ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहर बॉम्बे हाईकोर्ट का निर्देश- BMC स्वीकार करे ऋतुजा लटके का इस्तीफा 13th October 2022 Network Mahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट से उद्धव की पार्टी की उम्मीदवार ऋतुजा लटके के इस्तीफे की राह आसान हो गई है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बृहन्मुम्बई महानगरपालिका (बीएमसी) को आदेश दिया है कि शुक्रवार सुबह 11 बजे तक ऋतुजा लटके का इस्तीफा स्वीकार करें। इस फैसले से उद्धव ठाकरे गुट को बड़ी राहत मिली है। दरअसल, मुंबई की अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में ऋतुजा लटके उद्धव ठाकरे गुट की उम्मीदवार हैं। शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के बाद इस सीट पर चुनाव हो रहा है और ऋतुजा लटके दिवगंत विधायक रमेश लटके की पत्नी हैं। 3 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुटों के बीच आन बान शान का मुकाबला है। उद्धव ने ऋतुजा लटके और एकनाथ शिंदे ने रमेश पटेल को सियासी मैदान में उतारा है। बता दें कि महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ मिलकर एकनाथ शिंदे सत्ता पर काबिज होने के बाद से उद्धव ठाकरे के लिए सियासी चुनौती बने हुए हैं। शिंदे अपने सियासी दांव से एक के बाद एक मामले में उद्धव ठाकरे को मात देने का प्लान तैयार कर लेते हैं। अब 3 नवंबर को होने वाले इस उपचुनाव में नामांकन करने की आखिरी तारीख 14 अक्टूबर है। ऋतुजा लटके बृहन्मुम्बई महानगरपालिका (बीएमसी) में क्लर्क हैं। ऐसे में चुनाव लड़ने की स्थिति में उनका लाभ के पद पर बने रहना विवाद का मुद्दा बन सकता है। इसलिए उन्होंने 2 सितंबर को अपने पद से इस्तीफा दिया और अनुरोध किया था कि चुनाव होने के बाद उनका इस्तीफा मंजूर किया जाए। लेकिन बीएमसी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं कर रही थी। जिसके बाद उद्धव ठाकरे गुट ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। क्या है बीएमसी की दलील? बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान बीएमसी के वकील साखरे ने कहा कि ऋतुजा लटके के खिलाफ शिकायत पेंडिंग है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत है और रिश्वतखोरी की विभागीय जांच चल रही है। इस मामले की शिकायत 12 अक्टूबर को दर्ज की गई थी। काम के दौरान भी वह कभी ऑफिस नहीं जाती थी, वह केवल संपर्क के लिए काम करती थी। इसके अलावा नियम कहता है कि अगर कोई निगम नौकरी छोड़ना चाहता है तो उसे एक महीने का लिखित नोटिस दिया जाना चाहिए। ऐसे में हम 30 दिनों का नोटिस पूरा होने से पहले निर्णय ले लेंगे। ऋतुजा लटके की दलील ऋतुजा लटके के वकील विश्वजीत सावंत ने कहा कि यह एक दुर्भावनापूर्ण शिकायत है और ये जानबूझ कर किया जा रहा है। उन्होंने पहला पत्र 2 सितंबर को लिखा था और बीएमसी ने उसका जवाब 29 सितंबर को दिया था। चुनाव की घोषणा के तुरंत बाद एक बार फिर इस्तीफा सौंप दिया गया। अगर ऋतुजा चुनाव लड़ती हैं, तो जांच के समय उनके नामांकन को चुनौती दी जा सकती है और कहा जाएगा कि वे लाभ के पद का आनंद ले रही हैं। इसलिए ये उनके फॉर्म को खारिज करने की एक साजिश है। ऋतुजा लटके को दिया जा रहा मंत्री पद का प्रलोभन गौरतलब है कि शिवसेना में बगावत के बाद दोनों गुटों के बीच पार्टी के नाम और सिंबल का मामला तात्कालिक रूप से सुलझते ही अब उनके बीच विधानसभा की अंधेरी पूर्व सीट पर होने जा रहे उपचुनाव की उम्मीदवारी पर घमासान मचा हुआ है। शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी के नेताओं ने एकनाथ शिंदे की पार्टी ‘बालासाहेबांची शिवसेना’ पर अपने उम्मीदवार पर बेजा दबाव बनाने का आरोप लगाया है। बुधवार को उद्धव की पार्टी के नेताओं में अनिल परब और विनायक राउत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि शिंदे गुट उनकी उम्मीदवार ऋतुजा लटके पर उनके चुनाव चिह्न ‘दो तलवार और ढाल’ पर उपचुनाव लड़ने का दबाव बना रहा है। उन्हें मंत्री पद का प्रलोभन दिया जा रहा है। परब ने दावा किया कि बीएमसी द्वारा जानबूझकर ऋतुजा लटके का इस्तीफा मंजूर नहीं किया जा रहा है, ताकि उन पर शिंदे गुट से चुनाव लड़ने का दबाव बनाया जा सके। हालांकि, उनके इस्तीफे की पूरी फाइल बीएमसी के पास है। चुनाव लड़ूंगी तो सिर्फ ‘मशाल चिन्ह’ पर: ऋतुजा लटके इसके बाद महानगरपालिका आयुक्त कार्यालय के बाहर ऋतुजा लटके ने खुद प्रतिक्रिया देते कहा कि मुझ पर कोई दबाव नहीं है। हमारी वफादारी उद्धव ठाकरे के साथ है। आगे उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से नहीं मिली हूं। ऋतुजा लटके ने आगे कहा कि अगर मैं चुनाव लड़ूंगी तो सिर्फ ‘मशाल चिन्ह’ पर ही लड़ूंगी। बाकी किसी भी चिन्ह पर नहीं। मेरे और मेरे पति रमेश लटके की वफादारी ठाकरे साहेब के साथ है। Post Views: 212