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Ayodhya: जगदगुरु परमहंसाचार्य ने जताई अपनी हत्या की आशंका; बोले- तपस्वी छावनी पर कब्जे की नीयत से मेरी और मंदिर की सुरक्षा हटाई गई

परमहंसाचार्य की सुरक्षा में कमी से साधु-संतों में गहरा रोष…

नेटवर्क महानगर / अयोध्या
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में तपस्वी छावनी मंदिर को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता दिखाई दे रहा है। तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि उनकी सुरक्षा और मंदिर की सुरक्षा अचानक हटा ली गई है, जिससे मंदिर पर कब्जेदारी की आशंका और भी गहरी हो गई है। जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि कुछ दिन पहले एक व्यक्ति ने उन्हें आगाह किया था कि गुजरात का एक व्यक्ति मंदिर पर कब्जा करने की साजिश रच रहा है। उन्होंने कहा कि उस वक्त मंदिर पर कब्जा करने की सूचना को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन अब जब उनकी सुरक्षा हटाई गई है। तब ये बात साफ हो चुकी है कि किसी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के इशारे पर यह सब किया जा रहा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आचार्य ने हनुमानगढ़ी मंदिर से मदद की अपील की और इस अपील पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन संत प्रेमदास के नेतृत्व में एक इमरजेंसी बैठक बुलाई गई, जिसमें निर्वाणी अखाड़ा के महासचिव नंद रामदास, उज्जैनिया पट्टी के महंत संत रामदास और कई वरिष्ठ संतों ने भाग लिया।

नहीं होने देंगे तपस्वी छावनी पर कब्जा 
बैठक के बाद संत समाज ने एक सुर में कहा कि किसी भी कीमत पर तपस्वी छावनी पर कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने जगद्गुरु परमहंस आचार्य को तन-मन-धन से सहयोग देने की घोषणा की और हनुमानजी की प्रतिमा भेंट कर समर्थन का प्रतीकात्मक संदेश भी दिया। संत रामदास ने कहा, यहां के स्थानों को विवादित करना, जैसे कुछ लोगों की आदत बन चुकी है। प्रशासन हमारे साथ है और हमें पूरी उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा।
वहीं, जगदगुरु परमहंसाचार्य ने अपनी हत्या की आशंका जताई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि तपस्वी छावनी पर कब्जे की नीयत से उनकी और मंदिर की सुरक्षा हटाई गई है। अपनी इस पीड़ा को लेकर परमहंसाचार्य आज सुबह हनुमानगढ़ी पहुंचे और वहां के संतों को छावनी की ताजा स्थिति से अवगत कराया।