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100 करोड़ की वसूली मामला: अपने ही दावे में घिरे शरद पवार, BJP ने वीडियो ट्वीट कर एनसीपी प्रमुख के बयान को बताया झूठा

मुंबई: हर महीने सौ करोड़ रुपए की वसूली के मामले में महाराष्ट्र सरकार घिरती नज़र आ रही है। सोमवार को राकांपा प्रमुख शरद पवार ने दावा किया कि गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे आरोपों में कोई दम नहीं है और उन्हें इस्तीफा देने की जरुरत नहीं। उन्होंने ये भी कहा कि आरोपों में जिन तारीखों का जिक्र किया गया है उन तारीखों में महाराष्ट्र के गृहमंत्री देशमुख अस्पताल में भर्ती थे। उसके बाद वो लंबे वक्त तक क्वारनटीन में रहे। लेकिन शरद पवार अपने इस दावे पर घिर गए हैं।


शरद पवार के इस बयान के तुरंत बाद बीजेपी के अमित मालवीय ने ट्विटर पर अनिल देशमुख के पुराने ट्वीट को रिट्वीट किया। ट्वीट के मुताबिक, अनिल देशमुख 15 फरवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। जबकि शरद पवार ने अपने दावे में कहा था कि 5 से 15 फरवरी तक अनिल देशमुख अस्पताल में थे। इसके बाद 16-27 फरवरी तक वह क्वारनटीन रहे।

सोमवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राकांपा चीफ शरद पवार ने कहा कि मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुकेश अंबानी को खतरे वाले केस से ध्यान बंटाने के लिए देशमुख पर ‘अनर्गल आरोप’ लगाए हैं। पवार ने कहा कि देशमुख के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह पूरा मुद्दा असली गंभीर मुद्दे से हटाने के लिए शुरू किया गया है।
पवार ने एंटीलिया केस का जिक्र करते हुए कहा कि अब इस केस में दो गिरफ्तारियां भी हो गई है।उन्होंने कहा, गंभीर मसला अंबानी बम धमकी केस का है। एंटी-टेरर स्क्वॉड ने दो गिरफ्तारियां भी की हैं। यह साफ हो गया है कि मनसुख हिरेन की हत्या किसने की है। अब जांच में पता चलेगा कि इन्होंने क्यों और किसके कहने पर हत्या की थी? उन्होंने कहा कि मुंबई एटीएस की जांच सही दिशा में जा रही है, जिसके चलते परमबीर सिंह ने ये अनर्गल आरोप लगाए हैं।

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से वंचित बहुजन अघाडी के नेता प्रकाश आंबेडकर के मुलाकात करने और महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करने के मुद्दे पर शरद पवार ने कहा कि उन्होंने इस बारे में संज्ञान लिया है कि उनके पीछे कौन लोग हैं।
बता दें कि मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने तबादले के बाद मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर इस बात का खुलासा किया था कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली करने के लिए कहा था।परमबीर सिंह ने कहा था कि देशमुख ने सचिन वाझे को कई बार घर पर मिलने के लिए बुलाया। गृहमंत्री ने वाझे को बताया था कि मुंबई में लगभग 1,750 बार, रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठान हैं। प्रत्येक से हर महीने 2-3 लाख अगर लिए जाएं तो 40-50 करोड़ का जुगाड़ हो जाएगा। गृहमंत्री ने कहा था कि बाकी बची रकम अन्य स्रोतों से बनाया जा सकता है। परमबीर सिंह ने अपने इस पत्र में वसूली को लेकर एसपी पाटील नाम के एक पुलिस अधिकारी के साथ हुए उनके बातचीत का जिक्र भी किया है। परमबीर सिंह और एसपी पाटील के बीच 16 और 19 मार्च के बीच बातचीत हुई थी। हालांकि, अनिल देशमुख ने इन दावों को गलत बताया था और परमबीर सिंह पर मानहानि का दावा करने की बात कही थी।

गृहमंत्री अनिल देशमुख के घर के CCTV की जांच की मांग
अब पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। परमबीर सिंह ने अपील की है कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के घर के सीसीटीवी की जांच की जाए। याचिका में परमबीर सिंह ने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी चिट्ठी में उन्होंने जो दावे किए हैं, उनकी सीबीआई द्वारा जांच की जानी चाहिए। इसके अलावा अफसर रश्मि शुक्ला ने ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर जो रिपोर्ट सबमिट की थी, उसकी भी जांच की जानी चाहिए।

परमबीर सिंह ने यह याचिका सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की। उन्होंने मांग की है कि अनिल देशमुख गृहमंत्री रहते इस मामले में सबूतों से छेड़छाड़ कर सकें, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में निष्पक्ष जांच के लिए यह केस सीबीआई को दिया जाए। परमबीर सिंह ने मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से खुद को ट्रांसफर किए जाने की अधिसूचना पर रोक की मांग की। साथ ही उन्होंने देशमुख के घर का सीसीटीवी फुटेज जब्त करने की भी मांग की। सिंह की ओर से इस मामले में वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी पक्ष रखेंगे।

गौरतलब है कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास विस्फोटक से भरी स्कार्पियो मिली थी। इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में अब तक जो भी कुछ सामने आया है उससे पता चलता है कि पूरे मामले की साजिश पुलिस मुख्यालय और असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर (API) सचिन वाझे के ठाणे स्थित घर पर रची गई थी। पुलिस मुख्यालय में स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन का पहले से ही आना-जाना था। इस केस में वाझे की भूमिका सामने आने के बाद उसे एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया था। बाद में मुंबई के तत्कालीन कमिश्नर परमबीर सिंह का भी तबादला कर दिया गया।