Uncategorisedउत्तर प्रदेशदिल्लीब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिशहर और राज्य योगी मंत्रिमंडल 2.0: विधायक बनने के बाद भी ये नहीं बनाए गए मंत्री! 25th March 2022 networkmahanagar 🔊 Listen to this लखनऊ: लगातार दूसरी बार आज योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। उनके अलावा केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई गई। सीएम योगी के अलावा डिप्टी सीएम समेत 52 मंत्रियों ने शपथ ली है। वहीँ नए मंत्रिमंडल में कई पुराने चेहरों की वापसी हुई है, लेकिन पिछली सरकार में मंत्री रहे करीब 22 मंत्रियों को इस बार सरकार में जगह नहीं मिली है। 1- दिनेश शर्मा योगी के दूसरे कार्यकाल में यूपी के उपमुख्यमंत्री रहे दिनेश शर्मा का पत्ता काट दिया गया है। दिनेश शर्मा पिछली सरकार में सूबे के डिप्टी सीएम थे। लखनऊ नगर निगम में मेयर पद से राजनीति शुरू करने वाले डॉ दिनेश शर्मा भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे हैं। साल 2017 में इन्हे बिना चुनाव लड़ाए ही डिप्टी सीएम बना दिया गया था। बताया जाता है कि अपने विभाग के प्रति उदासीनता और कार्यकर्ताओं के तालमेल अच्छा ना होने के कारण उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है। हालांकि, ऐसा कहा जा रहा है कि, उन्हें संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। 2- सतीश महाना सतीश महाना बीते 32 साल लगातार कानपुर में कमल खिला रहे हैं। सतीश महाना बीजेपी के ऐसे चहेरे हैं, जिन्होने कभी हार का स्वाद नहीं चखा है। महाना 1991 से लगातार विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं। लेकिन उन्हें लेकर इस चुनाव में बीजेपी नेतृत्व को मिली रिपोर्ट अच्छी नहीं थी। जिसकी वजह से उन्हें इस बार मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। 3- श्रीकांत शर्मा 4- सिद्धार्थ नाथ सिंह कार्यकर्ताओं के प्रति रूखापन, क्षेत्र से कटे रहना और विभागीय कामों की धीमी रफ्तार के चलते उनका पत्ता काट दिया गया है। इसके अलावा इस विधानसभा चुनाव में सिद्धार्थ सिंह अपनी सीट से चुनाव हार गए हैं। 5-राम नरेश अग्निहोत्री संगठन को सहयोग न करना और विभाग में अधिकारियों की ट्रान्सफर पोस्टिंग से सीएम योगी काफी नाराज रहे। इसी वजह से इनको बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। 6-नीलकंठ तिवारी की भी हुई छुट्टी पिछली बार स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री रहे पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘काशी विश्वनाथ कॉरिडोर’ की देखरेख करने वाले काशी के नीलकंठ तिवारी भी मंत्रियों की सूची से गायब हैं। नीलकंठ के पास धर्मार्थ कार्य और पर्यटन जैसे विभाग थे। पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को उन्हीं की देखरेख में बनाया गया था। विश्वनाथ मंदिर का गलियारा दक्षिणी वाराणसी शहर में आता है जहां से नीलकंठ तिवारी विधायक हैं और इस बार बड़ी मशक्कत से चुनाव जीत पाए। बताया जाता है कि स्थानीय जनता उनसे काफी असंतुष्ट थी। 7-रमा पति शास्त्री 8-मोहसिन रजा 9-अतुल गर्ग 10-आशुतोष टंडन 11-जय प्रताप सिंह 12-अशोक कटारिया 13-डॉ महेंद्र सिंह 14-श्री राम चौहान 15-जय कुमार जैकी 16-अनिल शर्मा 17-सुरेश पासी 18-चौधरी उदय भान सिंह 19-रामशंकर सिंह पटेल 20-नीलिमा कटियार 21-महेश गुप्ता 22-जी एस धर्मेश Post Views: 232