता है। अगर कोई बेहद जरूरी काम है तो ही घर से बाहर निकलने की सलाह दी जाती है। क्या जनता कर्फ्यू और सिटी लॉकडाउन में फर्क है?सिटी लॉकडाउन और आम कर्फ्यू में काफी समानता है। ये दोनों कर्फ्यू प्रशासन की तरफ से लगाए जाते हैं लेकिन जनता कर्फ्यू इन दोनों से अलग है। जनता कर्फ्यू में लोगों को स्वत: ही अपने आप को घरों तक सीमित रखना होता है। उन पर प्रशासन का कोई दबाव नहीं होता है। पहली बार ‘जनता कर्फ्यू’ का इस्तेमाल?साल 1950 में इंदुलाल याग्निक ने जनता कर्फ्यू की शुरुआत की थी। इंदुलाल याग्निक महा-गुजरात आंदोलन के बड़े नेता थे। वह अलग गुजरात राज्य की मांग को लेकर हुए जोरदार आंदोलन के सूत्रधार थे। उस वक्त केंद्र और तत्कालीन बंबई सरकार ने आंदोलन को दबाने की काफी कोशिश की लेकिन इंदुलाल ने अपनी लोकप्रियता के बल पर अहमदाबाद में जनता कर्फ्यू लगवा दिया था। उस समय अहमदाबाद में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और बंबई के मुख्यमंत्री मोरारजी देसाई की रैलियां थीं। सभाओं में जाने के लिए जनता कर्फ्यू लगे होने के कारण जनता अपने घरों से बाहर नहीं निकली और कुछ इस तरह गुजरात के अलग राज्य की मांग मान ली गई। इस जनता कर्फ्यू का क्या परिणाम होगा? चूंकि एक स्थान पर कारोनावायरस का जीवनकाल मुख्यतः12 घंटे है, और जनता कर्फ्यू 14 घंटे के लिए होगा, इसलिए सार्वजनिक क्षेत्रों के स्थान जहां से कारोना फैल सकता था, उन स्थानों पर कोई नहीं होगा, जिससे वायरस की भी श्रृंखला टूट जाएगी।14 घंटे के बाद हमें जो मिलेगा वह एक सुरक्षित व स्वस्थ देश होगा।पीएम मोदी का ‘जनता कर्फ्यू’ के पीछे का आइडिया एक बड़ी वैज्ञानकी सोच है। जो कि कबीले तारीफ है…तो आइए हम सब भारतवासी संकल्प लें कि इस रविवार को ‘जनता कर्फ्यू’ का पूर्णतः पालन करेंगे और अपना पूरा समय अपने परिवार और देश के लिए देंगे। !!जय हिन्द!! Post Views: 193