ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य शिवसेना ने कहा- शराब कोरोनावायरस का टीका नहीं…आय अर्जित के लिए संक्रमण मोल नहीं ले सकते 7th May 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this (फाइल फोटो) 65 करोड़ रुपये के राजस्व के लिए हम कोरोना वायरस संक्रमण के 65,000 मामले खरीदना वहन नहीं कर सकते मुंबई: मुंबई में सोमवार सुबह शराब की दुकानें खुलते ही दुकानों के बाहर भारी भीड़ लगने पर शिवसेना ने गुरुवार को नाराजगी जताई और कहा कि लोगों को समझना चाहिए कि शराब कोरोनावायरस का टीका नहीं है। शिवसेना के ‘मुखपत्र’ सामना में छपे एक संपादकीय में कहा गया है कि शराब बिक्री के माध्यम से 65 करोड़ रुपये की आय अर्जित करने के लिए ‘65,000 कोरोनावायरस संक्रमण मामलों को खरीदना’ उचित नहीं है। लेख में कहा गया है कि लोगों ने शराब की दुकानों पर जमा होने के दौरान एक दूसरे से दूरी बनाने के नियम का बिलकुल पालन नहीं किया।महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को ऐलान किया था कि कोरोना वायरस के गैर निषिद्ध जोनो में शराब की दुकानों से गली-मोहल्लों की दुकानें खुलेंगी। मगर सोमवार और मंगलवार को शराब की दुकानों के बाहर लंबी-लंबी कतारें देखी गईं।जिसे देखते हुए बृहन्मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त प्रवीण परदेशी ने मंगलवार रात एक आदेश जारी करके शहर में शराब की दुकानों समेत सभी गैर जरूरी सामान की दुकानों को बंद करने का निर्देश जारी कर दिया।शिवसेना ने कहा, शराब की दुकानों के खुलने पर उनकी (लोगों की) खुशी अल्पकालिक थी। प्रशासन को शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश देना पड़ा। अकेले मुंबई में, दो दिनों में शराब बिक्री के माध्यम से 65 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, लेकिन मंगलवार को शहर में कोविड-19 के एक दिन में सबसे ज्यादा 635 मामले आए और करीब 30 लोगों की मौत हुई। उसने कहा कि शराब की दुकान खोलने के दुष्प्रभाव 24 घंटे में दिख गए।मराठी दैनिक ने कहा, ’65 करोड़ रुपये के राजस्व के लिए हम कोरोना वायरस संक्रमण के 65,000 मामले खरीदना वहन नहीं कर सकते हैं। लोगों को समझना चाहिए कि शराब कोविड-19 का टीका नहीं है।’ संपादकीय में कहा गया है कि शराब की दुकाने खोलने की वजह से प्रशासन और पुलिस पर अतिरिक्त दबाव आ गया, जहां एक-दूसरे से दूरी बनाने के नियम का पालन नहीं किया गया। Post Views: 280