दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहर ज़िंदगी की जंग हारीं स्वर कोकिला शारदा सिन्हा; राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार! 6th November 2024 networkmahanagar 🔊 Listen to this पटना: देश की सबसे मशहूर लोकगायिक शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रहीं। लेकिन, उनकी आवाज हमेशा जिंदा रहेंगी। दिवाली से छठ महापर्व तक उनकी ही गीत हर घर, गली और छठ घाटों पर गूंजतीं रहती हैं। मंगलवार देर रात दिल्ली एम्स में उन्होंने अंतिम सांस ली तो यूपी-बिहार ही नहीं पूरे देश में शोक की लहर दौर पड़ी। महज 72 साल की उम्र में ही उनका जाना किसी बड़े सदमे से कम नहीं है। उनके बेटे अंशुमान सिन्हा की मानें बिहार की स्वर मल्टीपल मायलोमा जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थीं। यह कैंसर का एक प्रकार हैं। 2017 से ही वह इस बीमारी से जूझ रही थीं। लेकिन, अपनी बीमारी को सार्वजनिक नहीं किया। हमेशा लोगों के बीच हंसते हुए अपनी आवाज देती रहीं। शारदा सिन्हा ने मंगलवार रात करीब 9:20 बजे दिल्ली स्थित AIIMS में आखिरी सांस ली। इसी के साथ की एक सदी का अंत हो गया है। छठ पूजा के गीतों का पर्याय पद्म भूषण शारदा सिन्हा ने छठ पूजा के पहले दिन नहाय-खाय को ही दुनिया को अलविदा कहा है। वह लंबे समय से कैंसर से जूझ रही थीं और एक हफ्ते से अस्पताल में भर्ती थीं। शारदा सिन्हा की गायिकी में न सिर्फ बिहार की, बल्कि पूरे भारत की लोक संस्कृति की महक बसी थी। उनके गाए हुए गीत पर्व-त्योहारों का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। छठ, विवाह और होली के अवसर पर गाए उनके गीत घर-घर में गूंजते हैं। उनके सैकड़ों गीतों ने न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश में लोकप्रियता पाई। बेटे अंशुमान सिन्हा के अनुसार, उनकी इच्छा थी कि मेरी व्यक्तिगत पीड़ा को सार्वजनिक नहीं की जाए। उन्हें क्या तकलीफ है, इस बात की व्याख्या करके काम करना, उन्हें पसंद नहीं। पिता जी (ब्रजकिशोर सिन्हा) के देहांत के बाद उनका मनोबल टूट गया। उन्हें बड़ा झटका लगा। वह पूरी तरह से टूट गईं। इस कारण वह आंतरिक लड़ाई लड़ने में कमजोर हो गईं। पिताजी के श्राद्ध खत्म होने के ठीक बाद हमलोग उनके स्वास्थ्य की रूटीन जांच के लिए दिल्ली आए। इसी दौरान उनकी बीमारी में तेजी से बढ़ोतरी होने लगी। इसलिए डॉक्टर की सलाह पर उन्हें एम्स में भर्ती करवाया गया। कुछ दिन स्थिति ऐसी हुई अस्पताल में जंग लड़ते-लड़ते उनकी सांसें थम गईं। प्रशंसकों में शोक की लहर! शारदा सिन्हा फिर से सेहतमंद होकर लौटेंगी. मौत से लड़कर वो जीतेंगी। ये उम्मीद उनके प्रशंसकों और परिवारजनों को थी, लेकिन शारदा सिन्हा जिंदगी की जंग हार गयीं और उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए। सोशल मीडिया पर भी उनके प्रशंसक उन्हें याद करके श्रद्धांजलि दे रहे हैं। खासकर छठ महापर्व के बीच में उनका इस दुनिया से जाना लोगों को अधिक रूला गया है। हालांकि, शारदा सिन्हा आज भी और आने वाले दिनों में भी अपनी गीतों के माध्यम से सबके अंदर जीवित रहेंगी। राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार शारदा सिन्हा के निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा ऐलान किया है। सीएम नीतीश ने घोषणा की है कि शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। Post Views: 42