चुनावी हलचलदिल्लीदेश दुनियाब्रेकिंग न्यूज़राजनीति

देश ही नहीं दुनियाभर में हो रही दिल्ली चुनाव की चर्चा; ”आप” का किला ढहा कर इंटरनेशनल मीडिया में छाए पीएम मोदी!

नयी दिल्ली: दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रचंड जीत के बाद 27 साल बाद पार्टी सरकार बनाने जा रही है। भाजपा की आंधी में कई धुरंधर धराशाई हो गए। दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सीएम फेस का ऐलान नहीं किया था। ऐसे में पार्टी के नाम पर जनता ने वोट दिया। चुनाव में भाजपा ने 48 सीटें जीती हैं, जबकि ”आप” की झोली में 22 सीटें गई है। दिल्ली चुनाव पर न केवल देश की बल्कि दुनियाभर की निगाहें थी। भाजपा की जीत के बाद इंटरनेशनल मीडिया ने भी यही प्रतिक्रिया दी है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने चुनाव के नतीजों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी के लिए एक “ऐतिहासिक जीत” बताया। जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया कि कैसे भाजपा के अभियान ने शासन, कानून और व्यवस्था तथा बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित किया। रिपोर्ट में कहा गया है- “यह जीत शहरी केंद्रों में पार्टी की बढ़ती अपील को रेखांकित करती है, खासकर मध्यम वर्ग के मतदाताओं के बीच, जो कभी ”AAP” का समर्थन करते थे।
वहीं, एक अन्य समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) ने दिल्ली में भाजपा की सत्ता में वापसी को “बड़ी राजनीतिक वापसी” बताया, जिसमें बताया कि ”आप” की घटती लोकप्रियता और आंतरिक संघर्षों ने इसकी हार में भूमिका निभाई। इसने यह भी उल्लेख किया कि कांग्रेस, अपने वोट शेयर में मामूली वृद्धि के बावजूद, प्रतियोगिता में एक दूर की खिलाड़ी बनी रही।

एल पैस, एक प्रमुख स्पेनिश समाचार पत्र ने लिखा कि भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी लगभग तीन दशकों के बाद दिल्ली में ”सत्ता में लौटी”. इनेंशियल टाइम्स ने लिखा- ”आप” को कभी एक मजबूत क्षेत्रीय ताकत के रूप में देखा जाता था, अब अस्तित्व के संकट का सामना कर रही है। रिपोर्ट में कहा गया है, दिल्ली AAP का आखिरी गढ़ था। इसे भाजपा से हारना उसकी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
वहीं, चुनाव को लेकर अल जजीरा ने राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई से बात की उन्होंने बताया कि दिल्ली एक छोटा भारत है, इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी आबादी रहती है और भाजपा ने दिखाया है कि अगर वे दिल्ली जीत सकते हैं, तो वे कुछ भी जीत सकते हैं।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में राजनीति की प्रोफेसर निवेदिता मेनन के हवाले से कहा- “ऐसा लगता है कि भाजपा फिर कभी चुनाव नहीं हारेगी।उन्होंने सिस्टम को मजबूती से बांध रखा है। बीबीसी ने चुनाव को भाजपा और ”AAP” दोनों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बताया। रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा के लिए दिल्ली की सत्ता हासिल करना सिर्फ चुनावी सफलता से कहीं अधिक 1998 से सत्ता से बाहर रहने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में उसकी महत्वपूर्ण पैठ है।दुनियाभर से भाजपा की इस जीत पर तमाम प्रतिक्रिया आ रही है।