दिल्लीदेश दुनियामहाराष्ट्रशहर और राज्य वैज्ञानिकों ने किया दावा- देश में फरवरी तक काबू में आ जाएगा कोरोना वायरस 18th October 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली: देश के शीर्ष वैज्ञानिक संस्थानों के आकलन में दावा किया गया है कि फरवरी 2021 तक कोरोना महामारी नियंत्रण में आ जाएगी। तब तक देश में कोरोना के लक्षणों वाले मरीजों की संख्या एक करोड़ छह लाख तक पहुंच चुकी होगी। लेकिन तब रोजना आने वाले नए संक्रमणों की संख्या कुछ हजारों में रह जाएगी जिसका प्रबंधन आसानी से किया जा सकेगा। आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर एम. विद्यासागर की अध्यक्षता में बनी विशेषज्ञ समिति ने रविवार को अपने अध्ययन के नतीजे जारी किए। प्रोफेसर विद्यासागर और आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनींद्र अग्रवाल ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि फरवरी 21 तक लक्षणों वाले संक्रमितों की संख्या 106 लाख होगी जो अभी 66 लाख के करीब है। फरवरी तक महामारी पर काबू होने की भी उम्मीद है। लेकिन यह तभी संभव होगा जब लोग कोरोना से बचाव के नियमों का पूरी तरह से पालन करना जारी रखें।अध्ययन में कहा गया है कि अब तक देश में 30 फीसदी आबादी कोरोना से संक्रमित हो चुकी है। आईसीएमआर के सीरो सर्वे में यह आंकड़ा सात फीसदी था। लेकिन नये अध्ययन के अनुसार अगस्त अंत तक ही 14 फीसदी संक्रमित हो चुके थे। लॉकडाउन कारगररिपोर्ट में कहा गया है कि यदि लॉकडाउन नहीं किया जाता तो जून में 1.40 करोड़ सक्रिय लक्षणों वाले मामलों के साथ पीक आती। अगस्त तक 26 लाख से ज्यादा मौतें हो सकती थी। फरवरी 21 तक 2.04 करोड़ संक्रमित होते। यदि एक अप्रैल से एक मई के बीच ही लाकडाउन होता तो जून तक 40-50 लाख सक्रिय मामलों के साथ पीक आती। अगस्त आखिर तक 7-10 लाख मौतें होती। फरवरी 21 तक 1.50-1.70 करोड़ लक्षणों वाले मरीज हो जाते। रिपोर्ट के अनुसार जो लाकडाउन लगाया गया उससे सितंबर में 10 लाख सक्रिय मरीजों के साथ संक्रमण पीक पर पहुंचे। सितंबर में एक लाख मौतें पहुंची और फरवरी 21 तक 1.06 करोड़ लोग लक्षणों के साथ संक्रमित होंगे। प्रवासी श्रमिकों से नहीं फैलाअध्ययन के अनुसार प्रवासी श्रमिकों की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के फैलाव की आशंकाएं निर्मूल साबित हुई। उत्तर प्रदेश और बिहार में इसे लेकर विशेष रूप से अध्ययन किया गया। क्योंकि इन राज्यों में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर लौटे। इसकी वजह गांवों में पहुंचने से पूर्व उन्हें क्वारंटीन करना रहा। यदि लाकडाउन से पहले प्रवासी मजदूरों को गांव जाने दिया गया होता तब संक्रमण बढ़ सकता था। त्योहारों में बढ़ सकता है संक्रमणरिपोर्ट में कहा गया है कि त्योहारों एवं संर्दियों के चलते संक्रमण बढ़ सकता है। केरल में हालिया संक्रमण के बढ़ने की वजह ओणम पर्व को माना गया है। यदि रोकथाम के उपाय ढीले किए गए तो एक महीने में 26 लाख संक्रमण बढ़ सकते हैं। बड़े लाकडाउन की जरूरत नहींरिपोर्ट में कहा गया है कि जिला स्तर पर या उससे बड़े लाकडाउन अब प्रभावी नहीं होंगे। इसे ऐसे लाकडाउन अब नहीं लगाएं जाएं। अध्ययन में आईआईटी कानुपर, हैदराबाद, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस बंगलोर, आईएसआई कोलकात्ता, एनआईवी पुणे, पीएसए कार्यालय, आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज, सीएमसी वेल्लोर आदि संस्थानों के वैज्ञानिक शामिल थे। Post Views: 198