ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य मेडिकल (PG) में मराठा आरक्षण पर गरमाई राजनीति 14th May 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this आजाद मैदान में धरने पर बैठे नाराज मराठा विद्यार्थी मुंबई, (राजेश जायसवाल) : पोस्ट ग्रैजुएट (पीजी) मेडिकल कोर्स में मराठा विद्यार्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलने से राजनीति गरमा गई है। नागपुर खंडपीठ के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका खारिज होने के बाद राज्य सरकार की मंशा पर भी सवाल उठ रहे हैं। सरकार से नाराज मराठा विद्यार्थी आजाद मैदान पर धरने पर बैठ गए हैं।राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने छात्रों के आंदोलन के समर्थन का ऐलान कर दिया है। सोमवार सुबह अजित पवार आजाद मैदान पहुंच छात्रों से मुलाकात की। विद्यार्थियों के आंदोलन को उनका और उनकी पार्टी का पूरा समर्थन होने का घोषणा की। अजित पवार ने स्टूडेंट्स को साथ लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन से मुलाकात की और मराठा समाज को जल्द आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए सरकार से सभी आवश्यक कदम उठाने की मांग की, ताकि मौजूदा शैक्षणिक वर्ष से ही विद्यार्थियों को आरक्षण का लाभ मिल सके। अजित पवार ने कहा कि अध्यादेश लाने से स्टूडेंट्स को अगर न्याय मिल सकता है, तो सरकार को जल्द से जल्द अध्यादेश लाना चाहिए। एनसीपी के समर्थन में उतरने के बाद दोपहर को राज्य सरकार भी हरकत में आ गई। विद्यार्थियों के आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और गिरीश महाजन ने बैठक की। मुख्यमंत्री के साथ हुई चर्चा की जानकारी खुद गिरीश महाजन ने आजाद मैदान में जा कर छात्रों को दी। महाजन ने कहा कि सरकार अध्यादेश लाने पर विचार कर रही है। साथ ही कानूनी प्रक्रिया के जरिए कैसे समस्या का समाधान निकाला जा सकता है इस पर जानकारों की राय ली जा रही है। धोखा दे रही सरकार : राज ठाकरे सोमवार को मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे से भी विद्यार्थियों के एक प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की। राज ने कहा कि आरक्षण के नाम पर सरकार छात्रों को धोखा दे रही है। जब आरक्षण देना सरकार के हाथ में नहीं था, तो घोषणा ही नहीं करनी चाहिए थी। प्रवेश की तारीख आगे बढ़ी कोर्स में प्रवेश की अंतिम अवधि मंगलवार को समाप्त हो रही है। महाजन के कहा कि प्रवेश लेने कि अवधि को आगे बढ़ाया जा सकता है। विद्यार्थियों के प्रतिनिधि मंडल ने चुनाव अधिकारी दिलीप शिंदे से मुलाकत की है। मराठा आरक्षण के मुद्दे को हल करने के लिए सरकार को आचार संहिता में ढील देने की मांग की। मुख्यमंत्री को पत्र कोर्ट में मराठा आरक्षण को लेकर लड़ाई लड़ने वाले आर.आर. पाटील फाउंडेशन के अध्यक्ष विनोद पाटील ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने मांग की है। पाटील ने अपने पत्र में देशभर में लागू आरक्षण का हवाला दिया है। पाटील ने कहा कि देश के कुछ राज्यों में मराठा समाज की तरह अन्य स्थानीय समाजों को आरक्षण दिया गया है और सफलता पूर्वक लागू भी किया है। इसी तर्ज पर राज्य सरकार मराठा समाज के विद्यार्थियों को न्याय दे सकती है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार को अपनी जिम्मेदारियों से दूर नहीं भागना चाहिए। सरकार को हर एक विद्यार्थी को सीट उपलब्ध करवाकर उसकी संपूर्ण फीस भरने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। मेडिकल में इस साल मराठा आरक्षण देने के संबंध में हाई कोर्ट के फैसले के बाद पाटील ने ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। Post Views: 201