दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य सुबोध जायसवाल ने संभाली सीबीआई की कमान, जासूसी से लेकर देश की हिफाजत तक का दीर्घ अनुभव! 26th May 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली/मुंबई (राजेश जायसवाल): 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल को देश की शीर्ष जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के नए डायरेक्टर की कमान सौंप दी गई है। यह पद फरवरी 2021 से रिक्त पड़ा था। 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल ने बुधवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के नए निदेशक के रूप में कार्यभार संभाल लिया। देश की प्रमुख जांच एजेंसी के शीर्ष पद के लिए उनके नाम को मंजूरी मिलने के एक दिन बाद उन्होंने कार्यभार संभाला। जायसवाल से पहले 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी और सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक प्रवीण सिन्हा सीबीआई निदेशक का प्रभार संभाल रहे थे। सिन्हा को यह प्रभार ऋषि कुमार शुक्ला के रिटायरमेंट के बाद सौंपा गया था। सुबोध जायसवाल 1985 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं। जायसवाल दो साल तक सीबीआई डायरेक्टर के पद पर रहेंगे। सुबोध जायसवाल महाराष्ट्र एटीएस के चीफ रह चुके हैं। वो मुंबई पुलिस आयुक्त और महाराष्ट्र के डीजीपी का भी पदभार संभाल चुके है। सुबोध जायसवाल एक दशक से अधिक समय तक इंटेलिजेंस ब्यूरो इंटेलिजेंस ब्यूरो, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के साथ भी काम किया है। सुबोध, मशहूर ‘तेलगी घोटाले’ में अपनी जांच के बाद सुर्खियों में आए थे। उस समय वह स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स का नेतृत्व कर रहे थे। सीबीआई को मामला ट्रांसफर होने से पहले उऩ्होंने एल्गार परिषद और भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच का जिम्मा संभाला था। उन्हें 2009 में उनकी विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था। सुबोध जायसवाल ने महाराष्ट्र एटीएस का नेतृत्व करते हुए कई आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी काम किया है। सुबोध तेज-तर्रार और बेहद सुलझे हुए ऑफिसर माने जाते हैं। उन्होंने अब तक के अपने कार्यकाल में कई प्रमुख जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभाया है। सीबीआई चीफ की नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री आवास पर हाई पावर कमेटी की बैठक की गई थी। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना शामिल हुए थे। इनके अलावा विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी भी मौजूद थे। बैठक में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के महानिदेशक सुबोध कुमार जायसवाल, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक कुमार राजेश चंद्रा और केंद्रीय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव वी. एस. के. कौमुदी के नाम पर चर्चा की गई थी। लंबी चर्चा के बाद लिया गया यह फैसला झारखंड के धनबाद जिले में पैदा हुए महाराष्ट्र कैडर के साल 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी सुबोध जायसवाल की छवि एक साफ़-सुथरे अधिकारी की है। उन्हें दो साल के लिए सीबीआई डायरेक्टर की जिम्मेदारी दी गयी है। केंद्र सरकार ने लंबी चर्चा, बैठक के बाद यह निर्णय लिया है। इस फैसले के पीछे सुबोध जायसवाल का लंबा अनुभव, उनकी साफ़-सुथरी छवि और ईमानदारी भी एक बड़ी वजह बनी है। वह इससे पहले सीआईएसएफ के डीजी के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है। सोमवार की शाम में देर शाम करीब 7.30 बजे तक चली लंबी बैठक में सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी सुबोध जायसवाल के नाम पर सहमति जतायी। इस नाम पर सहमति बनी तो इनके नाम को प्रस्तावित कर कैबिनेट कमेटी ऑन अपॉइंटमेंट के सामने भेज दिया था। जिसके बाद मंगलवार देर शाम सुबोध जायसवाल के नाम का नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया। सुबोध जायसवाल के साथ-साथ जिस दूसरे नाम पर चर्चा हुई उनमें राजेश चंद्रा का नाम भी आगे था।सोमवार की शाम में देर शाम करीब 7.30 बजे तक चली बैठक में सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी सुबोध जायसवाल के नाम पर सहमति जतायी। इस नाम पर सहमति बनी तो इनके नाम को प्रस्तावित कर कैबिनेट कमेटी ऑन अपॉइंटमेंट के सामने भेज दिया था। जिसके बाद मंगलवार देर शाम सुबोध जायसवाल के नाम का नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया। झारखंड से है खास रिश्ता… सुबोध जायसवाल का झारखंड से खास रिश्ता है, सीबीआई के मुखिया बने सुबोध कुमार जायसवाल का जन्म 22 सितंबर 1962 को धनबाद जिले में हुआ। महज 23 साल की उम्र में ही वह आईपीएस अधिकारी बन गए। उनकी प्रारंभिक शिक्षा धनबाद में ही हुई। साल 1978 में उन्होंने डिनोबली डिगवाडीह से 10 वीं की परीक्षा पास की। उन्होंने बी.ए. और एमबीए किया। वह तीन बार एनडीए की परीक्षा में फेल हो चुके हैं। असफलता से तुरंत टूट जाने वाले लोगों को इनसे सीखना चाहिए। उन्होंने यूपीएसपी क्रेक किया और अब तक चार प्रधानमंत्रियों के साथ काम कर चुके हैं। पुलिस महकमे का शायद ही ऐसा कोई महत्वपूर्ण विभाग होगा जिसमें सुबोध कुमार ने अहम जिम्मेदारी न निभायी होगी। वह कैबिनेट सचिवालय में अतिरिक्त सचिव भी रह चुके हैं। रॉ के लिए उन्होंने देश के बाहर कई सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया। सुबोध जायसवाल का परिवार सिंदरी रोड पाथरडीह में रहता था। सुबोध के पिता शिवशंकर जायसवाल का धनबाद के सिंदरी में अपना कारोबार था। वे लंबे समय तक सिंदरी रोटरी क्लब के अध्यक्ष भी रहे थे। यहां शिवशंकर जायसवाल बड़े कारोबारियों में गिने जाते थे। उनके एक भाई मनोज जायसवाल चेन्नई में प्रोफेसर हैं, जबकि दूसरे भाई प्रिंस विदेश में रहते हैं। सुबोध जायसवाल की शादी झारखंड के जाने-माने कारोबारी शिवप्रसाद साहू के परिवार में हुई है। Post Views: 243