देश दुनिया कराची में मारा गया गैंगस्टर फारूक, दाऊद की हत्या की साजिश रचने का था शक 15th January 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई , पाकिस्तान के कराची में दाऊद इब्राहिम का बेहद खास फारूक देवड़ीवाला के मारे जाने की खबर है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय अफसरों ने फारूक को पिछले साल दुबई में गिरफ्तार किया था लेकिन भारत लाने में असफल रहे। बताया जा रहा है कि फारूक को मारने का आदेश दाऊद के एक अन्य करीबी छोटा शकील ने दिया था। शकील को शक था कि फारूक, दाऊद को मारने की साजिश रच रहा है।भारतीय एजेंसियों को कई मामलों में फारूक की तलाश थी। वह आतंकी गुट इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के लिए युवाओं की भर्ती करता था। जुलाई 2018 में पाकिस्तान ने फर्जी पहचान दस्तावेज पेश करके अपने देश में प्रत्यर्पित करने में कामयाबी हासिल की। इन डॉक्यूमेंट्स में एक पासपोर्ट भी था, जिसमें फारूक को पाकिस्तानी नागरिक बताया गया था।सूत्रों के मुताबिक, छोटा शकील को यह पता लग गया था कि फारूक ने दुबई में भारतीय अफसरों के साथ मीटिंग की थी और वह दाऊद के खिलाफ साजिश रच रहा था। शकील ने जब सच जानने की कोशिश की तो उसकी फारूक के साथ बहस हुई। इसके बाद दाऊद और उसके सहयोगियों को लगा कि फारूक पर अब और भरोसा नहीं किया जा सकता।हालांकि, मुंबई क्राइम ब्रांच के अफसरों ने इस पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। सूत्रों ने बताया कि इंटरपोल फारूक की मौत को पुष्टि करने की कोशिश कर रहा है। अगर फारूक की मौत की पुष्टि हो जाती है तो वह पाक में मरने वाला दाऊद का दूसरा साथी होगा। इससे पहले 2000 में पाक में गैंगस्टर फिरोज कोकानी की कथित रूप से हत्या हो गई थी। बताया जाता है कि फिरोज दाऊद के प्रति असम्मान दिखा रहा था। फारूक मुंबई के जोगेश्वरी इलाके का रहने वाला था। वह भारत में आतंकविरोधी दस्तों (एटीएस) के रडार पर था। गोधरा दंगों के बाद गुजरात के तत्कालीन गृहमंत्री हरेन पंड्या और कुछ अन्य लोगों की हत्या में उसका नाम सामने आया था। सूत्रों का कहना है कि बीते कुछ सालों से वह कट्टरपंथी बन गया था और भारत में हमले करने के लिए युवाओं की भर्ती और उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए आईएम का समर्थन कर रहा था।अहमदाबाद एटीएस द्वारा गांधीनगर में फैजल मिर्जा समेत दो संदिग्धों को गिरफ्तार करने के बाद आईएम के साथ उसके संबंध सामने आए। दोनों संदिग्धों ने पाक के आतंकी शिविरों में प्रशिक्षण लिया था और हमले करने के लिए भारत लौट आए थे। वे राजनेता और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाना चाहते थे। Post Views: 168