दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई उपनगरमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य शिवसेना का सवाल- पीएम कहते हैं, ‘उकसाने पर माकूल जवाब देंगे’ 20 जवानों की शहादत उकसाना नहीं तो क्या है? 19th June 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: शिवसेना के मुखपत्र सामना ने एक बार से मोदी सरकार पर हमला बोला है। ‘मराठी सामना’ ने भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए मोदी सरकार को कदम उठाने के लिए कहा है। संपादकीय में सवाल किया है कि मोदी कहते हैं, उकसाने पर माकूल जवाब देंगे। 20 जवानों को बड़ी निर्ममता से शहीद कर दिया गया। यह उकसाना नहीं तो और क्या है?संपादकीय में लिखा है कि अन्य स्वाभिमानी देश अपने सैनिक पर हमले को देश के स्वाभिमान पर हमला मानकर जवाबी कार्रवाई करते हैं। इसलिए चीनियों ने हमारे 20 सैनिकों को मार दिया, यह उकसाना ही है। चीनी कंपनियों के लिए तैयार हो राष्ट्रीय नीतिशिवसेना ने मांग की है कि चीन से हमारे देश में आनेवाले हजारों सामानों का बहिष्कार किया जाना चाहिए। लेकिन यह स्वदेशी जागरूकता जनता को दिखानी चाहिए। सरकार पर सवाल उठाते हुए लिखा- हालांकि हिंदुस्तान में फैली कई चीनी कंपनियों का आप क्या करने वाले हो? अगर किसी चीनी कंपनी को महाराष्ट्र से निर्वासित किया तो कोई अन्य राज्य उसके साथ समझौता कर सकता है। इसलिए केंद्र सरकार को चाहिए कि हिंदुस्तान चीनी कंपनियों को लेकर राष्ट्रीय नीति तैयार करे। अमेरिका ने खराब करवाए चीन से रिश्तेदोनों देशों में 6 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होता है। निवेश और रोजगार दोनों ही हैं, लेकिन चीन को सबसे ज्यादा फायदा होता है। दोनों देशों के बीच अच्छा रिश्ता बन रहा था जोकि अमेरिका के कारण खराब हो गया। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि चीन हमारा सबसे महत्वपूर्ण पड़ोसी है। पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका जैसे पड़ोसी देश हिंदुस्तान को तवज्जो नहीं देते। नेहरू की गलती से नहीं ली सीखमुखपत्र में कहा गया है कि हम रक्षा और विदेशी मामलों के दो महत्वपूर्ण विभागों के बीच अविभाज्य संबंध को भूल गए और अक्टूबर 1962 में हमें चीन के एक झटके से अपमानित होना पड़ा। हम उस गलती का ठीकरा पंडित नेहरू पर फोड़ते रहे। लेकिन आज के शासकों ने उस गलती से कोई सीख ली है, ऐसा नहीं लगता। नेहरू को दोष देनेवाले करें आत्मपरीक्षणनेहरू के काल में हमारे सैनिक चीन से लड़ते समय विषम परिस्थितियों से जूझ रहे थे। साधारण कैनवास के जूते, हथियारों और गोला बारूद की कमी, अपरिचित क्षेत्र की स्थिति थी। आज सब कुछ है, लेकिन फिर भी चीनियों ने हमारे सैनिकों की क्रूरता से जान ले ली। अगर पंडित नेहरू को दोष देनेवाले आत्मपरीक्षण कर लें तो भी 20 सैनिकों का बलिदान सार्थक हो जाएगा! मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में दादर के शिवाजी पार्क स्थित शिवसेना भवन पर भगवा ध्वज फहराकर शिवसेना का ५४ वा वर्धापन दिन मनाया गया। Post Views: 221