दिल्लीमहाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य बीजेपी सांसद संभाजी ने की शरद पवार से मुलाकात, कहा- आरक्षण को लेकर मराठा समुदाय में बहुत अशांति 27th May 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद संभाजी राजे छत्रपति ने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर मैं पिछले कुछ दिनों से विभिन्न नेताओं से मिल रहा हूं। आज (गुरुवार) मेरी मुलाकात एनसीपी चीफ शरद पवार से हुई। मैंने उनसे कहा कि आरक्षण को लेकर मराठा समुदाय में बहुत अशांति है। मराठा आरक्षण के लिए सभी नेताओं और पार्टियों को एक साथ आने की जरूरत है। पवार के निवास के बाहर राज्यसभा सदस्य ने संवाददाताओं से कहा कि मैंने पवार को मराठा समुदाय में व्याप्त अशांति एवं दर्द से अवगत कराया और उनसे इस मामले में पहल करने की अपील की। राकांपा प्रमुख से इस मामले पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और अन्य नेताओं को शामिल करने तथा समुदाय को न्याय देने को कहा। उन्होंने कहा, पवार ने मुद्दे को ध्यान से सुना और सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। बता दें कि मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज के वशंज, संभाजी राजे छत्रपति भावी कार्रवाई के संबंध में समुदाय के स्थानीय लोगों से चर्चा करने के लिए राज्य के कई हिस्सों में जा रहे हैं। गौरतलब है कि बीती 5 मई को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में मराठा आरक्षण को दिए जाने वाले आरक्षण के निर्णय को खारिज कर दिया है। सुप्रीमकोर्ट ने महाराष्ट्र में मराठों को नौकरी और शिक्षा में दिया जाने वाला आरक्षण असंवैधानिक ठहराया है। कोर्ट ने आरक्षण की अधिकतम 50 फीसद सीमा तय करने वाले 1992 के इंदिरा साहनी निर्णय को पुनर्विचार के लिए बड़ी पीठ को भेजने की मांग को भी ठुकरा दिया था। पांच जजों वाली संविधान पीठ को सर्वसम्मति से कहना था कि मराठा समाज को कोटा देने वाले महाराष्ट्र के कानून में 50 प्रतिशत की सीमा का उल्लंघन करता है। मराठाओं को आरक्षण देते समय 50 फीसद आरक्षण का उल्लंघन करने का कोई वैध आधार ही नहीं था, इस निर्णय में यह भी स्पष्ट किया कि मराठा समुदाय से जुड़े लोगों को शैक्षणिक और सामाजिक रूप से पिछड़े समुदाय के रूप में घोषित श्रेणी में नहीं लाया जा सकता है। हालांकि, बांबे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में मराठाओं के लिए आरक्षण के निर्णय को बरकरार रखा था। इस निर्णय को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था। यह महत्वपूर्ण निर्णय न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सुनाया था। Post Views: 213