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सामाजिक कार्यों के दम पर राजनीति में भी बनाई अलग पहचान!

पने आत्मविश्वास को मैंने बुलंद बनाया है…सफलता का ये आलम मेरी मेहनत से सजाया है। आत्मविश्वास से लबरेज़ दीपक सिंह बताते हैं कि मेरा परिवार उत्तर प्रदेश में जौनपुर जनपद के मड़ियाहूं तहसील के एक गावं भरथीपुर का रहने वाला है। परन्तु मेरा जन्म १५ दिसंबर १९८९ को मुंबई में हुआ और मेरा ग्रेजुएशन भी मुंबई में ही हुआ। एमबीए की पढाई के बाद मेरा रुझान समाजसेवा और राजनीति की तऱफ हुआ। वर्तमान में मैं भारतीय जनता युवा मोर्चा का मुंबई उपाध्यक्ष व दक्षिण मध्य मुंबई जिला प्रभारी के पद पर रहकर भाजपा को मजबूत व सशक्त बनाने के साथ-साथ पार्टी की नीतियों को आमजनता के बीच पहुंचाने का कार्य कर रहा हूँ।

दीपक कहते हैं कि लोगों की दुआओं में आने की कोशिश करो। स्वयं को दीपक बनाओ और जलो, तभी दूसरों तक प्रकाश पहुंचा सकोगे। स्वयं की ऊर्जा से दूसरों को ऊर्जस्वित करो। दीपक की तरह मनुष्य की सार्थकता भी इसी में है। धारावी में रहने वाले भाजपा के युवा उत्तर भारतीय नेता और लोगों के चहेते युवा सामाजिक कार्यकर्ता दीपक सिंह ने अपने सामाजिक सेवाओं की बदौलत सिर्फ उत्तर भारतीयों में ही नहीं बल्कि हर वर्ग में अपनी अमिट पहचान बना ली है। हर वर्ग के लिए बिना किसी भेदभाव से उनके द्वारा किये जा रहे सामाजिक कार्यों की जमकर सराहना की जाती है। दीपक कहते हैं कि ईश्वर ने मुझे सब कुछ दिया है, मैं सिर्फ लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए दिन-रात मेहनत कर उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने का एक छोटा सा प्रयास करता हूं, जिसमें मुझे बहुत ख़ुशी मिलती है।


दीपक सिंह किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। विनम्र मित्रवत व्यवहार और पहली नज़र में ही हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर लेने वाली उनकी मधुर मुस्कान लोगों को उनके करीब आने के लिए विवश कर देती है। दीपक बताते हैं कि सुबह उठने के बाद से ही उनके पास जरूरतमंद लोगों के फोन आने लगते हैं और पूरा दिन लोगों की मदद करने में कब निकल जाता है, मालूम ही नहीं पड़ता।

राजनीति में देवेंद्र फडणवीस को अपना आदर्श मानने वाले और अपने पिता आज़ाद सिंह के पदचिन्हों पर चलते हुए दीपक उन दिनों को याद करते हुए भावुक हो जाते है और कहते हैं कि कोरोना काल में जब संक्रमण ने पूरी धारावी को अपनी चपेट में ले लिया तो पूरा इलाका ही कंटेनमेंट जोन बन गया, तब भी उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर अपने युवा कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर धारावीकरों की हरसंभव मदद में जुटे रहे। चाहे किसी को अस्पताल में बेड की जरुरत हो या फिर रेमडेसिविर इंजेक्शन की। वे पूरे दिन अपना घर छोड़कर दोस्तों व कार्यकर्ताओं के साथ, दूसरे का घर-परिवार बचाने के लिए इधर-उधर भटकते रहते थे। इनके नेतृत्व में धारावी में घर-घर राशन किट पहुंचाया गया। दीपक कहते हैं कि उस समय प्रशासन ने भी उनके सामाजिक कार्यों को देखते हुए उन्हें भरपूर सहयोग दिया और उनकी मेहनत रंग लायी, जिसने धारावी की तस्वीर ही बदलकर रख दी और उनके इस कार्यों के चलते कई सामाजिक संस्थाओं ने उन्हें प्रशस्ति पत्र और सम्मानचिन्ह देकर ‘कोविड-योद्धा सम्मान’ से सम्मानित किया।

आखिर में बताते चले कि धारावी की जनता दीपक सिंह को भावी नगरसेवक के रुप में देख रही है। वहीं, दीपक कहते हैं कि ईश्वर ने मुझे सब कुछ दिया है और यदि मेरी पार्टी ने मुझे आदेश दिया तो मैं निश्चित तौर पर चुनाव लड़ने और धारावी की जनता के प्रेम और आशीर्वाद की बदौलत चुनकर आने की तैयारी में लग जाऊंगा। लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए दिन-रात एक करके जी-जान से मेहनत कर उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा।