ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य IIT के छात्र ने 10 हजार की लागत से बनाया वेंटिलेटर! 28th April 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: कहते हैं…जहां चाह…वहां राह! इसी इच्छाशक्ति का नतीजा है मुंबई स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के एक छात्र जुल्कारनैन की अगुवाई में तैयार हुआ सस्ता वेंटिलेटर जिसे ‘रूहदार’ नाम दिया गया है। लॉकडाउन के चलते अपने जम्मू कश्मीर स्थित घर गए ज़ुल्कारनैन ने यहां के शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले कुछ और विद्यार्थियों के मदद से यह वेंटिलेटर तैयार किया।ज़ुल्कारनैन ने बताया कि कोरोना संक्रमण के गंभीर मामलों के इलाज में वेंटिलेटर बेहद मददगार साबित होता है। लेकिन कश्मीर में सिर्फ 97 वेंटिलेटर थे। उन्होंने सोचा कि क्या इसके लिए कुछ किया जा सकता है। रास्ते में कई मुश्किलें थीं क्योंकि लॉकडाउन के चलते हार्डवेअर की दुकाने बंद थीं। ऐसी जगह की भी जरूरत थी जहां इसके लिए प्रयोग किया जाए। ज़ुल्कारनैन ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) श्रीनगर और पुलवामा के अवंतीपोरा में स्थित इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईयूएसटी), अवंतीपोरा, पुलवामा, जम्मू-कश्मीर के इंजीनियरिंग छात्रों की एक टीम तैयार की। इसमें आईयूएसटी के पीएस शोएब, आसिफ शाह और शाहकार नेहवी के साथ एनआईटी श्रीनगर के माजिद कौल के साथ मिलकर काम किया।आईयूएसटी के डिजाइन इनोवेशन सेंटर (डीआईसी) की भी मदद ली गई। जान पहचान के व्यक्ति की हार्डवेयर की दुकान खुलवाकर कुछ सामान लिए गए। कुछ चीजें चंडीगढ़ से मंगाई गई और सामान्य रूप से उपलब्ध सामानों के साथ ही वेंटिलेटर सिर्फ 10 हजार रुपए की लागत से तैयार कर लिया गया। ज़ुल्कारनैन ने कहा कि बड़े पैमाने पर उत्पादन करने पर लागत और कम हो सकती है। जबकि मौजूदा समय में बाजार में उपलब्ध वेंटिलेटर की कीमत लाखों रूपये होती है। वहीं ‘रूहदार’ ऐसा कार्य करते हैं जो गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 रोगी के जीवन को बचाने के लिए आवश्यक पयार्प्त श्वसन सहायता प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा, टीम अब प्रोटोटाइप का मेडिकल परीक्षण कराएगी। स्वीकृति मिलते ही इसका बड़े पैमाने पर निमार्ण किया जाएगा। इसे लघु उद्योग द्वारा निमार्ण किए जाने के लिए उत्तरदायी बनाए जाने का प्रयास है। टीम उत्पाद के लिए कोई रॉयल्टी नहीं वसूलेगी।जुल्कारनैन ने कहा कि टीम के समक्ष मुख्य समस्या संसाधनों की कमी थी। टीम ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, अमेरिका द्वारा विकसित एक डिजाइन सहित अनेक डिजाइनों को आजमाया। टीम ने अपने संसाधन संबंधी अवरोधों को देखते हुए किफायती डिजाइन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि डिजाइन को उन्नत सॉफ्टवेयर का उपयोग करके बनाया गया है और टीम इसके परिणामों से संतुष्ट है।आईयूएसटी के पूर्व छात्र और सिमकोर टेक्नोलॉजीस के सीईओ आसिफ, का कहना है, हमारा इरादा पारंपरिक वेंटिलेटर के स्थान पर कम लागत वाले विकल्प को डिजाइन और विकसित करना था। हमारी टीम बुनियादी मापदंडों जैसे टाइडल वॉल्यूम, श्वास प्रति मिनट और नि:श्वसन: श्वास नि:सारण संबंधी अनुपात और इसके संचालन के दौरान लगातार दबाव की निगरानी पर नियंत्रण करने में सक्षम रही है। आईयूएसटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के माजिद एच. कौल ने कहा कि डीआईसी में उपलब्ध घटकों का उपयोग करके कम लागत वाले किफायती वेंटिलेटर का विकास किया गया। प्रोटोटाइप की सफलता में 3-डी प्रिंटिंग और लेजर-कटिंग तकनीक जैसी केंद्र की सुविधाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह सेंटर भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक पहल है। Post Views: 289