चुनावी हलचलदिल्लीमहाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिलातूरशहर और राज्य एक मंच पर PM मोदी-उद्धव ठाकरे, फिर दिखी रिश्तों में गरमाहट..! 9th April 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this लातूर, तमाम गिले-शिकवे भुलाकर लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन करने वाली बीजेपी और शिवसेना के रिश्तों में पुरानी गरमाहट एक बार फिर से देखी जा रही है। 2014 में केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के कुछ समय बाद ही दोनों दलों के बीच मतभेद की खबरें आने लगी थीं। शिवसेना महाराष्ट्र में बीजेपी के खिलाफ लगातार हमले कर रही थी। हालांकि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मिल बैठकर आपसी मतभेद दूर कर एक साथ आने की घोषणा की। लातूर में यह रिश्ता आज उस समय और मजबूत होता दिखा जब पीएम नरेंद्र मोदी और शिवसेना चीफ उद्धव एक दूसरे का हाथ पकड़ 28 महीने बाद एक मंच पर आए।दरअसल, आज की तस्वीर ने दोनों दलों के बीच कड़वाहट को भुला रिश्तों में मधुरता को सामने ला दिया है। पीएम मोदी और उद्धव ने केवल मंच पर हाथ पकड़कर साथ आए बल्कि पीएम ने उद्धव के कंधों पर हाथ रखकर बातें कीं। बता दें कि इससे पहले शिवसेना पीएम मोदी पर भी लगातार हमले करती थी। खुद बीजेपी चीफ अमित शाह ने कहा था कि दोनों दल मतभेद भुलाकर साथ आए हैं और यह गठबंधन राज्य में 45 सीटें जीतेगा।बीजेपी चीफ अमित शाह ने कहा था, दोनों पार्टियों के समर्थकों को कहना चाहता हूं कि शिवसेना और अकाली ने हमेशा अच्छे-बुरे समय में बीजेपी का साथ दिया है। मुझे खुशी है कि दोनों पार्टियां मतभेदों को भुलकर आगे बढ़ रही हैं। हम दोनों कई मुद्दों पर साथ आगे बढ़े हैं। आने वाले चुनाव में हम विजयी बनेंगे। सेना और बीजेपी को कम से कम 45 सीटें मिलेंगी। जनता भी चाहती है कि यह सरकार फिर से लौटे। महाराष्ट्र सरकार ने भी करप्शन को उखाड़ फेंकने का काम किया है।महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि यह वक्त मतभेद भुलाकर साथ आने का है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग बीजेपी-शिवसेना को लड़ाना चाहते हैं। हमारे बीच मतभेद हैं, लेकिन विचार एक है। सीएम ने कहा था, बीजेपी और शिवसेना पिछले 25 साल से साथ हैं, पिछले विधानसभा चुनाव में हम साथ नहीं थे, फिर भी हमने साथ में सरकार चलाई है। बीजेपी और शिवसेना सैद्धांतिक रूप से हिंदूवादी पार्टियां हैं। Post Views: 273