ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य मानसून सत्र के समाप्त होने पर सीएम ठाकरे बोले- विधायकों ने महाराष्ट्र को किया शर्मसार! 7th July 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि विधानसभा के सदन में हुई घटना और विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में तालिका अध्यक्ष भास्कर जाधव के साथ भाजपा विधायकों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार से महाराष्ट्र शर्मसार हुआ है। उन्होंने कहा कि सोमवार की सदन में हुई घटना शर्म से सिर झुकाने वाली थी। महाराष्ट्र की परंपरा को शर्मसार और लांछनास्पद है। यह स्वस्थ लोकतंत्र का लक्षण नहीं है। यह हमारी संस्कृति नहीं है। मंगलवार को मानसून अधिवेशन के सत्रावसान के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी के आरक्षण की बहाली के लिए केंद्र सरकार से इंपेरिकल डाटा (अनुभवजन्य आंकड़े) मांगने के संबंध में विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया था। इसमें सरकार ने कोई नया प्रस्ताव नहीं लगाया था। मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात में भी ओबीसी का इंपेरिकल डाटा उपलब्ध कराने का आग्रह किया था। फिर भी मुझे समझ में नहीं आया कि विपक्ष को मिर्ची क्यों लगी? मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि ओबीसी समाज को लेकर भाजपा के मन में कोई द्वेष है तो उसको दूसरे तरीके से प्रकट किया जा सकता था। मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि मराठा आरक्षण के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश करने के प्रस्ताव के समय विपक्ष सदन में मौजूद नहीं था। आखिर विपक्ष हंगामा करके क्या हासिल करना चाहता था? विपक्ष को तांडव करनी की जरूरत नहीं थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी घटना दोबारा न हो। इसके लिए सभी लोगों को अपनी मर्यादा तय करनी पड़ेगी। उद्धव ने कहा कि विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस का कहना था कि केंद्र सरकार के पास मौजूद साल 2011 के जनगणना में खामियां हैं। लेकिन यदि खामियां है तो केंद्र सरकार उस जनगणना का इस्तेमाल उज्जवला गैस योजना समेत अन्य योजनाओं के लिए कैसे कर रही है? 30 साल एक साथ रहकर कुछ नहीं हुआ तो अब क्या होगा शिवसेना और भाजपा के दोबारा साथ आने की अटकलों को मुख्यमंत्री ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि शिवसेना पुरानी सहयोगी भाजपा के साथ 30 सालों से थी। तब नहीं हुआ तो अब क्या होगा। फिर मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे अगल-बगल में उपमुख्यमंत्री अजित पवार और राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात बैठे हैं। यदि मुझे निकलना है तो मैं किस ओर से निकलूं यह आप (मीडिया) ही बताइए। कोरोना की स्थिति नियंत्रण के बाद विधानसभा अध्यक्ष चुनाव मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की स्थिति थोड़ी नियंत्रण में आने के बाद विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव होगा। इस बारे में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को अवगत कराया गया है कि विधानसभा अध्यक्ष पद रिक्त होने से कोई संवैधानिक संकट नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव पूर्व की प्रक्रिया चार से पांच दिनों की होती है। क्योंकि चुनाव के बारे में पहले राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को अवगत करना पड़ेगा। इसके बाद सभी विधायकों की कोरोना जांच भी आवश्यक है। इसलिए कोरोना की स्थिति थोड़ी नियंत्रण में होने के बाद चुनाव कराया जाएगा। Post Views: 180