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शाह ने बुलाई राज्यों के नेताओं की मीटिंग, पार्टी के संगठन चुनावों पर होगी चर्चा

नयी दिल्ली, आम चुनाव में पार्टी की जोरदार जीत के बाद बीजेपी चीफ अमित शाह गृह मंत्री बन गए हैं। पार्टी में एक व्यक्ति एक पद की नीति पर अब तक काम होता रहा है, ऐसे में अब सबसे अहम सवाल यही है कि पार्टी अध्यक्ष के तौर पर अमित शाह का विकल्प किसे चुनेगी। फिलहाल अमित शाह ने 13 और 14 जून को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख नेताओं की दिल्ली में मीटिंग बुलाई है। इस दौरान पार्टी के संगठन चुनावों को लेकर चर्चा की जाएगी।
एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, मीटिंग में संगठन मंत्रियों को बुलाया गया है। संगठन के चुनाव पार्टी की सभी राज्य यूनिटों में होंगे। हालांकि हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड जैसे राज्यों में इसे टाला जा सकता है, जहां जल्दी ही विधानसभा के चुनाव होने हैं। राज्यों के चुनाव राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन से पहले होते हैं।
अमित शाह का तीन साल का कार्यकाल इस साल की शुरुआत में ही खत्म हो गया था, लेकिन लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उन्हें 6 महीने का कार्यकाल विस्तार दे दिया गया था। अमित शाह के गृह मंत्री बनने के बाद से कई दिग्गज नेताओं का मानना है कि वह पद छोड़ देंगे। हालांकि बीजेपी की ओर से अब तक इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।
इस बीच पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर अपना सदस्यता अभियान चलाने का भी फैसला लिया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले ही इस प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। पार्टी सूत्रों ने बताया कि बूथ स्तर से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक पूरे संगठन का पुनर्गठन होना है। राज्य कार्यकारिणी के सदस्य अपने अध्यक्ष का चुनाव करेंगे और फिर राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष को चुनेंगे। आमतौर पर ज्यादातर प्रदेश अध्यक्षों और राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव आम सहमति से ही होता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा का नाम अमित शाह के विकल्प की रेस में सबसे आगे बताया जा रहा है। इसके अलावा एक चर्चा यह भी है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर अमित शाह बने रह सकते हैं, लेकिन उनके सहयोग के लिए वर्किंग प्रेजिडेंट को चुना जा सकता है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि होम मिनिस्टर के तौर पर जिम्मेदारी संभालने के चलते उनके पास बीजेपी के लिए वक्त की कमी होगी।